PM को संयुक्त किसान मोर्चा की चिट्ठी: आंदोलन की छह मांगें, संघर्ष और संवाद जारी रहेगा

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PM को संयुक्त किसान मोर्चा की चिट्ठी: आंदोलन की छह मांगें, संघर्ष और संवाद जारी रहेगा

दिल्ली. विवादित कृष‍ि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ पिछले एक साल से किसानों का आंदोलन (Farmers Movement) जारी है। मोदी सरकार (Modi Government) ने शुक्रवार को इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक सरकार संसद में इन कानूनों को वापस नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और वे तब तक दिल्‍ली की सीमाओं से नहीं हटेंगे। साथ ही किसानों ने कहा है कि उनकी केवल वही एक मांग नहीं थी। पीएम मोदी ने कृष‍ि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुए आंदोलनकारी किसानों से वापस लौट जाने की अपील भी की थी। अब किसानों ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) को खुला खत (Open Letter) लिखकर उनके सामने कुछ मांगें रखी हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी (Narendra Modi) को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार को तुरंत किसानों से वार्ता बहाल करनी चाहिए, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मोर्चा ने कहा कि आपके संबोधन में किसानों की प्रमुख मांगों पर ठोस घोषणा की कमी के कारण किसान निराश हैं।

पीएम मोदी को ओपन लेटर

चिट्ठी में कहा गया कि देश के करोड़ों किसानों ने 19 नवंबर 2021 की सुबह राष्ट्र के नाम आपका संदेश सुना। हमने गौर किया कि 11 राउंड वार्ता के बाद आपने द्विपक्षीय समाधान के बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, लेकिन हमें खुशी है कि आपने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आपकी सरकार इस वचन को जल्द से जल्द और पूरी तरह निभायेगी।

प्रधानमंत्री जी, आपने किसानों से अपील की है कि अब हम घर वापस चले जाए। हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है। हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन बाकी मुद्दों का निपटारा कर हम अपने घर, परिवार और खेती बाड़ी में वापस लौटे। अगर आप भी यही चाहते हैं तो सरकार उपरोक्त छह मुद्दों पर अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ वार्ता शुरू करे। तब तक संयुक्त किसान मोर्चा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक इस आंदोलन को जारी रखेगा।

किसानों की ये मांगे हैं

1- संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने पत्र में सभी किसानों व कृषि उपजों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी का कानून बनाने की मांग उठाई है।  
2- सरकार द्वारा प्रस्तावित विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक 2020/2021 का ड्रॉप्ट वापस लिया जाए। किसानों का कहना है कि वार्ता के दौरान सरकार ने इसे वापस लेने का वादा किया था लेकिन बाद में वादाखिलाफी कर सरकार ने इसे संसद की कार्यसूची में शामिल किया था। 
3- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम 2021 में किसानों को सजा के प्रावधान को हटाया जाए।
4- दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अनेक राज्यों में हजारों किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तत्काल वापस लेने की मांग संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने पत्र में उठाई है।
5- पत्र में किसान मोर्चा ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त व गिरफ्तार करने की मांग की। 
6- आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 किसानों के परिजनों को मुआवजा व पुनर्वास की मांग। शहीद किसानों की याद में सिंघु बॉर्डर पर स्मारक बनाने के लिए जमीन भी मांगी। 

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