BHOPAL. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अपनी सांसदी से हाथ धोना पड़ा है। इसके पीछे कारण सूरत कोर्ट द्वारा सुनाई गई दो साल की सजा है। राहुल को जिस मानहानि मामले में यह सजा सुनाई गई उस मामले को कोर्ट ले जाने वाले बीजेपी नेता हैं पूर्णेश मोदी। यह केस बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने चार साल पहले दायर किया था। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार (23 मार्च) को कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। आखिर कौन है पूर्णेश मोदी जिनकी याचिका पर राहुल की सांसदी पर संकट आया है।
पेशे से वकील हैं पूर्णेश मोदी
22 अक्टूबर, 1965 को जन्मे पूर्णेश मोदी के पिता का नाम ईश्वरलाल मोदी था। उनका काफी पहले निधन हो गया था। तब पूर्णेश मोदी काफी छोटे थे। पूर्णेश मोदी ने बीकॉम के बाद एलएलबी की डिग्री ली ऐसे में उन्हें कानून की अच्छी समझ है। जब राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी तो उन्होंने मानहानि का मुकदमा कर दिया। जिसमें चार साल की कानूनी लड़ाई के बाद राहुल गांधी दोषी करार दिए गए और उन्हें दो साल की सजा हुई। सूरत के अडाजन इलाके में रहने वाले पूर्णेश मोदी की पत्नी का नाम बीनाबेन मोदी है। उनके एक पुत्र और दो बेटियां है। पूर्णेश मोदी विधायक बनने से पहले अपने मोढ़ (मोदी) समाज के कई संगठनों के पदाधिकारी और ट्रस्टी रह चुके हैं।
कई सामाजिक संगठनों से भी है जुड़ाव
पूर्णेश मोदी राजनीति के अलावा कई समाजिक संगठनों से जुड़े हैं, बीजेपी नेता वर्तमान में स्वातंत्र्य वीर सावरकर स्मूदी समिति और भारत सेवाश्रम संघ-हिंदू मिलन मंदिर में प्रमुख की भूमिका में हैं। इसके अलावा वह पब्लिक एजुकेशन ट्रस्ट के कार्यकारिणी और आर्य समाज के सदस्य भी हैं।
छोटे स्तर से की थी शुरुआत
पूर्णेश मोदी ने बीजेपी में राजनीति की शुरुआत एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर की थी। सबसे पहले पूर्णेश बूथ प्रमुख बने थे। इसके बाद उन्हें वॉर्ड प्रमुख की जिम्मेदारी मिली। वॉर्ड प्रमुख के तौर पर अच्छा काम करने के पार्टी ने उन्हें पार्षद का टिकट दिया। पूर्णेश मोदी पार्षद बने और सूरत महानगर पालिका में शासक पक्ष के नेता भी बने। बीजेपी में लंबे समय से सक्रिय रहे पूर्णेश मोदी को बीजेपी सूरत शहर अध्यक्ष के तौर पर दो कार्यकाल में पार्टी को लीड किया।
पूर्णेश एकतरफा जीत दर्ज कर पहुंचे थे विधानसभा
पूर्णेश मोदी भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। दिसंबर 2022 में हुए चुनाव में सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से फिर से चुने गए। पुर्णेश ने पहली बार तेरहवीं विधानसभा के उपचुनाव में जीत हासिल कर विधानसभा में कदम रखा था। साल 2013 में तत्कालीन विधायक किशोर भाई की मौत के बाद पुर्णेश को चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की। पुर्णेश मोदी को साल 2017 में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर उतारा और एक बार फिर जीत हासिल की। पूर्णेश मोदी को करीब 1 लाख 11 हजार वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को केवल 33 हजार वोट मिले थे।
2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान दिया था राहुल ने बयान
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने एक रैली में मोदी सरनेम का जिक्र करते हुए ललित मोदी, नीरव मोदी का नाम लिया था और कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है? इस मामले में गुजरात के सूरत से विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसे लेकर आज सूरत की अदालत ने फैसला सुनाया। अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई। हालांकि, इस मामले में राहुल गांधी को फौरन जमानत भी मिल गई है।
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