भोपाल। द सूत्र के मध्यावधि-2021 (Mid Term Election) के नतीजों के मुताबिक यदि अभी विधानसभा चुनाव होते हैं तो महाकौशल (Mahakoshal) में बीजेपी (BJP) को मौजूदा 13 सीटों के मुकाबले 2 सीट का नुकसान हो रहा है। यानि उसकी सीटें 13 से घटकर 11 हो रही हैं। महाकौशल कांग्रेस (congress) के लिए बड़ी ताकत है। कांग्रेस को मौजूदा 24 सीटों के मुकाबले 2 सीट का फायदा हो रहा हैं। यानि इस क्षेत्र में कांग्रेस की सीटें 24 से बढ़कर 26 हो रही हैं। इस अंचल में 8 जिले (बालाघाट Balaghat, छिंदवाड़ा Chhindwara, डिंडौरी, जबलपुर Jabalpur, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी) आते हैं। इस समय महाकौशल की मौजूदा 38 सीटों में से बीजेपी के पास 13, कांग्रेस के पास 24 और निर्दलीय के खाते में 1 सीट है। सरकार में महाकौशल से इकलौते मंत्री रामकिशोर कांवरे (ramkishore kanwre) परसवाड़ा से अपनी सीट बचाने में कामयाब हैं।
BJP को 11 सीटें, कांग्रेस के खाते में 26
मध्यावधि चुनाव 2021 (Mahakoshal Mid Term Election Result) के नतीजों के मुताबिक बीजेपी 11 सीटें जीत सकती है और कांग्रेस 26 सीटें। इस अंचल में निर्दलीय को 1 सीटें मिल सकती हैं। मालवा (Malwa) के बाद महाकौशल दूसरा आदिवासी बाहुल्य इलाका है। यहां 8 में से 5 जिलों में आदिवासी वोटर बाहुल्य हैं। महाकौशल क्षेत्र में विधानसभा की कुल 38 सीटों में से 13 सीटें आदिवासियों (ST) और 3 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। यही सीटें चुनाव में हार-जीत का फैसला करती हैं। आइए अब नजर डालते हैं इस अंचल में मध्यावधि चुनाव के उन खास नतीजों पर जो आपके लिए जानना जरूरी है।
प्रमुख विधानसभा सीटों पर ये जीते - ये हारे
विजय राघवेंद्र सिंह - बड़वारा (ST) कांग्रेस - जीते
संजय सत्येंद्र पाठक - विजयराघौगढ़ बीजेपी - जीते
संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल - मुड़वारा बीजेपी - हारे
प्रणय प्रभात पांडे - बहोरीबंद बीजेपी - हारे
अजय विश्नोई - पाटन बीजेपी - जीते
संजय यादव - बरगी कांग्रेस - जीते
लखन घनघोरिया - जबलपुर पूर्व (SC) कांग्रेस - जीते
विनय सक्सेना - जबलपुर उत्तर कांग्रेस - जीते
अशोक रोहाणी - जबलपुर छावनी भाजपा - जीते
तरुण भानोट - जबलपुर पश्चिम कांग्रेस - जीते
सुशील कुमार तिवारी - पनगर (Panagar) बीजेपी - हारे
नंदनी मरावी - सिहोरा Sihora (एसटी) BJP- जीतीं
भूपेंद्र मरावी - शाहपुरा Shahpura (ST) कांग्रेस - हारे
ओंकार सिंह मरकाम- डिंडोरी Dindori (ST) कांग्रेस - जीते
नारायण सिंह पत्ता - बिछिया (एसटी) कांग्रेस - जीते
डॉ. अशोक मार्सकोले - निवास (एसटी) कांग्रेस - जीते
देवसिंह सैयाम - मंडला (Mandla) (ST) भाजपा - हारे
संजय उइके - बैहर (एसटी) कांग्रेस - जीते
हिना कांवरे - लांजी कांग्रेस - जीतीं
राम किशोर कांवरे - परसवाड़ा बीजेपी - जीते
गौरीशंकर बिसेन - बालाघाट भाजपा - जीते
प्रदीप जायसवाल - वारासिवनी निर्दलीय - जीते
तमलाल सहारा - कटंगी कांग्रेस - हारे
अर्जुन सिंह काकोदिया - बरघाट (एसटी) कांग्रेस - जीते
दिनेश राय मुनमुन - सिवनी भाजपा - हारे
राकेश पाल सिंह - केवलारी बीजेपी - हारे
योगेंद्र सिंह - लखनादोन (एसटी) कांग्रेस - जीते
एनपी प्रजापति - गोटेगांव (एससी) कांग्रेस - जीते
जालम सिंह पटेल - नरसिंहपुर बीजेपी - जीते
संजय शर्मा - तेंदूखेड़ा कांग्रेस - जीते
सुनीता पटेल - गाडरवारा कांग्रेस - जीतीं
सुनील उइके - जुन्नारदेव (एसटी) कांग्रेस - जीते
कमलेश प्रताप शाह - अमरवाड़ा (एसटी) कांग्रेस - जीते
चौधरी सुजीत मेर सिंह - चौरई कांग्रेस - जीते
विजय रेवनाथ चौरे - सौंसर कांग्रेस - हारे
कमलनाथ - छिंदवाड़ा कांग्रेस - जीते
सोहनलाल बाल्मीक - परसिया (एससी) कांग्रेस - जीते
नीलेश पुसाराम उइके - पांढुर्ना (एसटी) कांग्रेस – हारे
आइए अब आपको बताते हैं मध्यावधि चुनाव-2021 के लिए द सूत्र के सवालों पर महाकौशल क्षेत्र के लोगों की क्या राय है।
55 फीसदी लोगों की पसंद कांग्रेस, 39 फीसदी की बीजेपी
55 प्रतिशत - कांग्रेस
39 प्रतिशत - BJP
06 प्रतिशत - अन्य
53 फीसदी लोगों को मानना मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना जरूरी
53 फीसदी - बदले मुख्यमंत्री का चेहरा
45 प्रतिशत - शिवराज ही रहें सीएम
2 प्रतिशत - कुछ कह नहीं सकते
57 फीसदी की राय में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या
कानून व्यवस्था - 2 फीसदी
बेरोजगारी - 57 फीसदी
भ्रष्टाचार - 15 फीसदी
महंगाई - 21 फीसदी
सड़क - 3 फीसदी
सांप्रदायिकता - 2 फीसदी
44 फीसदी लोग कोरोना संकट में सरकार की भूमिका से नाखुश
43 फीसदी - संतुष्ट
44 फीसदी - असंतुष्ट
13 फीसदी - कह नहीं सकते
53 फीसदी लोगों ने माना ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस ज्यादा गंभीर
53 फीसदी - कांग्रेस
28 फीसदी - भाजपा
19 फीसदी - दोनों ही पार्टियां राजनीति कर रही हैं
51 फीसदी लोग अपने विधायक के कामकाज से संतुष्ट
51 फीसदी - संतुष्ट
36 फीसदी - असंतुष्ट
13 फीसदी - पता नहीं
41 फीसदी कोरोना काल में विधायक के कामकाज से संतुष्ट
41 फीसदी - ठीक रहा
49 फीसदी - ठीक नहीं रहा
10 फीसदी - काम औसत ही रहा
47 फीसदी लोगों ने अपने विधायक को ईमानदार माना
47 फीसदी - ईमानदार
31 फीसदी - भ्रष्ट
22 फीसदी - पता नहीं
आपको प्रजा नहीं, नागरिक बनाना है मकसद
मध्यावधि चुनाव-2021 (Thesootr Mid term Election Result) की इस पूरी कवायद के माध्यम से द सूत्र का असल मकसद आपको प्रजा नहीं, नागरिक बनाना है। इसके लिए सभी पाठकों से विनम्र आग्रह है कि आप चुनाव में वोट देकर पांच साल भूलिए मत बल्कि आपका कीमती वोट लेकर जनसेवा (public service) के नाम पर विधानसभा में पहुंचने वाले अपने नुमाइंदों (public representative) के कामकाज का निरंतर मूल्यांकन करिए। उम्मीद है आप लोकतंत्र (democracy) को स्वस्थ और जीवित बनाए रखने के लिए एक जिम्मेदार और जागरूक नागरिक (responsible citizen) के रूप में यह जरूर करेंगे।