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लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलममीन (AIMIM) ने BSP के साथ गठबंधन की चर्चाओं को विराम दे दिया है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया के पोस्ट में कहा कि अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ओम प्रकाश राजभर की भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।उन्होंने ये भी बताया कि चुनाव में AIMIM के 100 कैंडिडेंट्स उतारे जाएंगे। इनकी सूची भी तैयार होने लगी है। ओवैसी ने लिखा, 'पार्टी ने उम्मीदवारों को चुनने का प्रक्रिया शुरू कर दी है और हमने उम्मीदवार आवेदन पत्र भी जारी कर दिया है। हम ओम प्रकाश राजभर साहब की 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' के साथ हैं, हमारी और किसी पार्टी से चुनाव या गठबंधन के सिलसिले में कोई बात नहीं हुई है।'
अकेले चुनाव लड़ेंगी मायावती
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने रविवार की सुबह ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। हालांकि पंजाब में गठबंधन की गुंजाइश बरकरार रहेगी। बसपा सुप्रीमो ने उन खबरों का खंडन भी कर दिया जिनमें कहा जा रहा था कि यूपी में बसपा और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के बीच गठबंधन हो सकता है।मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मीडिया में कल से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव औवेसी की पार्टी AIMIM और BSP मिलकर लड़ेंगी। यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक और तथ्यहीन है। साथ ही उन्होंने सतीश चंद्र मिश्र को BSP मीडिया सेल का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाने की जानकारी भी दी।
मुस्लिम वोट में बिखराव का खतरा
जानकारों के मुताबिक, AIMIM के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने से सबसे ज्यादा उन दलों को नुकसान होगा, जो मुस्लिम वोटों पर दावा जताती हैं। AIMIM सभी मुस्लिम उम्मीदवार ही उतारेगी, लिहाजा मुस्लिम वोट के बंटने का भी खतरा होगा। इसका सीधा नुकसान समाजवादी पार्टी को हो सकता है। राजभर की पार्टी भी पिछड़ों का वोट काटेगी। ऐसे में नुकसान बड़ी पार्टी जैसे सपा, बसपा और कांग्रेस को होगा। वोट बंटने का फायदा बीजेपी को मिल सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने 5 सीटें जीती थीं।
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