संजय गुप्ता, INDORE. यूपीपीएससी यानी उत्तर प्रदेश के लोक सेवा आयोग ने केवल दस महीने में पीएससी की प्री, मेन्स, इंटरव्यू ना केवल करा दिए बल्कि फाइनल रिजल्ट भी जारी कर भर्ती की अंतिम प्रक्रिया पूरी कर दी। शुक्रवार (7 अप्रैल) को आयोग ने फाइनल रिजल्ट जारी किया। इसकी जानकारी लगने के बाद मप्र में पीएससी के उम्मीदवारों के बीच यूपी के योगी सरकार में आयोग द्वारा किए गए इस काम की जमकर तारीफ हुई, वहीं निशाने पर मप्र लोक सेवा आयोग आ गया। एमपी पीएससी ने साल 2018 के बाद से अभी तक भर्ती ही पूरी नहीं की है। यानि पांच साल से मप्र को कोई नया डिप्टी कलेक्टर या अन्य नया ऑफिसर पीएससी के माध्यम से नहीं मिला है। उम्मीदवारों के बीच आयोग की इसे पंचवर्षीय योजना का नाम दिया जा रहा है।
यूपीपीएससी ने यह कारनामा किया
लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की मिशन से UPPSC PCS 2022 की भर्ती 10 महीने में पूरी कर ली गई है। इसकी प्री परीक्षा 12 जून 2022 को कराई गई थी। और 7 अप्रैल 2023 को अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया है। PCS Pri-exam के तीन महीने बाद PCS Main exam कराया गया, और उसके चार महीने बाद इंटरव्यू चरण भी पूरा कर लिया गया। इसमें 364 उम्मीदवार सफल हुए। इस भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पीछे छोड़ दिया है।
इधर देखिए एमपीपीएससी के हाल
- साल 2018 की पीएससी में भर्ती होने के बाद आयोग ने साल 2019, 2020, 2021 औऱ् 2022 की परीक्षाओं के लिए विज्ञप्ति निकाली जरूरी है लेकिन कोई प्री लेवल पर तो कोई मैन्स लेवल पर और कोई इंटरव्यू लेवल तक ही पहुंची है, लेकिन अंतिम रिजल्ट और भर्ती किसी में भी नहीं हुई है।
3.5-4 लाख उम्मीदवार देते हैं परीक्षाएं
यह परीक्षाएं कुछ हजार उम्मीदवार नहीं बल्कि प्रदेश के साढ़े तीन से चार लाख लोग लेते हैं। ऐसे में इन बेरोजगार युवाओं की हालात समझी जा सकती है कि वह कब से तैयारी कर रहे हैं और एक नौकरी की तलाश में हैं। हालत यह हो गई है कि जो उम्मीदवार डिप्टी कलेक्टर और अन्य बड़े पदों के सपने देखता था और तैयारी कर रहा था, वह अब पटवारी और क्लास थ्री की अन्य पोस्ट की विज्ञप्ति आने पर उसी की तैयारी में लगा है और इसी नौकरी के लिए लग गया है।