BHOPAL. होली का त्योहार आने वाला है। होली में रंगों के अलावा एक और चीज है जिसके बिना त्योहार अधूरा होता है। वो चीज है मिठाइयां। भारत में त्योहार कोई भी हो मावे की मिठाइयों की डिमांड रहती ही है। मावे से बने खाद्य पदार्थ और मिठाइयां सभी लोग पसंद करते हैं। त्योहार नजदीक आते ही मावे की मांग बढ़ने लगती है और मिलावटी मावे का धंधा भी शुरू हो जाता है। मिलावटी मावा आपकी सेहत पर बेहद बुरा असर डालता है, इसलिए हम आपको बता रहे हैं मावे में किस तरह से मिलावट की जाती है और मिलावटी मावे को आप कैसे पहचान सकते हैं।
मावे में किस तरह की मिलावट
मावे में खराब क्वालिटी का दूध पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना और सफेद खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं। मिलावटी मावा बनाने के लिए दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और डालडा मिलाया जाता है। मावे में शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू की भी मिलावट करते हैं। वहीं दूध का फैट निकालकर इसमें बेहद खराब क्वालिटी का तेल मिला दिया जाता है।
मिलावटी मावे को कैसे पहचानें?
- मावा खरीदते वक्त उसे हाथ से दबाकर देखें, अगर मावा नर्म है तो वो फ्रेश है और उसमें मिलावट नहीं है।
घर पर ही बनाएं मावा, मावे का विकल्प ढूंढे
मिलावटी मावे से बचने के लिए आप दूध से घर पर ही मावा बना सकते हैं। ऐसी मिठाइयां भी बना सकते हैं जिसमें मावे का इस्तेमाल नहीं होता है। नारियल और लौकी की बर्फी बना सकते हैं। पेठे और सूजी की मिठाई में भी मावे का इस्तेमाल नहीं होता। गुजिए में मावे की फिलिंग करने की जगह सूखे मेवे या खजूर की फिलिंग कर सकते हैं।
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मिलावटखोरों की शिकायत करें
मिलावटखोरों की शिकायत आप फूड सेफ्टी अथॉरिटी से कर सकते हैं। लिखित शिकायत दर्ज करें। इसके बाद उस प्रोडक्ट को लैब भेजकर जांच कराई जाएगी। अगर मिलावट पाई जाती है तो उसे बेचने वाले के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होगा। दोषी पर जुर्माना लगेगा और उसे 6 महीने से लेकर 3 साल तक की जेल भी हो सकती है।