नई दिल्ली. ममता बनर्जी दिल्ली के 5 दिन के दौरे पर हैं। 27 जुलाई को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बंगाल चुनाव में जीत के बाद ममता की ये मोदी से पहली मुलाकात है। ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री से पश्चिम बंगाल का नाम बदलने को लेकर चर्चा हुई। ये विषय काफी समय से लंबित है। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस नेता कमलनाथ और आनंद शर्मा से मुलाकात की। माना जा रहा है कि ममता के दिल्ली दौरे कै मकसद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करना है।
फ्रंट फुट पर ममता
ममता ने पेगासस जासूसी मामले में जांच कराने की घोषणा की है। इसके लिए उन्होंने दो सदस्यीय आयोग का गठन किया है। केंद्र के मामले में जांच कराने का आदेश देने वाली ममता देश की पहली मुख्यमंत्री हैं। ममता ने कोलकाता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें लगा था कि केंद्र फोन हैक किए जाने की जांच के लिए कोई जांच आयोग गठित करेगा या कोर्ट की निगरानी में जांच का आदेश दिया जाएगा, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।
जैन हवाला का खुलासा करने वाले पत्रकार से मिलीं
26 जुलाई को ममता ने अपने भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी के आवास पर वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण से मुलाकात की। विनीत ने ही अपनी वीडियो मैगजीन कालचक्र के जरिए 1995-96 में जैन डायरी का खुलासा किया था, जिसमें वरिष्ठ नेताओं को हवाला के जरिए लाखों रुपए देने का जिक्र था। हाल ही में ममता ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर हवाला के जरिए पैसे लेने का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि विनीत से उनकी मुलाकात इसी संबंध में थी।
इस समय दिल्ली दौरे की खास वजह
संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है। इस समय सभी सांसद दिल्ली में ही हैं। ममता ने अपने दौरे के लिए यही समय चुना है। वे विपक्षी दलों के नेताओं से भी मुलाकात कर सकती हैं। तृणमूल सुप्रीमो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं।
ममता के दौरे पर बीजेपी का निशाना
ममता के दिल्ली दौर पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री फर्जी टीकाकरण शिविर मामला, चुनाव के बाद हुई हिंसा और अन्य मुद्दों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही हैं। इससे बचने के लिए वह कुछ दिन के लिए राज्य से बाहर रहना चाहती हैं। विपक्षी दलों को एकजुट करने का ममता का प्रयास कामयाब नहीं होगा।