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Bhopal. कांग्रेस में बड़ा फैसला हुआ है। कमलनाथ की जगह डॉ. गोविंद सिंह को मध्य प्रदेश का नया नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। ये बदलाव दिल्ली के इशारे पर किया गया। दिल्ली से कांग्रेस आलाकमान का लेटर आया था। कमलनाथ के इस्तीफा के बाद गोविंद सिंह को ये जिम्मेदारी मिली। अब कमलनाथ सिर्फ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को संभालेंगे। इस बदलाव की मांग लंबे समय से प्रदेश संगठन द्वारा की जा रही थी। इस परिवर्तन को 2023 विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
कांग्रेस का बड़ा फैसला
डॉ. गोविंद सिंह मध्य प्रदेश के नए नेता प्रतिपक्ष बनाए गए।
दिल्ली से आया आलाकमान का लेटर।
कमलनाथ का नेता प्नतिपक्ष पद से इस्तीफा मंजूर। pic.twitter.com/NYsEhsonwc
— TheSootr (@TheSootr) April 28, 2022
कांग्रेस द्वारा आदेश जारी किया गया
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल के हाथों जारी हुए पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर आपका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। पार्टी आपके योगदान की प्रशंसा करती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने डॉ. गोविंद सिंह को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी दे दी है।
डॉ. गोविंद सिंह ने द सूत्र से की बात
द सूत्र से बातचीत में डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि अब हम विधानसभा को पूरी ताकत से चलाएंगे और पूरे समय के लिए चलाएंगे। ये पद उनके लिए सामान्य-सी बात है। पूर्व की तरह वह अपनी जिम्मदारी को पूरी ईमानदारी से निभाएंगें। उन्होंने शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई, महिला अत्याचार जैसे प्रमुख मुद्दे हैं। इन्हीं मुद्दों को हम जनता के बीच ले जाएंगे। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता की चुनौती है, बीजेपी की नहीं। इस मौक उन्होंने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं सिंधिया की नीतियों का पहले भी विरोध करता रहा हूं, आगे भी करता रहूंगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह जी को मध्यप्रदेश विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं।
कांग्रेस परिवार आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
"मंगलकामनाएं" pic.twitter.com/x0hw4Dyw1V
— MP Congress (@INCMP) April 28, 2022
कौन हैं गोविंद सिंह
कमलनाथ की जगह अब पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष (Dr. Govind Singh next Leader of Opposition) होंगे। डॉ गोविंद सिंह सात बार के विधायक हैं। साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वह चंबल इलाके से आते हैं। कमलनाथ की सरकार में डॉ गोविंद सिंह मंत्री रहे हैं। डॉ गोविंद सिंह मुखर होकर पार्टी में अपनी बातों को रखते हैं। संगठन के अंदर से भी कई बार उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग उठी है। कहा जा रहा है कि कमलनाथ एक पद छोड़कर प्रदेश में अब संगठन की मजबूती पर जोर देंगे।
.@INCMP के वरिष्ठ नेता डॉ. #गोविंद_सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनने की बधाई. 07 बार के विधायक डॉ सिंह #लहार सीट से #कांग्रेस की विचारधारा को देशभर में प्रसारित करते हैं!
मुझे विश्वास है जड़/जमीन से जुड़ी #Congress अब और अधिक मजबूती से #मध्यप्रदेश के हितों की आवाज सदन में बुलंद करेगी! pic.twitter.com/2EhZGu4PC1
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) April 28, 2022
डॉक्टर गोविंद सिंह की नियुक्ति के मायने
डॉक्टर गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष के पद पर नियुक्त किए जाने के गहरे सियासी मायने हैं। सबसे बड़ी वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद ग्वालियर चंबल संभाग में उनकी काट के तौर पर वहां के एक सशक्त और जमीन से जुड़े नेता को तवज्जो दी गई है। उनकी नियुक्ति के एक मायने यह भी हैं कि कांग्रेस में अभी भी दिग्विजय खेमा अपना दबदबा कायम किए हुए है। कुछ दिन पहले ही महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद पर दिग्विजय खेमे की माने जाने वाली विभा पटेल को भी नियुक्त किया गया है।
2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी
कांग्रेस में हुए इस बड़े बदलाव के बाद एक बात साफ है कि मिशन 2023 के लिए कांग्रेस भी अब कमर कस चुकी है। हाल ही में कमलनाथ की दो बार केंद्रीय आलाकमान सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। उसके बाद भोपाल में दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, अजय सिंह, सुरेश पचौरी की मौजूदगी में कमल नाथ के बंगले पर डिनर हुआ था। उसके बाद ये बड़ा फैसला सामने आया है।
विधानसभा की कार्यवाही को बताया था बकवास
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक साक्षात्कार में कहा था कि वह विधानसभा में सदन की कार्यवाही में बीजेपी की बकवास सुनने नहीं जाते हैं क्योंकि उन्हें 200 लोगों से रोजाना मिलना होता है। कमलनाथ की इस टिप्पणी पर बीजेपी ने हमले करते हुए उनके बर्ताव को विधानसभा की अवमानना बताया है और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को शिकायत दी है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा के अलावा बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि कमलनाथ की विधानसभा सदस्यता को तत्काल समाप्त किया जाए।