बैतूल : ग्राम सभा ने दिया MP के मुख्य सचिव के कलेक्टर बेटे को आदेश, पीड़िता को दिया जाए 25 लाख का मुआवजा

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बैतूल : ग्राम सभा ने दिया MP के मुख्य सचिव के कलेक्टर बेटे को आदेश, पीड़िता को दिया जाए 25 लाख का मुआवजा

बैतूल कलेक्टर और मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के बेटे अमनबीर सिंह को बैतूल की एक ग्राम सभा ने आदेश सुना दिया है। क्या कोई ग्राम सभा कलेक्टर को आदेश दे सकती है इसपर अब बहस छिड़ गई है। ये पूरा मामला एक महिला से जुड़ा हुआ है जो पिछले 6 महीने से न्याय के लिए अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रही थी। महिला ने पारंपारिक ग्राम सभा में शिकायत की और ग्राम सभा ने सभी सबूतों को देखकर ये आदेश दिया है। हालांकि इस मसले पर कलेक्टर अमनबीर सिंह समेत जिले के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, बैतूल पहुंचे मंत्री कमल पटेल ने भी ग्राम सभा के आदेश पर एतराज जताते हुए कहा कि आदेश केवल सरकार या कोर्ट ही दे सकता है।

क्या है पूरा मामला ?

पूरा मामला बैतूल के सेहरा गांव में रहने वाली संगीता धुर्वे से जुड़ा है। संगीता धुर्वे ने ग्राम सभा को जो शिकायत की उसके मुताबिक 14 जनवरी 2021 को चिचौली थाना पुलिस ने संगीता के पति सियाराम धुर्वे को हत्या के मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ कर पुलिस ने सियाराम को छोड़ दिया लेकिन इसके दस दिन बाद 24 जनवरी कोसियाराम ने जहर खा लिया, 25 जनवरी को सियाराम की इलाज के दौरान मौत हो गई। नाराज ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रताड़ना की वजह से ही सियाराम ने खुदकुशी की, ग्रामीणों ने चिचौली थाने में लाश रखकर प्रदर्शन भी किया था।

6 महीने तक न्याय के लिए भटकती रही

हालांकि पुलिस ने जांच का हवाला देते हुए कोई कार्रवाई नहीं की और संगीता धुर्वे पिछले छह महीने से न्याय के लिए अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रही थी, जब संगीता की उम्मीद टूट गई तो उसने समाज की पारंपारिक ग्राम सभा में न्याय की गुहार लगाई।

वीडियो देखकर सुनाया आदेश

ग्राम सभा ने संगीता के आरोपों का परीक्षण किया और पाया कि पूरे मामले में पुलिस दोषी है इसलिए कलेक्टर को आदेश दिया कि संगीता को 25 लाख रु. का मुआवजा दिया जाए। ग्राम सभा ने अपने आदेश में बकायदा आदिवासी समाज के अधिकारियों का जिक्र किया साथ ही राज्य सरकार की अनुसूचित जनजाति की धाराएं और संविधान का भी हवाला दिया ।

क्या लिखा आदेश में

'ये पारंपारिक ग्राम सभा अनुच्छेद 13-3 क, भारतीय दंड संहिता 1898/1972 अध्याय-1 पैरा-2 और मप्र रूढ़ी जनसंहिता 1992 अनुसूचित जनजाति के पालन में ये आदेश सुनाती है और जिला प्रशासन को संगीता को 25 लाख रु. मुआवजा देने का आदेश देती है।'

अधिकारियों ने साधी चुप्पी

ग्राम सभा के कलेक्टर को आदेश सुनाने के बाद अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। द सूत्र ने कलेक्टर अमनबीर सिंह से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस आदेश के बाद प्रशासनिक गलियारों में चर्चा गरमाई हुई है कि कोई ग्राम सभा इस तरह का आदेश कलेक्टर को कैसे दे सकती है।

ग्रामसभा का कलेक्टर को आदेश !
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