भोपाल. खबरों को सरकारी दबाव से मुक्त करने और सरकारी विज्ञापन नहीं लेने के साहसी फैसले के साथ ही मल्टीमीडिया न्यूज प्लेटफार्म द सूत्र का लोकार्पण हो गया। कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए पारिवारिक माहौल के बीच आयोजन को सादगीपूर्ण रखा गया। निष्पक्ष और विश्वसनीय पत्रकारिता की दिशा में द सूत्र आज से वेबसाइट, ऐप, यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर के साथ ही सभी प्रचलित डिजिटल प्लेटफार्म पर सशक्त उपस्थिति रखेगा।
पत्रकारिता का परचम बुलंद रखेंगे
द सूत्र के एडिटर-इन-चीफ आनंद पांडे और डायरेक्टर मैनेजिंग एडिटर हरीश दिवेकर ने अपनी पूरी टीम के साथ यूजर्स को भरोसा दिलाया कि thesootr तथ्य आधारित जनपक्षीय पत्रकारिता का परचम हमेशा बुलंद रखेगा।
टैगलाइन को जिएंगे
हम सिर्फ भगवान से डरते हैं, टैग लाइन का अर्थ ही यही है कि बिना किसी राजनीतिक रुख के सिर्फ और सिर्फ सच्ची खबरें ही thesootr का आधार होंगी। यही कारण है कि खबरों को सरकारी दबाव से मुक्त करने के लिए इस टीम ने सरकारी विज्ञापन नहीं लेने का साहसिक फैसला किया है। चैनल का खर्चा क्राउड फडिंग से निकाला जाएगा। यानी पाठक, दर्शक या डिजिटल मीडिया की भाषा में यूजर के सक्रिय सहयोग के भरोसे निष्पक्ष पत्रकारिता को अंजाम दिया जाएगा।
अन्य राज्यों में पसारेंगे पैर
भोपाल के एमपी नगर में thesootr का एक बड़ा दफ्तर बनकर तैयार है। मप्र और छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में योग्य और अनुभवी संवाददाताओं की टीम तैयार हो चुकी है। thesootr जल्द ही हिंदीभाषी प्रदेशों जैसे राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब में अपने नेटवर्क का विस्तार करने की योजना भी बना रहा है।
दमदार एडिटोरियल टीम
‘द सूत्र’ की संपादकीय टीम को मप्र में रुचि रखने वाले देश के बड़े पत्रकारों का साथ मिला है। इस टीम में देश के वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री आलोक मेहता, वेदप्रताप वैदिक, एनके सिंह(भोपाल), जगदीश उपासने, एनके सिंह (दिल्ली) और ऋचा अनिरुद्ध शामिल हैं।