BHOPAL :  21 वर्ष के युवाओं को नपा और नगर परिषद अध्यक्ष बनाने सचिव समिति को सौंपा मसौदा, रिजल्ट के पहले आ जाएगा नियम 

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Praveen Sharma
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BHOPAL :  21 वर्ष के युवाओं को नपा और नगर परिषद अध्यक्ष बनाने सचिव समिति को सौंपा मसौदा, रिजल्ट के पहले आ जाएगा नियम 

Bhopal. प्रदेश में नगर पालिका और नगर परिषद में अध्यक्ष के लिए मिनीमम ऐज (minimum aga) में चार साल की कटौती का रास्ता साफ हो गया है। अब 21 साल के युवा भी नगर पालिका और नगर परिषद की कमान संभाल सकेंगे। राज्य सरकार द्वारा अपनी गलती सुधारते हुए आनन-फानन में की गई कार्रवाई अब अंजाम पर पहुंच गई है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश वरिष्ठ सचिव समिति (senior sacrataries commitee) को सौंप दिया गया है। सचिव समिति की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश आज ही राज्यपाल मंगूभाई पटेल (Governor Mangu Bhai Patel)के पास भेज दिया जाएगा। ताकि नगरीय निकायों के चुनाव परिणाम आने के पहले ही इस पर अमल हो जाए।



नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के लिए नगर पालिक विधि अधिनियम में अभी 25 वर्ष निर्धारित कर दी गई थी। इस गलती पर ध्यान जाते ही राज्य सरकार तत्काल सक्रिय हो गई थी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद की पात्रता आयु और परिसीमन के लिए अवधि घटाने पर लंबे विचार विमर्श के बाद का निर्णय कर लिया। सोमवार को विभाग ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाकर संशोधित अध्यादेश वरिष्ठ सचिव समिति को सौंप दिया है। आज मंगलवार 5 जुलाई को नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश के प्रारूप पर वरिष्ठ सचिव समिति विचार करेगी। सचिव समिति की मंजूरी मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अध्यादेश राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति के लिए भेज दिया जाएगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो अध्यादेश के कानून बनते ही इस संबंध में इसी सप्ताह अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।



इसलिए करना पड़ी सारी उठापटक



राज्य सरकार ने 26 मई को मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि (संशोधन) अध्यादेश 2022 अधिसूचित किया था। इसमें नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए पात्रता आयु में सरकार की मंशा के अनुरूप संशोधन नहीं हो पाया था। अभी अध्यक्ष पद के लिए पात्रता आयु 25 वर्ष या इससे अधिक निर्धारित है। जबकि, पार्षद पद के लिए पात्रता आयु 21 वर्ष या इससे अधिक है। यह व्यवस्था तब थी, जब अध्यक्ष का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली यानी सीधे जनता द्वारा होता था। इस बार नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पार्षद के माध्यम से होना है। गलती सामने आने पर सरकार तत्काल सक्रिय हो गई थी और आनन फानन में नगर पालिक विधि में अध्यादेश के माध्यम से संशोधन की प्रक्रिया तेज कर दी गई।



यहां फंस गया था पेंच



नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह प्रस्ताव को अनुमोदित कर चुके हैं और विधि एवं विधायी विभाग ने अध्यादेश के प्रारूप का परीक्षण भी कर लिया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग को इसे वरिष्ठ सचिव समिति को भेजना था, लेकिन परिसीमन की अवधि को लेकर पेंच फंस गया था। यह अवधि छह माह से घटाकर दो माह करने से पड़ने वाले असर को लेकर विचार-विमर्श चल रहा था। सोमवार को इस संबंध में हुई बैठक में नगरीय निकाय का परिसीमन चुनाव से दो माह पहले तक किए जाने पर सहमति बनते ही इस अध्यादेश का मसौदा भी फाइनल कर दिया गया।



चुनाव के बाद चुने जाएंगे अध्यक्ष



संतोष की बात यह है कि नगर पालिका और परिषद के पार्षदों के चुनावों का परिणाम 17 एवं 18 जुलाई को घोषित किया जाना है। अध्यक्षों का चुनाव पार्षदों द्वारा किया जाना है। चुनाव परिणाम आने के बाद कलेक्टरों द्वारा पार्षदों का सम्मेलन बुलाया जाएगा, जिसमें अध्यक्ष का चयन किया जाएगा। इस पूरी कवायद में राज्य सरकार को भी अपनी प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय मिल गया है। पार्षदों का सम्मेलन होने के पहले ही पात्रता आयु में संशोधन के बाद अध्यक्ष पद के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष या उससे अधिक के नियम को कानूनी जामा पहना दिया जाएगा। विधानसभा का मानसून सत्र 25 जुलाई से शुरू होना है। उम्मीद की जा रही है कि इस संशोधित अध्यादेश को सदन में प्रस्तुत कर दिया जाएगा। 

 


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