/sootr/media/post_banners/86b3e2fc53eb56ece62113994b84dceff9626d67333fe3fbc2040960a4ebb6b2.jpeg)
DAMOH. दमोह सहित दो जिलों में फैले प्रदेश के सबसे बड़े नौरादेही अभयारण्य जिसे जल्द ही टाइगर रिजर्व का दर्जा भी मिलने वाला है यहां वर्तमान में 12 बाघों की दहाड़ सुनाई दे रही है। जिसमें से 11 बाघों की निगरानी पदमार्क और कैमरे से की जा रही है। इस अभयारण्य को आबाद करने वाली बाघिन राधा की कालर आईडी खराब हो गई है केवल बाघ किशन को ही अब कालर आईडी लगी है।
अभी अभयारण्य में 6 वयस्क बाघ और 6 शावक हैं
इस अभयारण्य की जलवायु बाघों के लिये पूरी तरह से सटीक बैठी है और इसी का परिणाम निकला की महज चार साल के अंदर बाघों का कुनबा दो से 12 पहुंच गया। जिसमें 11 एक ही परिवार के सदस्य हैं और एक बाघ उपहार के रूप में नोरादेही को मिल गया जो पन्ना टाइगर रिजर्व से चलते हुए नोरादेही पहुंच गया।
बाघों का कुनबा पूरी तरह स्वस्थ
नौरादेही में आज सभी बाघ और शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं और अब तो शावक भी जंगल में घूमते दिखाई देने लगे हैं, लेकिन यह हमेशा अपनी मां के साथ रहते हैं। वहीं पन्ना टाइगर से आए बाघ की बात करे तो भले ही उसने अपना ठिकाना अलग बना रखा है, लेकिन ट्रैक कैमरों में यह बाघ पहले लाए बाघ किशन के साथ अक्सर घूमता कैद हुआ है और राधा के परिवार ने इस बाघ को अपने परिवार का हिस्सा बना लिया है। बाघिन राधा एन-2 की दूसरी बेटी एन-12 अपने शावकों के साथ दिखाई देती है। इसकी पुष्टि नौरादेही के अधिकारियों ने की है।
यह खबर भी पढ़ें
सैलानियों को दिखे नन्हे शावक
नौरादेही अभयारण्य में इस समय 6 शावक हैं जो एक वर्ष के हो चुके हैं। तेज ठंड के कारण धूप की तलाश में यह शावक अब गुफाओं से बाहर दिखाई देने लगे हैं। कुछ समय पूर्व अभयारण्य में सैलानियों को यह शावक दिखाई दिए थे जिनको उन्होंने अपने कैमरों में कैद किया था। बता दें बाघिन राधा ने दूसरी बार में चार शावकों को जन्म दिया था उसके कुछ समय बाद राधा की बेटी ने भी दो शावकों को जन्म दिया, जो पूरी तरह स्वस्थ हैं और अब अभयारण्य की शोभा बढ़ा रहे हैं। यह भी कहा जा सकता कि नौरादेही में दूसरी और तीसरी पीढ़ी साथ-साथ बढ़ रही है।
राधा की आईडी कालर हुई खराब
नौरादेही में बाघों का कुनबा बढ़ाने का श्रेय बाघिन राधा को है जिसे पन्ना टाइगर रिजर्व से लाया गया था। राधा के माता, पिता की मौत हो जाने के बाद यह अनाथ हो गई थी और उसके बाद इसे नौरादेही अभ्यारण में लाकर छोड़ा गया था। राधा के आने के कुछ समय बाद बाघ किशन को नौरादेही लाया गया था। उसके बाद दो से बढ़कर बाघों की संख्या 11 हो गई है। वर्तमान मे नौरादेही अभयारण्य में केवल बाघ की लोकेशन कालर आईडी से ली जा रही है, जबकि शेष वयस्क बाघ, बाघिन और शावको की निगरानी उनके पदमार्ग के साथ ट्रैक कैमरों से होती है।
पदमार्गों से जानकारी लेते हैं
नौरादेही एसडीओ सेवाराम मालिक ने बताया कि नौरादेही अभयारण्य में शावक और वयस्क बाघ सभी स्वस्थ हैं। जिनकी निगरानी ट्रैक कैमरों के साथ पदमार्ग से होती हैं। बाघिन एन-2 की आईडी कॉलर खराब हो चुकी है इसलिए उसकी निगरानी भी पद मार्गों के द्वारा ही की जाती है। दूसरे जगह से आए बाघ के संबंध में उन्होंने बताया कि वह भी अक्सर देखा जाता है। कभी अकेला तो कभी दूसरे बाघ के साथ पदमार्गों से जानकारी एकत्रित होती हैं।