''अहम् योगेश कुमार ताम्रकार: निर्वाचित: महापौर: नगर पालिक निगम सतनाया: ईश्वरस्य शपथम स्वीकरोमि तथा च अहम् सत्यनिष्ठया प्रतिज्ञां करोमि यत् अहं विधि द्वारा स्थापितस्य भारतस्य संविधानं प्रति पूर्ण श्रद्धां निष्ठां च भावयिष्यामि तथा च भारतस्य सम्प्रभुतां अखण्डमां च अक्षुण्णं करिष्यामि अहं निष्ठापूर्वकं अपि च निष्पक्षतापूर्वकम् मम कर्तव्यं निर्वोढयिष्यामि।"
SATNA. संस्कृत भाषा की उक्त पंक्तियों के साथ सतना नगर निगम के नए महापौर योगेश ताम्रकार ने शपथ ली। इसके जरिए नए महापौर ने संस्कृति और संस्कारों का संदेश दिया। इसके साथ वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले दूसरे महापौर का भी ताज पहन लिया। इनसे पहले राष्ट्रीय सेविका समिति की स्वयंसेविका रहीं विमला पांडेय को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट देकर महापौर बनाया था। विमला पांडेय 17 साल पहले सतना नगर निगम की महापौर बनी थी। उनका कार्यकाल 18 जनवरी 2005 से 07 जनवरी 2010 तक रहा।
22 साल बाद ओबीसी वर्ग से महापौर
नगर निगम के आरक्षण के इतिहास की बात करें तो महापौर का पद 22 साल बाद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के खाते में गया था। इससे पहले वर्ष 2000 में इस सीट में ओबीसी वर्ग से स्वर्गीय बीएल यादव महापौर बने थे। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। स्वर्गीय यादव सतना के जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ थे। हालांकि महापौर के लिए अनारक्षित वर्ग को चार बार मौका मिला जिसमें पुरुष और महिला ने बराबरी के साथ कुर्सी संभाली। चेहरों की बात करें तो अनारक्षित वर्ग से पांच महापौर रहे। राजाराम त्रिपाठी, विमला पांडेय, पुष्कर सिंह तोमर, विष्णु त्रिपाठी और ममता पांडेय। यही नहीं नगर निगम सतना ने कार्यवाहक महापौर भी देखा था। पुष्कर सिंह के विवादित कार्यकाल के बीच विष्णु त्रिपाठी को कार्यवाहक महापौर बनाया गया था। इसके बाद पुन: पुष्कर सिंह ने अपना कार्यकाल पूरा किया था।
27 साल में भाजपा के चार मेयर
योगेश ताम्रकार भाजपा के चौथे महापौर है। 27 साल पुरानी महापौर की व्यवस्था में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा। एक बार कांग्रेस और एक बार ही बहुजन समाज पार्टी को मौका मिला लेकिन कुर्सी विवादों में घिर गई। अंत में महापौर को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। इसके बाद विवाद के बादल छटे और फिर भारतीय जनता पार्टी काबिज रही। वर्ष 1995 में पहली बार महापौर का पद सृजित किया गया जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी राजाराम त्रिपाठी महापौर बने। इसके बाद स्वर्गीय डॉ. बीएल यादव ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में महापौर की कुर्सी संभाली। इनके बाद भाजपा की विमला पांडेय, बसपा के पुष्कर सिंह तोमर महापौर बने लेकिन तोमर विवादों में आ गए इसलिए भाजपा ने विष्णु त्रिपाठी को कुछ दिन के लिए महापौर बना दिया। इसके बाद तोमर फिर लौटे और अपने कार्यकाल के बाद ही हटे। इनका कार्यकाल खत्म होने के बाद भाजपा की ममता पांडेय महापौर बनीं।
द सूत्र की बात पर लगाई मुहर: संपत्ति कर का होगा सरलीकरण
द सूत्र ने नागरिकों से बात की थी जिस पर यह सामने आया था कि सतना नगर निगम संपत्ति कर ज्यादा वसूल रहा है। इस बात को नव निर्वाचित महापौर योगेश ताम्रकार ने शपथ बाद दिए भाषण में रखी । उन्होंने कहा कि संपत्ति कर का सरलीकरण किया जाएगा। यह प्राथमिकता में है। यह आप कुछ दिनों में देखेंगे। यहां पढ़िए क्या कहा नागरिकों ने
और ये भी कहा
1. 18005724060 हेल्पलाइन शुरू की। इसमें स्वच्छता/स्ट्रीट लाइट, योजना, पेयजल और ई चालान जैसी शिकायत की जा सकेगी।
2. सप्ताह में एक दिन सुनवाई के लिए होगा। यह जल्द शुरू होगा ।
3. गंदी बस्तियों को सेवा बस्ती के रूप में पुकारा जाएगा ।
4. 50 हजार पौधे रोपे जाएंगे। यह सीएसआर मद से होगा।
5. अतिक्रमण हटाने में कोई भेदभाव नहीं होगा।
6. समय सीमा में काम न हुए तो विभाग प्रमुखों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
कौन कब रहा महापौर
राजाराम त्रिपाठी 16 जनवरी 1995 से 10 जनवरी 2000
डॉ. बीएल यादव 11 जनवरी 2000 से 07 जनवरी 2005
विमला पांडेय 18 जनवरी 2005 से 07 जनवरी 2010
पुष्कर सिंह तोमर 11 जनवरी 2010 से 30 अगस्त 2010
विष्णु त्रिपाठी 06 सितंबर 2010 से 18 नवंबर 2010
पुष्कर सिंह तोमर 19 नवंबर 2010 से 01 जनवरी 2015
ममता पांडेय 02 जनवरी 2015 से 01 जनवरी 2020