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Damoh. जिले के खनिज विभाग के कर्मचारी पर 40 हजार की रिश्वत लेने का आरोप लगा है और आरोप लगाने वाला पोकलेन मशीन का मालिक अपने पैसे वापस लेने कर्मचारी के पास पहुंचा और अपने 40 हजार रुपये वापस मांगे। वाहन मालिक का कहना है कि 13 फरवरी को खनिज विभाग में कार्यरत पंकज सोनी नाम के कर्मचारी ने उससे 40 हजार रुपये की रिश्वत ली थी और कहा था कि साहब को देना है। उसके बाद खनिज इस्पेक्टर राजपूत हटा पहुंचे और मेरी पोकलेन मशीन में ताला लगाकर उसे जब्त कर लिया। मशीन जब्त होने की कार्रवाई के बाद मशीन मालिक नितिन यादव खनिज विभाग के कार्यालय पहुंचे और पंकज सोनी से रिश्वत में दिए हुए रुपये वापस मांगे, लेकिन कर्मचारी ने इस बात को नकार दिया। उसका कहना था उसने कोई रुपये नहीं लिए हैं।
यह है पूरा मामला
पोकलेन मशीन के मालिक नितेंद्र यादव ने बताया कि वह अपने क्षेत्र में किसानों के खेत में तलैया खोदने का काम करता है ताकि किसानों को पानी उपलब्ध हो सके। इस काम के एवज में खनिज विभाग के कर्मचारियों द्वारा रुपये मांगे जाते हैं। मैंने 13 फरवरी को पंकज सोनी नाम के कर्मचारी को 40 हजार रुपये दिए थे। उसने कहा था कि रुपये साहब के पास पहंुचाने हैं, लेकिन 3 दिन पहले विभाग के खनिज इंस्पेक्टर हटा पहुंचे और फार्महाउस में रखी उसकी मशीन में ताला लगाकर उसे जब्त कर लिया।
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मशीन के मालिक ने कहा कि जब मुझे पता चला तो मैं सीधे खनिज कार्यालय पहुंचा। यहां मैंने पंकज सोनी से कहा कि जब रिश्वत के रुपये लिए हैं तो कार्रवाई क्यों की गई। इस पर अब कर्मचारी अपनी गोल-मोल जवाब दे रहा है। खनिज इंस्पेक्टर राजपूत का कहना है कि मुझे जिला खनिज अधिकारी के निर्देश मिले थे, इसके बाद जाकर मैंने मशीन जब्त की है। रुपये का लेनदेन किससे हुआ है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। वहीं इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी मेजर सिंह ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। उनका कहना है कि वह किसी भी तरह का बयान देने के लिए अधिकृत नहीं है।
मजिस्ट्रियल जांच कराएंगे
कलेक्टर एसकृष्ण चैतन्य का कहना है कि आपके द्वारा मुझे जानकारी मिली है। मैं विभाग के अधिकारी से बात करूंगा। यह पता लगाएंगे कि वह कर्मचारी कौन है और उस पर लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है। इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच एडीएम से कराएंगे और इसके बाद यदि दोष साबित हो गया तो नियम अनुसार संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की जाएगी। हास्यास्पद बात यह है कि इस मामले ने खनिज विभाग में चल रही अंडर टेबल अर्थव्यवस्था को उजागर कर दिया है। लोग मशीन मालिक की हिम्मत की भी दाद दे रहे हैं।