भोपाल में उमा की शिवराज को सलाह, स्कूल-कॉलेज ही नहीं मजदूरों की बस्तियों से भी दूर खोलें शराब दुकान

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Jitendra Shrivastava
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भोपाल में उमा की शिवराज को सलाह, स्कूल-कॉलेज ही नहीं मजदूरों की बस्तियों से भी दूर खोलें शराब दुकान

BHOPAL. शराब बंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की मुहिम जारी है। हालांकि, बदलते वक्त के साथ उमा की मांगों में भी बदलाव होता जा रहा है। पहले शराबबंदी फिर धीरे-धीरे नशामुक्ति के बाद अब एक नई सलाह उमा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को दी है। उमा ने कहा है कि वह शराब की दुकानों को स्कूल-कॉलेज, धार्मिक स्थलों ही नहीं बल्कि मजदूरों की बस्तियों, अस्पताल और बस स्टैंड से आधा से एक किलोमीटर की दूरी पर ही खोलने की अनुमति दें। इसके लिए उमा भारती ने सीएम को पत्र लिखा है। 



चल रहा है उमा का अभियान



मध्य प्रदेश में शराब बंदी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ साल से मुखर हैं। कई बार वे शिवराज सरकार को चेतावनी दे दी चुकी हैं तो कुछ मर्तबा उन्होंने अपने इस संकल्प को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भी बताया है। वे कुछ समय तक इसके लिए तारीखें देकर आक्रामक रुख जाहिर भी कर चुकी हैं और दो बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी चर्चा कर चुकी हैं। इसके बाद जब शिवराज सरकार ने शराब बंदी के स्थान पर नशामुक्ति अभियान के बारे में अपना ऐलान किया तो वे सीएम के तर्क के आधार पर इस पर सहमत हो गईं लेकिन बीच-बीच में उनके शराब दुकानों पर आक्रामक रुख देखने को मिले। इस बार उन्होंने पिछली चर्चा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र में नई शराब नीति को लेकर अपनी सलाह दी है। 



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उमा ने 13 मार्च को शराब दुकान पर पत्थर फेंककर शराब की बोतलें फोड़ी थीं



मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 6 महीने पहले भोपाल की जिस शराब दुकान को निशाना बनाया था और पत्थर फेंककर शराब की बोतलें फोड़ी थीं, उसे हटाने के आदेश आबकारी विभाग ने अब जारी किए हैं। रहवासियों के धरना प्रदर्शन और शिकायत को आधार बताते हुए विभाग ने इस शराब दुकान को हटाने का फैसला लिया है।13 मार्च को उमा भारती ने भेल क्षेत्र के बरखेड़ा पठानी पहुंची थीं। यहां आजाद नगर स्थित एक शराब की दुकान में उमा घुसीं और पत्थर से बोतलें तोड़ दी थीं। इसके पहले और बाद में उमा कई बार राज्य में शराबबंदी की मांग कर चुकी हैं। ऐसे में मामला प्रदेशभर में सुर्खियों में रहा था। कांग्रेस ने उमा भारती को साहसी बताते हुए उनकी तारीफ की थी।



मामला: भारती ने कहा था कि यह मजदूरों की बस्ती है



उमा भारती के आजाद नगर पहुंचने पर बड़ी तादाद में स्थानीय लोग जुट गए थे। इसके बाद पूर्व सीएम ने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर बोतलें तोड़ दी थीं। उमा की दबंगई से सहमे ठेकेदार ने पुलिस को सूचना तक नहीं दी थी। भारती ने कहा था कि यह मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं और स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका तक करते हैं। यह महिलाओं का अपमान हैं। इसके बाद उन्होंने एक सप्ताह में दुकान बंद करने की चेतावनी दी थी।



यह है उमा की सलाह 




  • शराब पीने की अहाते की व्यवस्था को तुरंत बंद किया जाए। इससे अहाते से शराब पीकर निकलने वालों के वाहनों से एक्सीडेंट होते हैं, अहातों के आसपास महिलाओं और सज्जन व्यक्तियों को निकलने में भय लगता है।


  • सभी शिक्षण संस्थानों से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर शराब की दुकान की अनुमति दी जाए।

  • सभी धर्मों के स्थानों से शराब की दुकान की दूरी करीब आधा किलोमीटर की हो।

  • मजदूरों की बस्तियों, अस्पतालों व बस स्टैंड से शराब की दुकान करीब आधा किलोमीटर के फासले पर हो।

  • शराब की दुकानों के बाहर और शराब की बोतलों पर शराब पीने की बुराइयों को लिखा जाए।

  • शराब की दुकानों में या शराब की दुकानों के बाहर शराब पीने पर प्रतिबंध हो और ऐसा करते कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को पूरे अधिकार दिए जाएं।

     


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