BHOPAL. हेरिटेज वाइन के नाम पर मध्यप्रदेश में अब महुआ की शराब बेची जाएगी। आदिवासियों की आर्थिक बेहतरी के लिए सरकार की ये नई योजना है। इसमें रोचक बात ये है कि जिन दो आदिवासी संस्थानों को दिया गया है उनमें आलीराजपुर जिले का हनुमान आजीविका सेवा सहायता समूह और डिंडोरी जिले के अमरकंटक ब्लॉक का मां नर्मदा आजीविका सेवा सहायता समूह शामिल हैं। इन संस्थानों को प्लांट लगाने के लिए सरकार लाखों का अनुदान दिया है साथ ही इनके कर्मचारियों को पुणे से इसकी ट्रेनिंग भी करवाई गई है। महुआ की शराब शुरुआत में पर्यटन निगम की होटलों में बिकेगी।
नशामुक्ति अवॉर्ड विनिंग स्टेट में हेरिटेज वाइन
30 जुलाई को मध्यप्रदेश को पूरे देश में नशामुक्ति के क्षेत्र में सबसे बेहतर काम करने का अवॉर्ड मिला और एक अगस्त को सरकार ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर हेरिटेज वाइन बनाने की घोषणा कर दी। इसके लिए दो आदिवासी संस्थानों का चयन भी कर लिया गया। हनुमान और मां नर्मदा सेवा समूह महुआ की शराब बनाएंगे और पूरे प्रदेश में कहीं भी इसका विक्रय कर सकेंगे। यहां तक कि सरकार ने उनको एक्साइज ड्यूटी, जीएसटी और वैट समेत सभी करों से छूट प्रदान की है। प्लांट किस तरह का होगा और किस तरह ये महुआ की शराब तैयार होगी उसके लिए इन संस्थानों के कर्मचारियों की पुणे में प्रोफेशनल ट्रेनिंग कराई गई है। प्लांट लगाने के लिए भी करीब 50 लाख का अनुदान दिया जा रहा है। ये प्रयोग मध्यप्रदेश में पहली बार किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि आदिवासियों की आर्थिक उन्नति के लिए ये व्यवसाय फायदे का सौदा रहेगा। इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा।
पर्यटन निगम की 18 होटलों से होगी विक्रय की शुरुआत
महुआ शराब की बिक्री की शुरुवात पर्यटन निगम की 18 होटलों से की जाएगी। सबसे पहले ये देखा जाएगा कि इसका रिस्पॉन्स कैसा है। यदि इसका रिस्पॉन्स बेहतर मिला तो सरकार होटलों की संख्या बढ़ाएगी। इसके रिस्पॉन्स के हिसाब से ही इसकी कीमत तय की जाएगी। यदि हेरिटेज वाइन का ये फॉर्मूला काम कर गया तो इसके अलग सेल काउंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा हेरिटेज वाइन बनाने के लिए संस्थानों की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी। जल्द ही ये प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में आएगा।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने सरकार की मंशा और योजना दोनों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि एक तरफ तो सरकार नशामुक्ति की बात करती है और दूसरी तरफ हेरिटेज वाइन के नाम पर शराब की खपत बढ़ा रही है। बीजपी की ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब बंदी का मुद्दा उठाकर आंदोलन पर आमादा हैं तो दूसरी तरफ सरकार दूसरे दरवाजे से शराब की दुकानें बढ़ा रही है। आदिवासियों की बेहतरी के कई और भी तरीके हैं जिनको अमल में लाया जा सकता है। कांग्रेस नेता ये भी कहते हैं कि नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान मां नर्मदा के तट से पांच किलोमीटर तक शराब का विक्रय प्रतिबंधित किया था तो क्या ये शराब वहां तक नहीं पहुंचेगी।
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है। बीजेपी नेता राजपाल सिसोदिया कहते हैं कि कांग्रेस आदिवासियों की विरोधी है। आदिवासी महुआ उत्पादन और उसके उत्पादों से सीधे तौर पर जुड़े रहते हैं। सरकार उनके इस परंपरागत व्यवसाय को प्रोफेशनल रूप देना चाहती है जिससे उनकी आर्थिक उन्नति हो सकेगी।