INDORE, संजय गुप्ता. विश्व हिंदू परिषद की 13 साल बाद इंदौर में हो रही केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक शुरू हो चुकी है। इसके उद्देश्य को लेकर केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने मीडिया से चर्चा में कहा कि लव जिहाद, धर्मांतरण, गौवंश रक्षा के साथ ही मंदिरों को सरकारी नियमंत्रण से मुक्ति संबंधी मांग को लेकर भी प्रस्ताव पास किए जाएंगे। उन्होंने लव जिहाद को लेकर साफ कहा कि इंदौर के आसपास क्षेत्र में बीते तीन माह में सौ से अधिक कन्याओं की हिंदू धर्म में वापसी हुई है और हमारे युवा संगठन बजरंग द्वारा चलाए जा रहे अभियान के चलते देश भर में पांच हजार कन्याओं की हिंदू धर्म में वापसी हुई है, जो लव जिहाद के बलि चढ़ती।
राष्ट्रीय स्तर पर लव जिहाद, धर्मांतरण कानून की मांग
परांडे ने कहा कि घटनाएं बढ़ी है तो उसका निदान भी हो रहा है। अभी लव जिहाद को लेकर सात राज्यों मे कानून बना है और इसका कारण परिषद के ही प्रयास रहे हैं। अब यह प्रश्न राष्ट्रीय स्तर पर आ गया है, इसलिए जैसे राज्यों मे कानून आ रहे हैं, हमारी मांग है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी लव जिहाद और धर्मांतरण को लेकर कानून आना चाहिए।
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वापस हिंदू धर्म में आने वालों के लिए स्वागत कार्यक्रम
महामंत्री ने कहा कि अब जागरूकता अभियान के चलते ईसाई वापस हिंदू धर्म में लौट रहे हैं और इनके लिए स्वागत कार्यक्रम भी हो रहे हैं। लगातार धर्मांतरण को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे हैं। लव जिहाद को लेकर मुस्लिम का एक वर्ग जो षडयंत्र चला रहे हैं और ईसाई मिशनरी द्वारा जो धर्मांतरण के लिए षडयंत्र हो रहे हैं, उनके लिए जागरूकता अभियान चल रहे हैं।
दंगे करने वाली भीड़ पर मॉनीटरिंग जरूरी
महामंत्री ने कट्टवादी तैयार होने पर कहा जिन मस्जिदों से जुमा के बाद भीड़ बाहर आकर सतत दंगे करती है। उनकी मॉनीटरिंग की व्यवस्था होना चाहिए। यह हर जिम्मेदार सरकार को करना चाहिए।
तीन सौ से ज्यादा पदाधिकारी आए हैं बैठक में
त्रिदिवसीय बैठक अग्रसेन महासभा भवन में हो रही है। इसमें मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, धर्मांतरण, लव जिहाद, मुस्लिम घुसपैठ, जनसंख्या असंतुलन, बढ़ती इस्लामिक जिहादी हिंसा एवं गौ हत्या रोकने के विषयों पर योजना बनाएंगे। परिषद के पदाधिकारियों ने बताया कि अभियान में 72 लाख से अधिक हित चिंतक बने हैं। इसमें 15 लाख से अधिक माता बहनें एवं 35 लाख से अधिक युवा शमिल हैं। अभियान के निमित्त हम लोग 1 लाख 23 हजार गांवों तक पहुंचे हैं। बैठक में देश-विदेश से लगभग 350 से अधिक प्रांत स्तर और उन से ऊपर के पदाधिकारी भाग ले रहे हैं।