सफलता पर ही केंद्रित न रहें, चाहे कितने ही मुश्किल हालात हों, प्रोसेस को हमेशा एंजॉय करें

author-image
एडिट
New Update
सफलता पर ही केंद्रित न रहें, चाहे कितने ही मुश्किल हालात हों, प्रोसेस को हमेशा एंजॉय करें

हमारी तमन्ना हमेशा बड़े टूर्नामेंट जीतने की होती है। हम हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश करते हैं। लेकिन अगर केवल सफल होने को ध्येय मानेंगे तो कभी भी प्रोसेस को एंजॉय नहीं कर पाएंगे। हम बतौर टीम उस प्रोसेस को जीना चाहते हैं, खूब मजे से खेलना चाहते हैं। चाहे कितने भी मुश्किल हालात हों, हम लम्हों का आनंद लेते हैं। हम तो रोज ही खुद से कम्पीट करते हैं कि कैसे हम मुश्किल हालात में शांत रहकर अपना बेस्ट दे सकते हैं। हम कभी किसी मैच में दूसरों को गलत साबित करने नहीं उतरते, केवल अपना स्तर ऊंचा करने की कोशिश करते हैं। यह भी ध्यान रहता है कि आने वाली पीढ़ी के लिए सही उदाहरण पेश करें। वैसे मैं बता दूं कि मुझे हारना कतई पसंद नहीं है। मैं खेल ही नहीं, कहीं भी हारना पसंद नहीं करता हूं। सारे खिलाड़ी इसी मिट्टी के बने होते हैं। हार के साथ कोई खिलाड़ी खुश नहीं रह सकता। आप इसे स्वीकारना वक्त के साथ सीखते हैं। मैं जब खेलता हूं तो बस इस बात का ध्यान रखता हूं कि कोई गुंजाइश ना छूटे। मैं अपने जीवन में किसी तरह के अगर-मगर को जगह नहीं देता। मैच के बाद यह नहीं सोचता कि काश कैच के लिए कोशिश की होती। जब मैदान में उतरता हूं तो खुद को खुशकिस्मत समझता हूं और जब बाहर आ रहा होता हूं तो मेरा एनर्जी लेवल शून्य होता है और इसी के लिए मैं मैदान में भेजा गया था।

सबसे ज्यादा मेहनत 10वीं पास करने में लगी

गणित में मुझे 100 में से 3 नंबर मिलते थे। गणित के वो फॉर्मूले आज तक मेरे किसी काम नहीं आए, जिन्होंने मेरी नींद उड़ा रखी थी। मेरा संबंध खेल से था, गणित से कभी खुद को जोड़ नहीं पाया। जैसे-तैसे दसवीं पास करना थी। मैंने कभी इतनी मेहनत क्रिकेट में नहीं की जितनी दसवीं पास करने में की। मैंने पास भी की... और फिर कभी गणित की ओर मुड़कर नहीं देखा। मेहनत ऐसी चीज है जो हर मुसीबत का हल है। 

खुद को बदलें वक्त के साथ

जब मैं छोटा था तो कोशिश करता था कि जैसा मैंने पहले किया है, वैसा ही आगे भी करूं। मैं खुद को दोहराने की कोशिश करता था, लेकिन वक्त के साथ समझ आया कि इससे बात नहीं बनने वाली। जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं आपको समझ में आ जाता है कि माहौल के अनुसार खुद को ढालना ही सर्वोत्तम है। जिंदगी रोज बदल रही है, फिर आप क्यों एक जगह अटके रहेंगे।( विराट कोहली का यह आर्टिकल उनके विभिन्न साक्षात्कारों के आधार पर तैयार किया गया है।)

virat motivatio kohali