भोपाल: जय युवा आदिवासी संगठन यानी JAYAS ने पंचायत चुनाव से राजनीति में एंट्री का दावा किया है। जयस ने इसबार आदिवासी बाहुल्य जिलों की पंचायतों से अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। जयस का दावा है कि जयस के ज्यादातर उम्मीदवार जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। जयस, एक राजनीतिक न होकर सामाजिक संगठन है लेकिन आदिवासी बाहुल्य जिलों में सक्रिय है। पंचायत चुनाव का अभी पहले चरण का मतदान हुआ है उसी दिन काउंटिंग भी हो गई थी। जो रूझान मिले है उसके आधार पर जयस जीत का दावा कर रहा है। जयस के पदाधिकारियों का ये भी दावा है कि दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में भी जयस के उम्मीदवार जीत दर्ज करेंगे।
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झाबुआ की पहली व्हिसिल ब्लोअर, जिला पंचायत सदस्य
आदिवासी बाहुल्य झाबुआ के वार्ड नंबर 9 से जयस समर्थित रेखा निनामा की जीत का दावा किया जा रहा है। रेखा एक पढ़ी लिखी युवती है और पिछले तीन सालों से जयस की सक्रिय सदस्य है। रेखा निनामा की राजनीति की शुरूआत उनके खुद के बुरे अनुभव से हुई थी। कुछ साल पहले जब रेखा के पिता का निधन हुआ तो अंतिम संस्कार के लिए परिवार ने पंचायत से 10 हजार रु. की सहायता मांगी। रेखा के परिवार को इसके लिए पंचायत को दो हजार रु. रिश्वत देना पड़ी। इसके बारे में जब रेखा को पता चला तो रेखा ने व्यवस्था को बदलने की ठान ली। इंदौर में पढ़ने वाली रेखा अपने गांव से भी जुड़ी है और इसके बाद रेखा ने गांव की कई समस्याओं को दूर किया। कागजों पर सड़क बनी थी उसके भ्रष्टाचार को उजागर किया। अब रेखा जिला पंचायत सदस्य के रूप में गांव के मुद्दों को उठाएगी। रेखा निनामा को झाबुआ जिले की पहली महिला व्हिसिल ब्लोअर कहा जाता है।
जयस का दावा, 6 जिला पंचायत सदस्य जीते
जयस ने इसबार पंचायत चुनाव में दमखम से अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। जयस के राष्ट्रीय प्रभारी इंजीनियर लोकेश मुजाल्दे का दावा है कि धार, झाबुआ, बड़वानी, खरगौन, देवास, सीहोर, हरदा, होशंगाबाद, जबलपुर बैतूल समेत कई जिलों में 192 सरपंच प्रत्याशी, 43 जनपद प्रत्याशी और 6 जिला पंचायत प्रत्याशी जीते हैं। लोकेश मुजाल्दा ने द सूत्र से बातचीत करते हुए ये भी कहा कि लोगों ने बीजेपी और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों को नकार दिया और जयस के पढ़े-लिखे उम्मीदवारों को चुना है जिससे साफ जाहिर होता है कि बदलाव आ रहा है।
विधानसभा में भी ताल ठोंकने की तैयारी
इस तरह से जयस दावा कर रहा है कि पंचायत चुनाव के जरिए उसने मप्र की सियासत में अपना खाता खोल लिया है। उससे एकबात साफ है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जयस भी अपने पार्टी सिंबोल के साथ मैदान में उतरने की पूरी तैयारी करता नजर आ रहा है।