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DELHI. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने मोदी सरकार (Modi Govt.) से इस्तीफा दे दिया है। वे केन्द्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों का विभाग (Department of Minority Affairs) संभाल रहे थे। नकवी ने पीएम से मुलाकात करने के बाद इस्तीफा दिया। नकवी 6 जुलाई को अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में शामिल हुए। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश और लोगों की सेवा में नकवी और आरसीपी सिंह (RCP Singh) के योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री की सराहना के बाद से ही अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि दोनों मंत्री जल्द ही इस्तीफा दे देंगे, और वही हुआ। आपको बता दें कि दोनों का राज्यसभा कार्यकाल 7 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
जल्द मिलेगी नई भूमिका
नकवी केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री थे और राज्यसभा में बीजेपी के उपनेता भी थे। हाल ही में हुए राज्यसभा द्विवार्षिक चुनाव में बीजेपी ने उन्हें कहीं से उम्मीदवार नहीं बनाया था। तब से ही ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें एनडीए का उपराष्ट्रपति (Vice President) उम्मीदवार या फिर किसी बड़े राज्य का राज्यपाल बना सकती है।
मुख्तार का राजनितिक सफर
मुख्तार अब्बास नकवी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं। प्रयागराज में जन्मे नकवी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय देश में आपातकाल घोषित होने पर उन्हें जेल में रहना पड़ा था। नकवी कभी इंदिरा गांधी को चुनाव में हराने वाले समाजवादी नेता राजनारायण के करीबी थे और उनके प्रभाव में सोशलिस्ट हुआ करते थे। बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गए। 1998 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए, ये पहली बार हुआ था कि कोई मुस्लिम चेहरा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनकर पहली बार संसद पहुंचा था। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी रहे। वह दो किताबें स्याह और दंगा भी लिख चुके हैं। नकवी 2010 से 2016 तक यूपी से राज्यसभा सदस्य रहे। 2016 में वे झारखंड से राज्यसभा भेजे गए।
आरसीपी सिंह क्या करेंगे
आरसीपी सिंह के बीजेपी में आने की चर्चा है। एक दिन पहले ही बीजेपी ने स्पष्ट किया कि आरसीपी अभी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं। आरसीपी सिंह अगर बीजेपी में शामिल होते हैं तो यह शायद जेडीयू को रास नहीं आएगा। हालांकि राज्यसभा में राष्ट्रपति की ओर से मनोनयन की सात सीटें खाली हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो चुका है। संभावना है कि एनडीए जल्दी ही अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगा।