NEW DELHI. गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रीय पार्टी बनने का दर्जा हासिल कर लिया है। दिसंबर 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव से राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली आप को राष्ट्रीय पार्टी बनने में करीब 9 साल का समय लगा है। देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के जन आंदोलन से उपजी आप का राजनीतिक पार्टी के रूप में औपचारिक गठन 26 नवंबर 2012 को हुआ था। आप देश में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने वाली 8वीं पार्टी होगी। अभी तक कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, सीपीआई, सीपीएम, राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल था।
राष्ट्रीय पार्टी बनने पर आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और सभी देशवासियों को बधाई। pic.twitter.com/sba9Q1sz1f
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 8, 2022
एक छोटी सी आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए गुजरात की जनता का बहुत-बहुत शुक्रिया और सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई।
हम भारत को No. 1 राष्ट्र बनाने के संकल्प पर अडिग हैं। ???????? pic.twitter.com/RbQTs4L9wc
— AAP (@AamAadmiParty) December 8, 2022
जानिए कैसे हासिल होता राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
आपको बता दें कि देश में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए किसी भी पार्टी को भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की निर्धारित शर्तों को पूरा करना पड़ता है। इसके बाद ही आयोग संबंधित राजनैतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देता है।
पहली शर्त
कोई भी ऐसी पार्टी जिसे 4 राज्यों में प्रादेशिक यानी क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल है उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।
दूसरी शर्त
कोई ऐसी पार्टी जो 3 अलग-अलग राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतती है। कम से कम 11 सीटें जीतना जरूरी होता है, लेकिन ये 11 सीटें किसी एक राज्य से न होकर 3 अलग-अलग राज्यों में होनी चाहिए।
तीसरी शर्त
यदि कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रहती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है।
आम आदमी पार्टी ने पूरी की पहली और तीसरी शर्त
इन 3 शर्तों में पहली शर्त के साथ दूसरी या तीसरी शर्त को पूरा करने वाले दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होता है। इन शर्तों के लिहाज से आम आदमी पार्टी ने पहली और तीसरी शर्त का मापदंड पूरा कर लिया है। अभी लोकसभा में कोई सीट उसके खाते में नहीं है लेकिन उसने राज्यों के विधानसभा चुनाव में 6 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल कर कुल 161 सीट जीत ली हैं। इनमें दिल्ली विधानसभा में 62, पंजाब में 92, गोवा में 2 और गुजरात की 5 सीट शामिल हैं।
देश में 400 पार्टियां, सिर्फ 8 को ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
आपको बता दें कि देश में अभी करीब 400 राजनीतिक दल हैं और इनमें से सिर्फ 8 को ही राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा हासिल है। आइए अब आपको बताते हैं कि किसी राजनीतिक पार्टी को क्षेत्रीय यानी प्रादेशिक पार्टी का दर्जा कैसे हासिल होता है। इसके लिए क्या नियम और शर्त हैं।
क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा कैसे मिलता है
पहली शर्त
केंद्रीय चुनाव आयोग से किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को प्रादेशिक यानी क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 8 प्रतिशत वोट हासिल करने की जरूरत होती है।
दूसरी शर्त
यदि किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में 6 प्रतिशत वोट और 2 सीटें मिलती हैं तो उसे प्रादेशिक पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
तीसरी शर्त
क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल करने एक और मापदंड ये है कि संबंधित राज्य में किसी पार्टी को विधानसभा चुनाव में कम से कम तीन सीटें मिल जाएं भले ही वोटों की हिस्सेदारी कुछ भी हो।
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ऐसे हुई देश की राजनीति में आम आदमी पार्टी की शुरुआत
जानेमाने गांधीवादी समाजसेवी और पूर्व सैनिक अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना 2 अक्टूबर 2012 को हुई। औपचारिक रूप से इस पार्टी की शुरुआत 26 नवंबर 2012 को हुई थी। अन्ना के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पूर्व आईआरएस (इंडियन रेवेन्यू सर्विस) अधिकारी अरविंद केजरीवाल, सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण, पूर्व पत्रकार मनीष सिसोदिया, योगेन्द्र यादव, संजय सिंह, जानेमाने कवि कुमार विश्वास, टीवी पत्रकार शाजिया इल्मी और आनंद कुमार जैसे लोग इसके संस्थापक सदस्य हैं। हालांकि ये अलग बात है कि राजनीतिक मतभेद के चलते अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के अलावा बाकी संस्थापक सदस्यों ने अब आप से दूरी बना ली। वर्तमान में इसके मुखिया और राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। पार्टी का चुनाव चिह्न झाड़ू है।