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BHOPAL. मध्य प्रदेश के सीनियर आईएएस अफसर रहे और अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) से रिटायर्ड राधेश्याम जुलानिया की लोकायुक्त संगठन ने 28 अक्टूबर को जांच शुरू कर दी है। जुलानिया पर जल संसाधन विभाग के सब ठेकेदार फर्म अर्नी इन्फ्रा से 99.50 लाख रुपए अपने बैंक खाते में लेने का आरोप है। इसके एक दिन बाद यानी 29 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जुलानिया पर टिप्पणी की है। उमा ने केन-बेतवा लिंक ना शुरू हो पाने के लिए जुलानिया पर निशाना साधा है। उमा ने इसको लेकर 5 ट्वीट किए।
3. मैंने दो अधिकारियों का जिक्र किया था जिनकी वजह से केन-बेतवा प्रोजेक्ट 2017 में रेडी होते हुए भी शुरू नहीं हो सका उसमें यह एक व्यक्ति था।
4. मैंने उस समय के मुख्य सचिव से मुख्यमंत्री जी के सामने ही इस अधिकारी को जल संसाधन मंत्रालय से हटाने को कहा था एवं वह हट भी गया।
— Uma Bharti (@umasribharti) October 29, 2022
5.मेरा विभाग बदलते ही वह जल संसाधन में वापस हुआ यह भी एक आश्चर्य का विषय है कि ऐसे लोग प्रभावशाली जगहों पर मौजूद कैसे रह सके।
— Uma Bharti (@umasribharti) October 29, 2022
जुलानिया पर ये आरोप
भोपाल के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नेमीचंद जैन ने 2 अगस्त 2022 को लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी कि जुलानिया रिटायरमेंट के बाद भोपाल के जिस बंगले में रहते हैं, उसका भूखंड उन्होंने स्वयं और पत्नी अनीता के नाम खरीदा है। इस भूखंड को खरीदने की रकम अर्नी इन्फा के खाते से अलग अलग बैंक खातों में घुमाकर जुलानिया के अकाउंट में भेजी गई थी। शिकायतकर्ता ने सारे प्रमाण संलग्न करते हुए शिकायत में लिखा था कि जनवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था।
वहीं, ईडी ने प्रेसनोट जारी कर कहा था कि अर्नी इंफ्रा मुखौटा फर्म है, जो जल संसाधन विभाग के सबसे बड़े ठेकेदार राजू मेंटाना की ओर से मप्र के वरिष्ठ अफसरों को रिश्वत बांटने का काम करती है। अर्नी इंफ्रा को मेंटाना की ओर से 93 करोड़ काम सबलेट के नाम से मिले थे। जुलानिया लंबे समय तक जल संसाधन विभाग के मुखिया थे और उनके कार्यकाल में मेंटाना को कई करोड़ के काम दिए गए थे।