Gwalior में railway station पर ठेकेदार से परेशान vendor का Unique protest Madhya Pradesh News
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ग्वालियर में रेलवे स्टेशन पर वेंडर ने लगाया मोदी-शिवराज का बैनर, ठेकेदार की लूट की पोल खोली; तुलनात्मक रेट लिस्ट लगाई

Rahul Garhwal
26,जनवरी 2023, (अपडेटेड 26,जनवरी 2023 07:24 PM IST)

देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर बैनर लगाकर बैठा एक वेंडर लोगों का ध्यान खींच रहा है। डीआरएम की यात्रा के समय चाय आदि कम बिकी तो वो ठेकेदार को मुंहमांगी रकम नहीं दे सका तो ठेकेदार ने उसकी ट्रॉली छीन ली। इससे नाराज वेंडर ने अनूठे अंदाज में स्टेशन पर ठेकेदार द्वारा यात्रियों की लूट करने की पोल खोलने के लिए बैनर लगाकर विरोध करना शुरू कर दिया।

वेंडर ने लगाया पीएम मोदी और सीएम शिवराज की तस्वीर वाला बैनर
वेंडर ने लगाया पीएम मोदी और सीएम शिवराज की तस्वीर वाला बैनर

70 साल से उसका परिवार बेचता है चाय

कमल सिंह का बाग शिंदे की छावनी निवासी भगवान लाल सैनी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर उसी जगह बैनर लगाकर विरोध प्रदर्शन करने बैठे हैं जहां वे चाय बेचते हैं। उनका कहना है कि उनका परिवार इसी गुमटी पर बीते 70 सालों से चाय बेचते आ रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी उम्र 52 साल है, ऐसे में उसकी ट्रॉली छीनकर ठेकेदार ने बेरोजगार कर दिया कर दिया है। ऐसे में अब मैं अपने बच्चों का पालन-पोषण कैसे करूं।

1820 रुपए रोज भरता है किराया

वेंडर का कहना है कि उनके पिता के समय से ही प्लेटफॉर्म पर चाय बेचने की जगह एलॉट है। उनकी तीसरी पीढ़ी है जो इसी जगह पर चाय बेचकर अपना गुजर-बसर कर रही है। इसके लिए उससे 1820 रुपए रोज यानी 54 हजार 600 रुपए प्रतिमाह किराया लिया जाता है। इसके बदले उसे वेंडर लाइसेंस मिला हुआ है।


बिक्री नहीं हुई तो किराया न दे सका तो छीनी ट्रॉली

वेंडर भगवान लाल सैनी का कहना है कि स्टेशन पर 2 दिन रेलवे के जनरल मैनेजर और अन्य अधिकारियों का दौरा था। इन दिनों हमारी कुल बिक्री 700-800 रुपए की हुई और ठेकेदार 1820 रुपए ही लेने पर अड़े रहे। उसने सारी स्थिति बताई लेकिन वो बोले उन्हें पूरे पैसे चाहिए, आप चोरी डालो या डकैती डालो हमें 1820 रुपए और 5 आदमियों के एक हजार रुपए अलग से चाहिए। जब वो नहीं दे सका तो उन्होंने उसकी ट्रॉली छीनकर भगा दिया।

शिकायत भी कोई नहीं सुन रहा

वेंडर ने कहा कि ठेकेदार मनमाना किराया वसूलते हैं और कहता है कि भले ही 38 की पूड़ी 50 की बेचो, कोई भी सामान कितने का भी बेचो लेकिन उसे पैसे पूरे दो। यही कारण है कि वेंडरों को यात्रियों से मनमाने रेट वसूलकर एक तरह से लूटना पड़ता है। इसकी शिकायत लेकर स्टेशन मास्टर से लेकर हर अधिकारी तक गया और पुलिस तक गया लेकिन उसकी मदद करना तो दूर कोई शिकायत सुनने तक को तैयार नहीं हुआ। वो कहता है कि सबको पैसा देते हैं उसके खिलाफ कोई कुछ नहीं करेगा।

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'अब मोदी जी से ही सहारा है'

वेंडर का कहना है कि इससे पहले ठेकेदार उसके द्वारा 30 हजार रुपए खर्च कर बनवाया गया एक ठेला उससे छीनकर दूसरे को दे चुका है। मैंने लॉकडाउन में घर का सामान बेचकर भी इसे पैसे दिए और अब उसने बेरोजगार ही कर दिया तो फिर मैंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तक ठेकेदार के भ्रष्टाचार और लूटने की शिकायत भेजने का ये तरीका अपनाया।

तुलनात्मक रेट लिस्ट टांगी

वेंडर ने बैनर पर रेट लिस्ट टांगी है और ठेकेदार द्वारा वो सामान कितने का बिकवा रहा है ये भी लिखा है। मसलन 5 रुपए की चाय 10 रुपए, 15 रुपए का जनता खाना 30 रुपए, 28 रुपए छोले-पूड़ी की प्लेट 50 रुपए, 40 रुपए वाली बिरयानी प्लेट 60 रुपए में और 8 रुपए वाला समोसा 10 रुपए में बेचकर यात्रियों को सरेआम लूटा जाता है। यात्री वेंडर से झगड़ते हैं और वे बेचारे ठेकेदार की लूट से मजबूर हैं।

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