NEW DELHI. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 16 जुलाई को यूपी में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Express Way) का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने तंज कसते हुए कहा कि अपने देश के बच्चों को मुफ्त और अच्छी शिक्षा देना और लोगों का अच्छा और मुफ्त इलाज करवाना, इसे मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं कहते। हम एक विकसित और गौरवशाली भारत की नींव रख रहे हैं। ये काम 75 साल पहले हो जाना चाहिए था।
केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं। देशभर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क था, वैसी ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत थी। 18 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद था। आज हमने अगर इन बच्चों का भविष्य ठीक किया तो मैं क्या गुनाह कर रहा हूं?
पीएम पर बरसे सीएम
केजरीवाल के मुताबिक, मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं, केजरीवाल फ्री की रेवड़ियां बांट रहा है, मुझे भद्दी-भद्दी गालियां दी जा रही हैं, मेरा मजाक उड़ाया जा रहा है। मेरी सरकार से पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब थी, जैसी अन्य राज्यों में आज भी है। आज मैं इन बच्चों को फ्री में शानदार शिक्षा दे रहा हूं तो क्या बुरा कर रहा हूं। सरकारी स्कूलों में 75 साल में पहली बार 99% से ज्यादा रिजल्ट रहा है। दिल्ली में पिछले कुछ सालों में चार लाख बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है।
ये काम 1947 या 1950 में हो जाना चाहिए था, जो आज हम कर रहे हैं। हम देश की नींव रख रहे हैं। ये रेवड़ी नहीं है, देश की नींव है। आज दिल्ली के सरकारी अस्पताल शानदार कर दिए हैं, मोहल्ला क्लीनिक शानदार कर दिए हैं, जिनकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। दिल्ली दुनिया का वह चुनिंदा शहर है, जिसकी दो करोड़ जनसंख्या के हर आदमी का इलाज मुफ्त है।
अखिलेश का भी मोदी पर निशाना
मोदी के बयान पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट किया- रेवड़ी बाँटकर थैंक्यू का अभियान चलवाने वाले सत्ताधारी अगर युवाओं को रोजगार दें तो वो ‘दोषारोपण संस्कृति’ से बच सकते हैं। रेवड़ी शब्द असंसदीय तो नहीं?