Singrauli. बीजेपी ने सिंगरौली नगर निगम में महापौर प्रत्याशी चंद्रप्रताप विश्वकर्मा के नाम पर अंतिम मुहर लगाकर कर सस्पेंस पर विराम लगा दिया है। कांग्रेस व बीजेपी के बाद अब सभी की निगाहें बसपा पर टिकी है। जिलाध्यक्ष राधिका वर्मा की माने तो बसपा प्रत्याशी का नाम 15 जून को सार्वजनिक हो जायेगा। बसपा में शुरू से ही अनारक्षित महापौर सीट पर बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बंशरूप शाह , पूर्व सिंगरौली विधान सभा प्रत्याशी सुरेश शाहवाल जहां प्रबल दावेदार माने जा रहे है वहीं किसी दमदार आयातित कंडीडेट को भी मैदान में उतारे जाने की चर्चाएं आम हैं।
बसपा से बंशरूप पहले नंबर पर
बसपा में प्रबल दावेदारों में वरिष्ठ नेता व पूर्व जिलाध्यक्ष बंशरूप शाह पहले नंबर पर हैं। बसपा में इनका जहां एक लंबा कार्यकाल रहा है वही पार्टी के प्रति निष्ठा व पार्टी के प्रति समर्पित व सक्रियता को देखते हुऐ माना जा रहा है की इन्हें टिकट मिल सकता है। दूसरे स्थान पर सिंगरौली विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी सुरेश शाहवाल हैं जिनके पास दो बार सिंगरौली जिलाध्यक्ष रहने के साथ एक बार विधान सभा का चुनाव लडऩे का अच्छा खासा अनुभव है। पार्टी में इनकी पकड़ व लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि इनके 2018 के विधायक उम्मीदवारी के दौरान प्रचार में स्वयं बसपा की राष्ट्रीय सुप्रीमो मायावती भी बिलौजी एनसीएल ग्राउंड आईं थीं। उधर राजनैतिक पंडितों के मुताबिक अर्से बाद अनारक्षित हुई सिंगरौली नगर निगम चुनाव में बसपा सुप्रीमो स्वयं गहरी नजर रखे हुए हैं। वह 2009 के चुनाव की ही तरह अवसर को भुनाने के लिए बेताब हैं। इस नजरिए से कांग्रेस व भाजपा में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के उपरांत उपजे असंतोष पर उनकी नजर गड़ी है...... ऐसे में यह भी हो सकता है कि उक्त दोनों दलों में किसी एक असंतुष्ट दमदार चेहरे को बसपा हाथी की सवारी करा सकती है।
आप की रानी बिगाड़ सकती है गणित
भाजपा और कांग्रेस के महापौर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के साथ ही इस संभावना को एक बार फिर से हवा मिलनी शुरू हो गयी है कि नगरीय निकाय चुनाव में बतौर प्रत्याशी अब तक दूरी बना चल रही आप की प्रदेश उपाध्यक्ष व सिंगरौली विधानसभा में पूर्व प्रत्याशी श्रीमती रानी अग्रवाल नए समीकरण के चलते मैदान में आ सकती हैं। अवगत कराते चलें कि 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान श्रीमती अग्रवाल भाजपा से बगावत कर आप का दामन थाम सिंगरौली विधानसभा सीट में बतौर प्रत्याशी उतर आप की दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुकी हैं। उस चुनाव को एक चुनौती मान इन्होने भाजपा - कांग्रेस, बसपा सभी की हालत पतली कर दिया था। हालात यह हुआ था कि भाजपा प्रत्याशी राम लल्लू वैश्य महज 2500 मतों के अंतर से इनसे आगे हो अपनी तीसरी जीत सुनिश्चित करा सके थे।