BHOPAL: इस तरह तो विधानसभा चुनाव में काटने पड़ सकते है 47 मौजूदा विधायकों के टिकट !

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Vijay Mandge
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BHOPAL: इस तरह तो विधानसभा चुनाव में काटने पड़ सकते है 47 मौजूदा विधायकों के टिकट !

भोपाल: मप्र में  नगरीय निकाय चुनाव में BJP ऐसे आपराधिक तत्वों के टिकट काट दिए जिनपर आपराधिक मामले दर्ज थे।  इंदौर वार्ड नंबर 56 से गैंगस्टर युवराज उस्ताद की पत्नी स्वाति काशिद को पहले टिकट दे दिया गया था और भोपाल की नरेला विधानसभा सीट में आने वाले एक वार्ड से भूपेंद्र भदौरिया और सट्टा किंग बाबू मस्तान की पत्नी का टिकट काटा गया। CM शिवराज सिंह चौहान और BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि BJP जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। इस बात को BJP ने जोर शोर से प्रचारित भी किया। आपको जानकर ये हैरानी होगी कि  बीजेपी ने ही 2018 के चुनाव में बीजेपी ने कई दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया था जिनमें से  14  उम्मीदवार विधायक चुनकर आए हैं। वहीं कांग्रेस ने भी कई दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था उनमें से 22 विधायक चुनकर आए हैं। इन सभी जनप्रतिनिधियों पर IPC की गंभीर धाराओं में मामले दर्ज थे।  इनमें से 4 तो कैबिनेट मंत्री है। इसका खुलासा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के सामने दायर किए गए हलफनामे से होता है। नेशनल इलेक्शन वॉच नाम की संस्था ने  इनके हलफनामें की स्टडी की और उसी आधार पर ये रिपोर्ट जारी की थी।अब सवाल ये है कि क्या 2023 के चुनाव में बीजेपी इनसे परहेज करेगी ?



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2018 में बीजेपी के जो उम्मीदवार चुनकर विधायक बने



नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट-2018



अनिरूद्ध मारू, विधायक, मनासा-2018 के हलफनामें के मुताबिक IPC की धारा, 294, 324, 506, 34 के तहत एक मामला दर्ज था



IPC की धारा 324- खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित आरोप 

IPC की धारा 506- आपराधिक धमकी के लिए सजा से संबंधित आरोप 

IPC की धारा 294- अश्लील कृत्यों और गीतों से संबंधित आरोप

IPC की धारा 34- सामूहिक रूप से किए गए अपराध से संबंधित



मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री एवं विधायक, दक्षिण उज्जैन- 2018 में दिए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 171बी के तहत एक मामला दर्ज था, IPC की धारा 171 बी- रिश्वत के लेन देन संबंधित धारा



इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा मंत्री एवं विधायक, शुजालपुर- 2018 के हलफनामे के मुताबिक इनके खिलाफ IPC की धारा 326, 149, 323 के तहत 2 मामले दर्ज थे



IPC की धारा 326- खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने से संबंधित आरोप 

IPC की धारा 149- समूह या सभा में मौजूद रहकर अपराध

IPC की धारा 323- जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाना



जालम सिंह पटेल, विधायक, नरसिंहपुर-2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक जालम सिंह पटेल पर IPC की धारा 147, 148, 149, 307 से जुड़े 3 मामले दर्ज थे



IPC की धारा 147- दंगा करने का दोषी

IPC की धारा 148- घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना

IPC की धारा 149- समूह या सभा में मौजूद रहकर अपराध



केपी त्रिपाठी, विधायक, सेमरिया- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक  केपी त्रिपाठी पर IPC की धारा  294, 323, 324, 506बी के तहत मामले दर्ज थे



IPC की धारा 323- जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाना

IPC की धारा 294- अश्लील कृत्यों और गीतों से संबंधित आरोप

IPC की धारा 324- खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित आरोप 

IPC की धारा 506 बी- आपराधिक धमकी देना



कमल पटेल, कृषि मंत्री एवं विधायक, हरदा- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक  कमल पटेल पर IPC की धारा   147, 148, 149, 294, 323, 427, 506, 307, 304 (द्वितीय), 201, 120 (बी), 34 के तहत मामले दर्ज थे।



IPC की धारा 506- आपराधिक धमकी

IPC की धारा 307- हत्या के प्रयास का मामला

IPC की धारा 201- अपराध के सबूतों को गायब करना

IPC की धारा- 120 बी- आपराधिक साजिश

IPC की धारा 34- सामूहिक रूप से किए गए अपराध से संबंधित

IPC की धारा  147- दंगा करने की सजा से संबंधित

IPC की धारा  148- घातक हथियार से लैस होकर दंगा



पारस जैन, विधायक, उज्जैन उत्तर-2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक  पारस जैन पर IPC की धारा  171 F,188,34, 451 के तहत मामला दर्ज था



प्रहलाद लोधी, विधायक, पवई- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा  279, 304,147, 148, 341, 353, 332, 294, 186, 506बी, 34 के तहत मामले दर्ज थे



IPC की धारा 304- गैर इरादन हत्या 

IPC की धारा 332- लोकसेवक को कर्तव्य से रोकना

IPC की धारा  353- लोकसेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकना, हमला करना



प्रेमशंकर वर्मा, विधायक, सिवनी मालवा- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा  294, 323, 506, 34 के तहत मामले दर्ज थे

राम डांगोरे, विधायक, पंधाना- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 353, 332, 506 के तहत मामले दर्ज



संदीप जायसवाल, विधायक, मुढ़वारा- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 471, 468, 467, 465, 420, 418, 409, 120बी के तहत मामले दर्ज थे IPC की धारा 468, 467 और 420- धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित 



उषा ठाकुर, संस्कृति मंत्री एवं विधायक- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा  295, 426, 427 के तहत मामले दर्ज थे



विक्रम सिंह, विधायक, रामपुर बघेलान- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 148, 323, 307, 436, 342, 435, 452, 325, 294, 149 के तहत मामले दर्ज थे



राज्यवर्धन सिंह, नरसिंहगढ़- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा  354 के तहत मामला दर्ज था, IPC की धारा  354- शीलभंग करने के इरादे से महिला पर हमला



2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल नेताओं पर भी मामले 



इसके अलावा जो लोग कांग्रेस छोड़कर वर्ष 2020 में  बीजेपी में शामिल हुए उनपर भी 2018 के चुनाव के दौरान  आपराधिक मामले दर्ज थे जैसे



गिर्राज दंडोतिया, पूर्व विधायक- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 147, 148, 353, 427, 332, 186, 149,147, 148, 353, 435, 511, 427,147, 148, 149, 186, 332, 353, 427,147, 148, 427,378 के तहत मामले दर्ज थे



जजपाल सिंह जज्जी विधायक, अशोकनगर,  बीजेपी- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 188, 143, 420, 467, 468, 471, 477ए, 120बी के तहत मामले दर्ज किए गए थे



मुन्नालाल गोयल, पूर्व विधायक, बीजेपी- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 341, 353, 147, 149,323, 506,341,341,34,147,353,323,294,451,506बी, 452,427,    

188, 341, 147,341, 147, 188 के तहत मामले दर्ज थे



रघुराज सिंह कंसाना, पूर्व विधायक- 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा  307, 186, 353, 332, 224, 225, 399 के तहत मामले दर्ज थे,  IPC की धारा 307- हत्या के प्रयास का मामला



हाल ही में दो विधायक सपा के राजेश कुमार शुक्ला और बसपा के संजीव सिंह बीजेपी में शामिल हुए 2018 के हलफनामे के मुताबिक दोनों पर आपराधिक मामले दर्ज थे



राजेश कुमार शुक्ला, बिजावर(सपा से बीजेपी में शामिल)-2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की धारा 212 के तहत मामला दर्ज, IPC की धारा 212- अपराधी को संरक्षण देना



संजीव सिंह,भिंड(बीएसपी से बीजेपी में शामिल)- वैसे ही बीएसपी के संजीव सिंह पर 2018 में दिए गए हलफनामे के मुताबिक IPC की कई धाराओं में  5 मामले दर्ज है



कांग्रेस में 22 दागी उम्मीदवार विधायक बन गए



आरिफ मसूद,भोपाल मध्य-IPC की धाराएं 147, 148, 149, 307 के तहत 1 मामला

बाबू जंडेल, श्योपुर-IPC की धाराएं 148, 323, 149, 332, 353, 535, 506बी 

बैजनाथ कुशवाह,सबलगढ़-IPC की धाराएं 420,341, 294, 506, 323, 34

दिलीप गुर्जर,खाचरौद-IPC की धाराएं  147, 148, 324, 149, 325, 323

घनश्याम सिंह,सेंवढ़ा-IPC की धाराएं 341, 224, 225, 342, 353 समेत 13 धाराओं में तीन मामले

जीतू पटवारी,राऊ-IPC की धाराएं 147,148,294,353,332,506,427 में 11 मामले

कुणाल चौधरी,कालापीपल-IPC की धाराएं 147, 332, 353, 188 में 9 मामले

लखन घनघोरिया,जबलपुर पूर्व-IPC की धाराएं 147, 148, 149 समेत 5 धाराओं में 2 मामले दर्ज

लाखन सिंह यादव, भितरवार-IPC की धारा 498 ए  के तहत एक मामला

महेश परमार, तराना-IPC की धाराएं 120बी, 420, 409, 467 समेत  7 धाराओं में दो मामले

मुरली मोरवाल, बड़नगर-IPC की धाराएं  324, 323, 294, 506 में मामला दर्ज

एनपी प्रजापति, गोटेगांव-IPC की धाराएं 147, 148, 149, 188, 353, 332, 34 में मामला दर्ज

नीलेश उइके,पांढुर्ना-  IPC की धाराएं  279, 337, 338 304ए के तहत मामला दर्ज

पांचीलाल मेड़ा, धरमपुरी-IPC की धाराएं  188, 147,294, 147, 447, 427, 506 में मामले दर्ज

फुंदेलाल मार्को, पुष्पराजगढ़-IPC की धाराएं  419, 420, 467, 471, 109, 120बी में  मामले दर्ज

पीसी शर्मा,दक्षिण-पश्चिम. भोपाल-IPC की धाराएं353, 186, 147 समेत  14 मामले दर्ज

प्रताप ग्रेवाल,सरदारपुर-IPC की धाराएं 294, 323, 506 में मामले दर्ज

सुखदेव पांसे,मुलताई-IPC की धाराएं 302, 149, 354,147 समेत 2 मामले, 302 हत्या से संबंधित धारा होती है

सुनीता पटेल,गाडरवाड़ा- IPC की धाराएं 147, 148, 149, 427, 353, 332, 186, 435

विजयराघवेंद्र सिंह,बड़वारा -IPC की धाराएं 353, 332 के तहत मामला

विक्रम सिंह नातीराजा,राजनगर-IPC की धाराएं 353, 323, 394 के तहत मामले



विनय सक्सेना,जबलपुर उत्तर- IPC की धाराएं  188, 341, 147, 147 में तीन मामले दर्ज हैं



कांग्रेस ने कहा राजनीति का अपराधीकरण न हो



कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा से द सूत्र ने इस मामले को लेकर सवाल पूछा तो केके मिश्रा ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को राजनीतिक शुचिता बनाए रखना जरूरी है। कांग्रेस में भी अपराधी किस्म के तत्व न शामिल हो ऐसी कोशिश की जाएगी।हालांकि नेता ये कहते जरूर है लेकिन टिकट देते समय विनिबिलेटी फैक्टर यानी जीत की संभावना का फॉर्मूला ऐसा भारी पड़ता है कि छवि को तो भूल ही जाते हैं... अब सवाल ये है कि नगरीय निकाय चुनाव में आदर्श स्थापित करने वाले राजनीतिक दल क्या अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इस फॉर्मूले पर अमल करेंगे।


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