अध्यादेश मामले में केंद्र के खिलाफ केजरीवाल के साथ खड़ी हुई ममता, जानिए आखिर क्यों कांग्रेस ने किया किनारा?

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The Sootr
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अध्यादेश मामले में केंद्र के खिलाफ केजरीवाल के साथ खड़ी हुई ममता, जानिए आखिर क्यों कांग्रेस ने किया किनारा?

NEW DELHI. दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामला इन दिनों बेहद गर्माया हुआ है। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने देशव्यापी समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। 23 मई को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल के दौरे पर पहुंचे। अरविंद केजरीवाल के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और मंत्री आतिशी सिंह भी थीं। AAP नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, उसके बाद केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला। इस मामले में जहां केंद्र के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की आवाज एकजुट होती जा रही है, वहीं कांग्रेस ने इस मामले से दूरी बना रखी है।



सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में दिया फैसला



आपको बता दें कि केंद्र सरकार 'राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण' बनाने का अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश को कानूनी रुप देने के लिए छह महीने में संसद से पास कराना जरूरी है। हालांकि, छह महीने के भीतर संसद से पास नहीं होता है तो ये अध्यादेश स्वत: समाप्त हो जाएगा। दरअसल, दिल्ली में केजरीवाल सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया था। इसमें निर्वाचित सरकार को अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिया गया था। 



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पीएम मोदी पर हमलावर ममता



इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़ी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इस पर साथ आने का आग्रह करती हूं। हम मिलकर बीजेपी को राज्यसभा में हरा सकते हैं। ममता ने कहा, ईगो की एक लिमिट होती है। जो भी मर्जी में आए, वो कर सकते हैं? हम लोगों को अब इस बात की चिंता है कि संविधान ही ना बदल दिया जाए।



'देश में है एजेंसी की सरकार'



ममता ने कहा कि- मणिपुर में हर रोज खून बह रहा है। लेकिन, उस पार्टी के किसी को जरा भी फुर्सत नहीं मिली कि वहां जाकर लोगों से मिलें। आज भी लोग बाहर नहीं निकल सकते हैं। बीजेपी के लोग रास्ते में खड़े होकर बोलते हैं कि कल इसके घर में ईडी जाएगी। उसके घर में एनआईए छापा मारेगी। इसको अरेस्ट करो, उसकी जांच करो। बीजेपी के छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को इस बात को जानकारी होती है कि किसके खिलाफ सेंट्रल एजेंसी कार्रवाई कर करने वाली है। मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं। यह सरकार 'एजेंसी की, एजेंसी द्वारा और एजेंसी के लिए' बन गई है। इसका राज करने का प्रमुख हथियार एजेंसी ही है।



देश को अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही बचा सकता है



बंगाल की सीएम ममता का कहना था कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और केवल SC ही इस देश को बचा सकता है। SC के फैसले के बावजूद केंद्र अध्यादेश लाया। मैं सभी पार्टियों से अपील करना चाहती हूं कि लोकसभा से पहले बीजेपी को हराने के लिए साथ आएं। यह एक बड़ा अवसर है। हमारी पार्टी राज्यसभा में इसका विरोध करेगी। हम पूरे विपक्ष से समर्थन मांगते हैं कि बीजेपी के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक अपनी आवाज उठाए।



अध्यादेश पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया: कांग्रेस



इस पूरे मामले में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस पार्टी ने अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में दिल्ली सरकार की NCT की शक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है। यह अपनी राज्य इकाइयों और अन्य समान विचारधारा वाले दलों से परामर्श करेगी। 




— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) May 22, 2023



'आप कांग्रेस के साथ बैठने के लायक नहीं'



दिल्ली अध्यादेश मुद्दे पर कांग्रेस को आप का समर्थन करना चाहिए या नहीं, इस सवाल पर कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है। पार्टी नेता संदीप दीक्षित ने कहा, आप तो भ्रष्ट पार्टी है। इनके साथ खड़े होंगे तो वो दिल्ली की जनता के साथ धोखा होगा। इनको तो तुरंत दिल्ली से बाहर कर देना चाहिए। ये लोग बहुत ही भ्रष्ट हैं। ये लायक ही नहीं है कांग्रेस के साथ बैठने के लिए। ये आदमी केजरीवाल सिर्फ भ्रष्टाचार करने के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार चाहते हैं खुद के पास।



कांग्रेस ने उठाए अरविंद केजरीवाल पर सवाल



कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, साल 1952 के बाद दिल्ली सरकार के पास ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार नहीं है। जब लाल बहादुर शास्त्री सत्ता में थे तब उन्होंने सभी ट्रांसफर-पोस्टिंग अधिकारों को केंद्र सरकार के पास ट्रांसफर कर दिया था। हर पूर्व सीएम ने ऐसा कहा और किया है। उन्होंने हमेशा सत्ता को केंद्र में ट्रांसफर किया है, क्या हर कोई गलत है और केवल अरविंद केजरीवाल ही सही हैं?



'स्वार्थी लोगों का समर्थन नहीं करेगी कांग्रेस'



माकन ने आगे कहा- उन्होंने हमेशा बीजेपी के गलत कामों का समर्थन किया है और अब वे हमें उनका समर्थन करने के लिए कह रहे हैं। कांग्रेस उनका समर्थन नहीं करेगी जो स्वार्थी हैं और जो केवल अपने बारे में सोचते हैं। हर कोई कहता है कि इस तरह की पार्टी पर भरोसा नहीं करना चाहिए, जिसने हमारे पूर्व नेता राजीव गांधी की आलोचना की थी। उन्होंने कहा, वे कांग्रेस का समर्थन कैसे मांग रहे हैं? उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) बीजेपी के समर्थन से राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर बीजेपी का समर्थन किया। उन्होंने जस्टिस दीपक मिश्रा के महाभियोग के दौरान बीजेपी का समर्थन किया था। एक व्यक्ति जो देश के बारे में नहीं सोचता, खालिस्तानी समर्थकों से बात करता है।



महाराष्ट्र भी जाएंगे केजरीवाल!



इस विवाद को आप ने राजनीतिक हथियार बना लिया है और विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटाना शुरू कर दिया। AAP नेताओं के शाम तक मुंबई पहुंचने की उम्मीद है। बुधवार को शिवसेना उद्धव ठाकरे और NCP प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर सकते हैं। केजरीवाल इससे पहले अध्यादेश के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर चुके हैं। नीतीश ने इस मामले में आप को पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया है।



देशभर में यात्रा पर निकले हैं केजरीवाल




— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 23, 2023



इससे पहले केजरीवाल ने ट्वीट किया और कहा कि- आज मैं दिल्ली के लोगों के अधिकारों के लिए देशभर में अपनी यात्रा शुरू कर रहा हूं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जनता को न्याय दिलाने वाला फैसला सुनाया है। केंद्र ने अध्यादेश लाकर उन अधिकारों को छीन लिया। जब यह राज्यसभा में आएगा तो यह सुनिश्चित करना होगा कि यह अध्यादेश पारित ना हो सके। मैं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलूंगा और समर्थन मांगूंगा।


Delhi CM Arvind Kejriwal Punjab CM Bhagwant Mann पंजाब के सीएम भगवंत मान दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल West Bengal CM Mamata Banerjee Center's Ordinance in Delhi BJP against Delhi प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी दिल्ली में केंद्र का अध्यादेश बीजेपी दिल्ली के खिलाफ