MP: कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने भेदभाव के चलते दिया था इस्तीफा, 2 घंटे बाद ये ट्विस्ट आया

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MP: कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने भेदभाव के चलते दिया था इस्तीफा, 2 घंटे बाद ये ट्विस्ट आया

उज्जैन. कांग्रेस नेत्री और प्रवक्ता नूरी खान (Noori Khand) ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। फिर 2 घंटे बाद इस्तीफा वापिस भी ले लिया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी के नेतृव्य में विश्वास के साथ मैं इस्तीफा वापिस ले रही हूं। इससे पहले उन्होंने इस्तीफे देते हुए कहा था कि' अल्पसंख्यक होने की वजह से मुझे पार्टी में महत्वपूर्ण पद नहीं मिल पाया। इसी बात से खफा होकर कांग्रेस के सभी पदों को छोड़ रही हूं। PCC चीफ कमलनाथ (Kamalnath) से पूछते हुए उन्होंने लिखा कि प्रदेश के जिलों में कांग्रेस कमेटियों में कितने अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से हैं?

इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ

नूरी खान ने फेसुबक पोस्ट से जानकारी देते हुए बताया कि मुझे पार्टी द्वारा सकारात्मक बात-चीत हेतु आमंत्रित किया गया है और मेरी समस्त आशंकाओं को दूर कर पार्टी अध्यक्ष द्वारा अपना इस्तीफा पुनः लेने का आग्रह किया गया है और मुझे ये विश्वास भी दिलाया गया है की पार्टी अन्याय नही होने देगी। अतः धैर्य रखे पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात कर मैं नतीजे पर पहुंचूंगी। 

नूरी खान की पीड़ा

उन्होंने पीसीसी चीफ के नाम पत्र में लिखा कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा अल्पसंख्यक समाज के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया की है। पार्टी में सिर्फ इस वजह से प्रतिभाओं को मौका नहीं दिया जाता क्योंकि अल्पसंख्यक वर्ग से है। यह मेरा कोई राजनीतिक आरोप नहीं है आप खुद तथ्यात्मक रूप से आकलन करें प्रदेश के जिलों में जिला कांग्रेस कमेटियों में कितने अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से प्रदेश के अग्रिम संगठनों में कोई प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक वर्ग से नहीं है।

मैंने स्वयं यह महसूस किया है कि मुझे जिस तरह से इतनी मेहनत और लगन से कार्य करने के बाद भी सिर्फ वर्ग विशेष से होने की वजह से पार्टी मैं जिम्मेदार पद पर नहीं बैठाया जाता है। जबकि यदि यह स्थिति मेरे जैसी कार्यकर्ता के साथ है। प्रदेश के अन्य जिले के अल्पसंख्यक वर्ग के कार्यकर्ताओं में कितना उपेक्षा का व्यवहार होगा। पार्टी के अग्रिम संगठनों पर जिम्मेदारी नहीं दी जाती। सांप्रदायिक संगठनों से लड़ने की बात सिर्फ कागजों पर है यदि हम अपनी पार्टी में इसका पालन नहीं करा सकते तो शायद हम अपनी विचारधारा से विमुख हो रहे हैं...

ऐसी स्थिति में मेरे लिए कार्य कर पाना असंभव है मैं आपके प्रति व्यक्तिगत रूप से कृतज्ञता व्यक्त करती हूं और अपने सभी कांग्रेस के पदों से इस्तीफा देती हूं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं। अपने से जुड़े कार्यकर्ताओं जनता को यह आश्वस्त करना चाहती हूं कि भविष्य में अपने राजनीतिक आंदोलन को और मजबूत करने के लिए आपकी जनसेवा के लिए नई राजनीतिक दिशा जल्दी तय करूंगी और आपके बीच में राजनीतिक जन सेवा के लिए कार्य करूंगी। एक नई राजनीतिक दिशा और सोच के साथ आप सभी के सहयोग और प्यार के लिए धन्यवाद। 

महिला प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने से नाराजगी

महिला प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने से नूरी खान पार्टी से नाराज थीं। उनका कहना है कि खास वर्ग से होने की वजह से पार्टी में जिम्मेदार पद नहीं दिया जाता है। काफी मेहनत करने के बाद भी अल्पसंख्यकों को खास औदा कांग्रेस में नहीं दिया जाता है। उनकी तारीफ कई बार कमलनाथ भी कर चुके थे। उन्होंने नूरी खान को महिला प्रदेश अध्यक्ष के योग्य बताया था। लेकिन यह पद अर्चना जायसवाल को मिल गया।

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