चुनावी राज्यों में ईडी की सक्रियता से उठ रहे सवाल, राजस्थान-छत्तीसगढ़ में छापेमारी के बाद कांग्रेस को मप्र में भी एक्शन की आशंका

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Jitendra Shrivastava
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चुनावी राज्यों में ईडी की सक्रियता से उठ रहे सवाल, राजस्थान-छत्तीसगढ़ में छापेमारी के बाद कांग्रेस को मप्र में भी एक्शन की आशंका

मिलिंद बायवार, BHOPAL. कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में विधानसभा चुनाव सिर पर है। इस बीच राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के यहां ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पेपर लीक मामले में छापेमारी की है। साथ ही एक अन्य मामले में सीएम अशोक गहलोत के बेटे को भी ईडी ने समन जारी किया है। इससे राजस्थान की सियासत तेज हो गई है। वहीं कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में भी ईडी लगातार सक्रिय रहती है। वहां कोयले से जुड़े घोटाले का मामला चल रहा है। इसमें कई मंत्रियों को समन जारी हुए हैं और कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। कांग्रेस नेता मप्र में भी ईडी छापेमारी की आशंका जता रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार ईडी को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। यहां हम विपक्ष के आरोपों पर पड़ताल करेंगे।

चुनावी राज्यों में सियासत गरमाई

चुनावी राज्यों में ईडी की कार्रवाई से सियासत गरमा गई है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने यहां तक कह दिया कि ईडी कुत्ते लेकर घूम रही है। वहीं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी एक संबोधन में बघेल के बयान का जिक्र किया। वहीं विपक्षी दल मोदी सरकार पर लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक बदले की भावना से कर रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद ईडी की सक्रियता कितनी बढ़ी है।

यूपीए की तुलना में मोदी राज में इतनी बढ़ी ईडी की छापेमारी

देश में बढ़ते ईडी के एक्शन को लेकर केंद्र सरकार ने ही बड़ा खुलसा किया है। 26 जुलाई को केंद्र सरकार ने राज्यसभा में 2004 और 2014 (यूपीए सरकार) के बीच और 2014 से लेकर 2022 के बीच (एनडीए सरकार) ईडी के एक्शन को लेकर तुलनात्मक आंकड़े पेश किए थे। इसमें बताया गया था कि 2004 से 2014 की तुलना में 2014 से 2022 के दौरान ईडी की छापेमारी में 27 गुना ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने खुलासा करते हुए बताया था कि 2004 से 2014 के दौरान ईडी ने 112 जगह छापेमारी की। वहीं 2014 से 2022 तक ईडी ने 3,010 स्थानों पर छापेमारी की।यहां बताना जरूरी है कि 2023 में भी ईडी का एक्शन लगातार जारी है।

नेताओं पर चार गुना बढ़ी छापेमारी

आंकड़े यह भी बताते हैं कि यूपीए शासन की तुलना में मोदी सरकार में नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी में 4 गुना ज्यादा इजाफा हुआ है। यूपीए राज में 3 सांसद जांच के दायरे में आए थे, वहीं मोदी सरकार के दौरान 24 से ज्यादा सांसद जांच के दायरे में आ गए। साथ ही ईडी की जांच का घेरा 21 से ज्यादा विधायकों, 11 पूर्व विधायकों और 7 पूर्व सांसदों तक भी पहुंचा।

ईडी का घेरा विपक्ष के इन बड़े नेताओं तक पहुंचा...

  • कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
  • कांग्रेस नेत्री सोनिया गांधी
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
  • ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी
  • आरजेडी नेता लालू यादव
  • लालू की पत्नी राबड़ी देवी
  • लालू के बेटे तेजस्वी यादव
  • सपा नेता अखिलेश यादव
  • आप नेता मनीष सिसोदिया
  • आप नेता संजय सिंह
  • आप नेता राघव चड्ढा
  • फारुक अब्दुल्ला
  • उमर अब्दुल्ला
  • महबूबा मुफ्ती
  • पंजाब पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी
  • हेमंत सोरेन
  • शरद पवार
  • उद्धव ठाकरे

मप्र को लेकर कांग्रेस को यह आशंका

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लाम्बा ने हाल ही में इंदौर में कहा है कि विधानसभा चुनाव के बीच ईडी राजस्थान पहुंच चुकी है। छत्तीसगढ़ में पहले से ईडी सक्रिय है। अब मध्यप्रदेश में भी ईडी का एक्शन हो सकता है। उन्होंने कहा कि मप्र में भी हमारे खिलाफ छापे पड़ने वाले हैं। लाम्बा ने आरोप लगाया कि ईडी ही भाजपा को चुनाव लड़ा रही है। बीजेपी आईटी विभाग, सीबीआई और अन्य संवैधानिक संस्थाओं को चुनावी हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रही है।

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