MP की आदिवासी महिलाओं का स्टार्टअप: देशी जड़ी बूटियों से बनाया साबुन, विदेशों में सप्लाई

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MP की आदिवासी महिलाओं का स्टार्टअप: देशी जड़ी बूटियों से बनाया साबुन, विदेशों में सप्लाई

खंडवा. पंधाना विधानसभा क्षेत्र के ठेठ आदिवासी गांव उदयपुर की महिलाओं ने आयुर्वेदिक साबुन (ayurvedic soap) बनाया है। इस साबुन की डिमांड दिल्ली, मुबंई के अलावा विदेशों से भी आने लगी है। गांव की महिलाओं को अब अमेरिका और थाइलैंड से ऑर्डर मिले हैं। यह महिलाएं बकरी के दूध, देशी जड़ी बूटियों (herbs) से 20 तरह का साबुन बनाती है। इस साबुन के बिजनेस (Startup india) के माध्यम से स्थानीय महिलाओं को गांव में ही बड़े स्तर पर रोजगार मिला है।

आम , पपीता , ककड़ी ,तरबूज फ्लेवर्ड साबुन

यह महिलाएं गांव के आसपास उपलब्ध संसाधनों से 20 तरह का साबुन बनाती है। साबुन को आम, पपीता, ककड़ी, तरबूज आदि फ्लेवर्ड नाम दिए गए हैं। ये साबुन बकरी के दूध में देशी सामान मिलाकर तैयार की जाती है। गांव की महिलाएं इसकी पैकिंग जूट के घास में करती है। महिलाओं की यह तकनीक विदेशी लोगों को खूब लुभा रही है। 

ऑनलाइन डिलेवरी

महिलाएं एक ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से इसके ऑर्डर लेती है और ऑनलाइन ही इसकी डिलेवरी (online delivery) करती है। स्टार्टअप ऑनलाइन होने की वजह से देश के बड़े शहरों में इसकी अच्छी खासी डिमांड है। इसके अलावा महिलाओं को थाइलैंड और अमेरिका से भी ऑर्डर मिलने लगे हैं। इनके एक साबुन की कीमत 250 रूपए से लेकर 350 रूपए तक है। 

स्थानीय महिलाओं को रोजगार

भागवती ने बताया कि इस बिजनेस (Startup company)के माध्यम से गांव की महिलाओं को हम रोजगार दे पा रहे हैं। पहले जो महिलाएं सूमह में काम करती थी। उनको इस बिजनेस से जोड़ा गया है।  

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