Sidhi. टेलीविजन में आने वाले एक विज्ञापन की पंचलाइन ‘शौच की सोच’ सबकी जुबान पर रहती है। इस प्रेरक वाक्य के बाद भी शौचालय निर्माण की प्रगति धीमी है। खासकर गांवों में लेकिन तब बात और भी विडंबना पूर्ण हो जाती है जब स्वयं सरपंच के घर में शौचालय न हो। यकीन नहीं होता तो आपको ले चलते हैं सीधी जिला। यहां के एक महिला सरपंच की उम्मीदवार का पर्चा इसलिए रिजेक्ट कर दिया गया क्योंकि इनके घर में शौचालय नहीं था। मजेदार बात यह है कि यह उम्मीदवार इससे पहले भी सरपंच रह चुकी हैं।
दूसरी पंचायत में सपना अधूरा
ग्राम पंचायत विजयपुर के सरपंच पद का नामांकन दाखिल करने वाली महिला प्रत्याशी गुलाब सिंह का नामांकन घर में शौचालय नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया गया है। अभ्यर्थी महिला पूर्व में भी सरपंच रह चुकी हैं किंतु इसके बाद भी खुद के घर में शौचालय नहीं बनवा सकीं। शिकायत पर रिटर्निंग ऑफिसर ने आवेदन निरस्त कर दिया है। एक तरफ सरकार ने जहां घर-घर शौचालय बनाने अभियान चला रखा था और उस दौरान जिलेभर में डेढ़ लाख शौचालय बनाए गए किंतु महिला गुलाब सिंह के घर में इसके बाद भी शौचालय नहीं बन सका। पूर्व में वह नजदीकी ग्राम पंचायत खैरही में सरपंच रह चुकी हैं। इस बार अब विजयपुर ग्राम पंचायत आदिवासी महिला के लिए आरक्षित हुई तो वह यहां चुनाव लडऩे आवेदन दाखिल कर दिया। विजयपुर में आवास होने के कारण वह चुनाव मैदान में उतरी थी।
इसलिए समरस नहीं हो पाया विजयपुर
बताया जाता है कि ग्राम पंचायत विजयपुर में एक भी आदिवासी मतदाता नहीं है जिस कारण सरपंच पद के लिए एक से ज्यादा नामांकन नहीं आ सके थे। इधर गुलाब सिंह आवेदन दाखिल करने के बाद उपखंड निर्वाचन अधिकारी सौरभ मिश्रा के यहां शिकायत की गई जहां जांच कराई गई तो पाया गया कि महिला अभ्यर्थी गुलाब सिंह के घर में शौचालय नहीं बना हुआ है। इसी आधार पर निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन निरस्त कर दिया। बता दें कि अगर महिला अभ्यर्थी के संबंध में शिकायत नहीं होती तो जांच भी नहीं कराई जाती ऐसे में वह जिले की अकेली महिला सरपंच होती जो निर्विरोध चुनी जाती। तब ग्राम पंचायत विजयपुर समरस पंचायत घोषित होने का गौरव प्राप्त करती।
डेढ़ लाख से ज्यादा बने शौचालय
जिले में चलाए गए स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत डेढ़ लाख से अधिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों को ओडीएफ घोषित भी की जा चुकी है। ओडीएफ घोषित होने के बाद सवाल ही नहीं उठता कि किसी भी घर में शौचालय नहीं बना हो। अकेली श्रीमती गुलाब सिंह ऐसी महिला जनप्रतिनिधि रही है जिन्होंने 5 वर्षों तक खैरही ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व करने के बाद खुद के लिए शौचालय नहीं बनाया