Panna. बेशकीमती हीरे (Dimond) के लिए जगप्रसिद्ध पन्ना (panna) के एक गांव ने एकता की मिसाल पेश की है। गांव की सरकार चलाने का जिम्मा आपसी सहमति से महिलाओं को दी गई हैं। इस गांव की सरपंच और पंच की पदों के लिए आधी आबादी को चुना गया है। पन्ना जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर अजयगढ़ जनपद के ग्राम पंचायत (panchayat) आरामगंज की बागडोर अब महिलाएं संभालेंगी। इस पंचायत से सरपंच सहित सभी 17 पंच महिला हैं। इन्हें निर्विरोध चुना गया है। पन्ना जिले में यह इकलौती ऐसी पंचायत है जिसने महिलाओं की क्षमता पर भरोसा जताकर एक मिसाल कायम की है।
दलित समाज की युवा महिला को बनाया सरपंच
पन्ना-अजयगढ़ मार्ग पर स्थित आरामगंज (aaramganj) पंचायत में जश्न का माहौल है। महिलाओं की खुशी तो देखते ही बन रही है। विशेष बात यह है कि गांव के लोगों ने दलित महिला को एक राय होकर सरपंच चुना है। निर्विरोध सरपंच चुनी गई श्रीमती रजनी बाई (31 वर्ष) उत्साहित हैं। रजनी ने 'द सूत्र' से कहा कि पंचायत क्षेत्र के लोगों ने जिस तरह से मेरे ऊपर भरोसा किया है, उस भरोसे को हर हाल में कायम रखूंगी। पंचायत के विकास व गरीबों खासकर महिलाओं के कल्याण के कार्यों को प्राथमिकता के साथ हम सब मिलकर करेंगे।
अनुसूचित जाति के पुरुष के लिए आरक्षित थी पंचायत
लगभग 3 हजार की आबादी वाली आरामगंज पंचायत में कई छोटे-छोटे पुरवा आते हैं। जिनमें हर जाति वर्ग के लोग हैं। इस बार आरामगंज पंचायत अनुसूचित जाति पुरुष के लिए आरक्षित हुई थी, बावजूद इसके पंचायत क्षेत्र के लोगों ने एक राय होकर सरपंच से लेकर पंचों तक सभी महिलाओं को आगे किया है। इस अभिनव पहल से यह पंचायत यकायक चर्चा में आ गई है। पंचायत क्षेत्र में पांडे पुरवा, लौकिहा पुरवा, विश्रामगंज, गौरैया पुरवा, बंगलन व छिरियाई आते हैं। आरामगंज में जहां से रजनी बाई सरपंच चुनी गई हैं, वहां शत-प्रतिशत आदिवासी व हरिजन समाज के लोग रहते हैं।
सातवीं कक्षा तक पढ़ी है नई सरपंच
निर्विरोध निर्वाचित होने वाली दलित समाज की 31 वर्षीय श्रीमती रजनी बाई ने सातवीं कक्षा तक पन्ना के मनहर कन्या विद्यालय में पढ़ाई की है। पन्ना के रानीगंज मोहल्ला निवासी रजनी की शादी आरामगंज में देवीदीन बसोर के साथ हुई जो मजदूरी करते हैं, रजनी बाई ग्रहणी हैं तथा उनके दो बेटियां हैं। जिन्हें वे पढ़ा-लिखा कर काबिल बनाना चाहती हैं। रजनी कहती हैं कि किसी पंचायत में निर्विरोध सभी महिलाओं के चुने जाने पर प्रदेश शासन द्वारा उस पंचायत को 15 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है। चूंकि हमारी पंचायत में सभी महिलाएं चुनी गई हैं, इसलिए आरामगंज पंचायत को यह पुरस्कार जरूर मिलेगा। जिसका उपयोग हम पंचायत के विकास में करेंगे।
मिसाल कायम करने की मंशा पूरी
विश्रामगंज निवासी हनुमंत सिंह (रजऊ राजा) ने बताया कि पंचायत क्षेत्र के लोगों ने एक राय होकर मन बना लिया था कि इस बार महिलाओं को निर्विरोध चुना जाए। सबकी मंशा के मुताबिक सरपंच और पंचों का चयन किया गया और पंचायत की कमान महिलाओं को सौंप दी गई। श्री सिंह बताते हैं कि नवनिर्वाचित सरपंच महा दलित समाज से हैं, उन्हें निर्विरोध सरपंच बनाकर पंचायत ने एक नई मिसाल कायम की है।