Jabalpur. जबलपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भारी कशमकश के बीच आखिरकार बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए हारी बाजी जीत ली। यहां बीजेपी समर्थित संतोष बरकड़े ने जिला निर्वाचन अधिकारी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के विजेता का प्रमाण पत्र हासिल किया है। कांग्रेस की ओर से 17 जिला पंचायत सदस्यों में से 9 कांग्रेस समर्थित सदस्यों के जीतने का दावा किया जा रहा था। लेकिन बीजेपी यहां से अपने समर्थित सदस्य को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में सफल हो चुकी है।
बीजेपी की कोल्ड ब्लड रणनीति
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए कांग्रेसी खेमा जिला पंचायत कार्यालय में आया तो दमदार तैयारी के साथ था। सुबह कांग्रेस नेता 9 जिला पंचायत सदस्यों को लेकर पहुंचे थे। लेकिन जिला पंचायत की कुर्सी पर घात लगाई बीजेपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार संतोष बरकड़े मात्र 3 सदस्यों के साथ जिला पंचायत दफ्तर में दाखिल हुए थे। जिनमें एक सदस्य उनका प्रस्तावक और एक सदस्य बतौर समर्थक उपस्थित हुआ। बाद में बीजेपी का खेमा शांत भाव से निर्वाचन प्रक्रिया पर निगाहें बनाए रहा।
कांग्रेस के दो वोट हुए निरस्त
कांग्रेस ने अपनी तरफ से रामकुमार सैय्याम पर दांव खेला था। कांग्रेसी खेमा जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर जीत को लेकर आश्वस्त था। लेकिन जैसे ही निर्वाचन प्रक्रिया आरंभ हुई और जिला निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस के दो वोट निरस्त किए उसी के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का पांसा पलट गया। बीजेपी के संतोष बरकड़े को 8 वोट प्राप्त हुए जबकि कांग्रेस समर्थित रामकुमार सैय्याम को 7 वोट मिले।
वोट रिजेक्ट हुए या किये गए?
जैसा कि सभी को पता था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव गैरदलीय प्रणाली पर आधारित हैं जिसमें जमकर हॉर्स ट्रेडिंग की गुंजाइश रहती है। ऐसे में कांग्रेस समर्थित दो वोट किसी तकनीकी वजह से रिजेक्ट हुए या जानबूझकर रिजेक्ट होने के लिए ही डाले गए , यह सवाल शहर की राजनीति में कुछ दिन तक छाया रहेगा। दावों और आरोपों के भी दौर चलने लगे हैं। देखने वाली बात यह होगी कि जीत की कगार पर आते-आते कांग्रेस की एकजुटता की कलई खुली या फिर इस सब के पीछे बड़ा सौदा या समझौता हुआ।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस के खाते में
हालांकि जिला पंचायत उपाध्यक्ष के पद को बचाने में कांग्रेस कामयाब रही। कांग्रेस समर्थित विवेक पटेल ने बीजेपी समर्थित सतेंद्र सिंह सत्तू को एक वोट से पटकनी दी है। विवेक पटेल ने जहां दावे के मुताबिक पूरे के पूरे 9 वोट हासिल किए वहीं सतेंद्र सिंह को 8 मत हासिल हो सके।