चुनाव से पहले घोषणावीर CM का टैग हटाने शिवराज की तैयारी, सरकारी आंकड़ों पर लोगों का भरोसा जीतने बनाया राज्य सांख्यिकी आयोग

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चुनाव से पहले घोषणावीर CM का टैग हटाने शिवराज की तैयारी, सरकारी आंकड़ों पर लोगों का भरोसा जीतने बनाया राज्य सांख्यिकी आयोग

BHOPAL. सरकारी आंकड़ों को अक्सर आंकड़ों की बाजीगरी कहा जाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर ये टैग लगा है कि वे आंकड़ों के जरिए जनता को खुश करने की कोशिश करते हैं। बात बजट की हो या फिर लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार हासिल करने की, विपक्ष ये आरोप लगाता रहा है कि सिर्फ झूठे आंकड़ों के आधार पर विकास दिखाया जा रहा है। विधानसभा चुनाव के पहले सीएम शिवराज अपनी जुमला सरकार की छवि बदलने की तैयारी कर रहे हैं। सीएम की कोशिश सरकारी आंकड़ों पर आम लोगों का विश्वास हासिल करने की है। सरकार ने राज्य सांख्यिकी आयोग बनाया है। इस आयोग के प्रमुख कामों में ये साफ तौर पर लिखा गया है कि सरकारी आंकड़ों में जन विश्वास सुधारने के लिए उपाय करना। इस आयोग के जरिए सरकार भारी भरकम खर्च करने जा रही है।



इन सरकारी आंकड़ों पर उठते रहे सवाल




  • मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 19.7 फीसदी है जोकि देश में सबसे ज्यादा है।


  • मध्यप्रदेश में सकल घरेलू उत्पाद में 10.12 फीसदी का इजाफा हुआ। 

  • प्रदेश ने प्राकृतिक आपदा के बाद भी लगातार 7 बार कृषि कर्मण पुरस्कार हासिल किया। 

  • मध्यप्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से बाहर आया। 

  • मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय में 9 फीसदी का इजाफा जबकि सरकार के हिसाब से ही 5 करोड़ से ज्यादा लोग सस्ता राशन लेते हैं।



  • ये रहेगा सांख्यिकी आयोग का काम



    सरकारी डाटा को लोग अक्सर सरकारी आंकड़े कहकर टाल देते हैं और उन पर भरोसा नहीं करते। यही काम सांख्यिकी आयोग करेगा। आयोग सरकारी आंकड़ों पर लोगों का भरोसा कायम करने का काम करेगा। इसके लिए वो सरकार को जो भी आंकड़े मिलते हैं उनकी पुष्टि करेगा। साथ ही आयोग को यदि ये लगता है कि आंकड़ों में कहीं झोल है तो वो इसके दस्तावेज भी मांग  सकता है। सरकार की अर्थव्यवस्था की बेतहरी के लिए ​किस तरह के सटीक और सही आंकड़ों की आवश्यकता है, इस संबंध में भी आयेाग सुझाव देगा। यानी सारा मामला जनता के भरोसे पर खरा उतरने का है।



    ये रहेगा आयोग का सेटअप



    आयोग का अध्यक्ष 20 साल के अनुभव वाला प्रख्यात सांख्यिकीविद रहेगा। एक सदस्य सरकार नामित करेगी। सदस्य सचिव सांख्यिकी विभाग का आयुक्त होगा। आयोग समय-समय पर विषय विशेषज्ञ आमंत्रित करेगा। ये एक्सपर्ट वित्त, कृषि, व्यापार, बुनियादी सुविधा, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, जनसंख्या, पर्यावरण और सांख्यिकी से जुड़े रहेंगे जो सटीक आंकड़ों के सूत्र बताएंगे। आयोग का कार्यकाल 3 साल का रहेगा जो 2 साल तक बढ़ाया जा सकेगा।



    आयोग पर होगा इतना खर्च



    आयोग के अध्यक्ष को ढाई लाख रुपए महीने का वेतन दिया जाएगा। सदस्य का मानदेय डेढ़ लाख रुपए रहेगा। अध्यक्ष और सदस्य को सरकार के अफसरों के बराबर वाहन सुविधा, यात्रा भत्ता दिया जाएगा। आयोग के काम के लिए 6 लोगों की टीम रहेगी। आयोग 6 कंसल्टेंट भी रख सकेगा।



    सरकार ने माना सही आंकड़ों से ही बनेगी सही नीतियां



    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मानते हैं कि विकास के लिए आंकड़ों का सही होना जरूरी है। सरकारी आंकड़े जितने सटीक होंगे उतनी ही योजनाएं बेहतर बनेगी। जिस तरह के आंकड़े आएंगे उसी तरह की योजनाएं सरकार बनाकर लोगों की बेहतरी के लिए काम कर सकेगी।



    न हो आंकड़ों का मायाजाल



    आर्थिक विशेषज्ञ कहते हैं कि कभी-कभी लोगों को सरकारी आंकड़ों का मायाजाल जैसा लगता है। सरकार जो आंकड़े इकट्ठे करती है उनकी बहुत विसंगतियां भी होती हैं और यही कारण है कि उनमें आम लोगों का भरोसा डगमगा जाता है। हालांकि इस तरह की विसंगतियों के लिए लोगों को आगे आकर उनके सटीक होने पर सवाल उठाना चाहिए। 


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