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MUMBAI. महाराष्ट्र (Maharashtra) में एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Govt.) ने विधानसभा अध्यक्ष (Speaker of the Legislative Assembly) पद पर राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) के चुनाव के साथ ही पहली बाधा पार कर ली है। इसके बाद अब सरकार बड़े इम्तिहान के दूसरे दौर में पहुंच गई है। महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र (Special session of the Maharashtra Legislative Assembly) के दूसरे दिन आज (4 जुलाई) शक्ति परीक्षण होना है। शिवसेना विधायक (Shiv Sena MLA) एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद बीजेपी (BJP) के समर्थन से सत्ता में आई नई महाराष्ट्र सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना है। इसके पहले 3 जुलाई की शाम को मुख्यमंत्री शिंदे ने शिवसेना विधायकों के अपने धड़े के साथ डेप्युटी सीएम देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) और बीजेपी विधायकों की मौजूदगी में मुंबई के एक होटल में फ्लोर टेस्ट की रणनीति बनाने के लिए बैठक की। बीते दिन शिंदे गुट से दो विधायक नितिन देशमुख और कैलाश पाटिल वापस उद्धव कैंप में लौट आए हैं। विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन के विधायकों ने मेज थपथपाकर उद्धव कैंप में लौटे विधायकों का स्वागत किया। फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी-शिंदे गुट के विधायकों ने एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया है। वहीं स्पीकर राहुल नार्वेकर ने भी शिंदे को नेता के तौर पर मान्यता दे दी है।
फडणवीस का दावा- 164 विधायक हैं साथ
शिवसेना के बागी विधायकों को लेकर बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे के लिए राह आसान नहीं होने वाली है। विधानसभा के स्पेशल सत्र के पहले दिन स्पीकर के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद शिंदे सरकार को 4 जुलाई को फ्लोर टेस्ट से गुजरना है। बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि उनके पास 164 विधायकों का समर्थन होगा और वह स्पष्ट बहुमत के साथ फ्लोर टेस्ट जीत जाएंगे। इस बीच शिवसेना के वे विधायक असमंजस में होंगे, जो उद्धव ठाकरे के साथ हैं।
विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है
विधानसभा का स्पीकर बनने के बाद राहुल नार्वेकर ने ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना का चीफ व्हिप नियुक्त कर दिया है। यह घटनाक्रम 16 विधायक वाले उद्धव ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे विधानसभा में होने वाले विश्वास मत के लिए गोगावले द्वारा जारी किए जाने वाले व्हिप से बंधे होंगे। अगर ये 16 विधायक व्हिप का पालन करने से इनकार करते हैं तो उन्हें अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में फ्लोर टेस्ट में उद्धव ठाकरे के समर्थक विधायकों को शिंदे सरकार को समर्थन देना मजबूरी हो जाएगी। हालांकि, स्पीकर के चुनाव में उद्धव गुट के 16 विधायकों ने शिंदे सरकार के उम्मीदवार के खिलाफ वोटिंग की थी। उद्धव गुट के व्हिप सुनील प्रभु ने शिवसेना उम्मीदवार राजन साल्वी के पक्ष में वोटिंग के लिए व्हिप जारी की थी, जबकि शिंदे खेमे की ओर से राहुल नार्वेकर के पक्ष में मतदान के लिए निर्देश दिया गया था। चुनाव के बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खेमे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए स्पीकर को पत्र लिखा था। ऐसे में ये मामला कोर्ट तक पहुंचना निश्चित माना जा रहा है।
राहुल नार्वेकर को मिले थे 164 वोट
3 जुलाई को महाराष्ट्र की विधानसभा में स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ है। बीजेपी-शिंदे गुट के गठबंधन पक्ष को 164 वोट मिले। हालांकि स्पीकर के चुनाव में जीत के लिए 144 वोट चाहिए थे। यानी राहुल नार्वेकर को जीत से 20 वोट ज्यादा मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार राजन साल्वी को 107 विधायकों ने वोट किया। राहुल नार्वेकर ने अपने प्रतिद्वंदी को 47 वोट के बड़े अंतर से हराया है।