Damoh. जिले की नगर पंचायत पथरिया में बहुजन समाज पार्टी का अध्यक्ष बनाने के लिए भाजपा के जिला महामंत्री ने 8 पार्षदों को ऋषिकेश में गंगा नदी किनारे हाथ में जल लेकर शपथ दिलाई है । जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। नगर पंचायत पथरिया में १५ वार्ड आते हैं जिसमें कांग्रेस के 7 पार्षद चुनाव जीते हैं , चार भाजपा के तीन बसपा और एक निर्दलीय पार्षद चुनाव जीता है । पथरिया में निर्दलीय पार्षद के समर्थन से कांग्रेस अध्यक्ष बनने की चर्चा चल रही थी। लेकिन अचानक ही भाजपा के नेताओं ने नया गेम खेल दिया 2 दिन पहले इन पार्षदों को केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने ट्रेन से दिल्ली बुलाया था । वहां से मुलाकात करने के बाद आगे की रणनीति के तहत यह सभी पार्षद भाजपा के जिला महामंत्री गोपाल पटेल के साथ ऋषिकेश के लिए रवाना हो गए ।
वीडियो में गंगा नदी किनारे सभी पार्षदों को गोपाल पटेल हाथ में गंगा जल लेकर शपथ दिलाते दिख रहे हैं । जिसमें कहा जा रहा है कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को सभी पार्षद अपना वोट देंगे और भारतीय जनता पार्टी जिसे भी उपाध्यक्ष तय करती है बाकी पार्षद उसी प्रत्याशी को वोट देंगे । इस शपथ को ये पार्षद कितना मानते हैं यह तो बाद में तय होगा , लेकिन फिलहाल इस वीडियो ने एक नया चर्चा का दौर शुरू कर दिया है । खास बात यह है कि इन पार्षदों में से भाजपा के एक पार्षद संतोष दुबे को नहीं बुलाया गया है। शपथ लेने वाले पार्षद में योगेश चौधरी भाजपा , हल्ले साहू भाजपा , संजू सराफ भाजपा, लीलाधर साहू कांग्रेस, सुंदर विश्वकर्मा बसपा, हरप्रसाद अहिरवार बसपा, प्रवीण जैन बसपा, संदीप चौरसिया निर्दलीय शामिल हैं।
जमकर चल रहा हॉर्स ट्रेडिंग का खेल, निर्वाचन आयोग के बंधे हैं हाथ
दरअसल दमोह में बुरी तरह से मात खाने वाली बीजेपी में अब हर कदम फूंक-फूंककर रखा जा रहा है। दमोह जिला पंचायत हो या फिर जनपद पंचायतों के परिणाम बीजेपी को मंत्रियों के आपसी मनमुटाव का खामियाजा भुगतना पड़ा है। एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल भी पार्टी विरोधी गतिविधि में लगे नेताओं पर कार्रवाई करने की मांग पार्टी नेतृत्व से कर चुके हैं। वहीं बीजेपी की जिले में थोड़ी बहुत इज्जत बचाने के लिए पटेल ने ही पथरिया के पार्षदों को पहले दिल्ली बुलवाया और अपने समर्थकों के जरिए अब हाथ में गंगा उठवाकर शपथ दिलवा रहे हैं।
कांग्रेस को बहुमत के लिए केवल एक पार्षद की दरकार
पथरिया नगर पंचायत में अपना अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस को महज 1 पार्षद की जरूरत है। जिसे मैनेज करना कांग्रेस के लिए वैसे तो कोई मुश्किल काम नहीं है। लेकिन केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की बाड़ाबंदी से कांग्रेस भी सशंकित नजर आ रही है। वहीं बसपा विधायक रामबाई पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि स्थानीय विधायक नगर पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन में अहम भूमिका निभा सकती हैं। वैसे तो 2019 में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद से ही रामबाई का झुकाव बीजेपी की तरफ रहा है लेकिन मौका मिलने पर वे कभी भी पाला बदल भी सकती हैं और बसपा पार्षदों से पाला बदलवा भी सकती हैं।