संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में विधानसभा-5 से विधायक महेंद्र हार्डिया के विरोध में बैठक होने और खून से पत्र लिखने के अभियान के बाद विधानसभा-1 में पूर्व विधायक और सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ रैली निकाले जाने के बाद अब महू विधानसभा में मौजूदा विधायक और मंत्री उषा ठाकुर का विरोध शुरू हो गया है। यहां पर स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर होर्डिंग्स, पोस्टर लग चुके हैं। ठाकुर को बाहरी बताकर अब इस चुनाव में स्थानीय प्रत्याशी की मांग हो रही है।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़ी
महू में साल 2008, 2013 में कैलाश विजयवर्गीय चुनाव लड़े और जीते थे और साल 2018 में ये सीट उषा ठाकुर को दी गई। लगातार 3 बार से यहां से स्थानीय प्रत्याशी को मौका नहीं मिलने से अब कार्यकर्ताओं की नाराजगी बढ़ गई है।
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बैठक में पहुंचे केंद्रीय मंत्री पटेल तो हुआ विरोध
ये विरोध डॉ. अंबेडकर नगर मंडल में बैठक लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के पहुंचने के पहले जताया गया था। बीजेपी में प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होने के बाद ये पहला मौका है जब किसी मंत्री का विरोध हो रहा है। पार्टी में विरोध करने वाले खुलकर तो सामने नहीं आ रहे, लेकिन अंदरूनी हलचल मची हुई है। महू शहर में 'अबकी बार स्थानीय उम्मीदवार' के होर्डिंग लगा दिए गए हैं। होर्डिंग के नीचे किसी व्यक्ति या नेता के नाम के जगह बीजेपी परिवार महू विधानसभा लिखा हुआ है। होर्डिंग लगने के बाद शहर सहित विधानसभा क्षेत्र में चर्चा गर्म है। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो यहां सोशल मीडिया पर लगातार स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा उठ रहा है।
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उषा ठाकुर बोलीं- 'निजी स्वार्थ के कारण हो रहा उत्पात'
उषा ठाकुर संभवत: ऐसी प्रत्याशी हैं जिनकी 4 चुनाव में 3 बार सीट बदली गई। एक बार टिकट काटा गया और हर बार नई विधानसभा से चुनाव जीती। साल 2003 में वे विधानसभा-1 से विधायक बनीं। साल 2008 में टिकट कटा। 2013 में विधानसभा-3 से जीतीं और फिर 2018 में महू से चुनाव लड़ा और जीतीं। पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने महू विधानसभा क्षेत्र से फिर चुनाव लड़ने के मुद्दे पर कहा कि बीजेपी में कोई व्यक्ति न तो खुद अपना टिकट तय करता है और न घोषणा करता है। मैंने जहां जनता की सेवा की है, मैं फिर वहीं सेवा देना चाहूंगी। ये सब निजी स्वार्थों के कारण विधानसभा में उत्पात कर रहे हैं। चुनाव के बाद घर चले जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद बोले- 'प्रचंड बहुमत चाहिए'
केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में हमें प्रचंड बहुमत चाहिए। कार्यकर्ता सम्मेलन से हमारा एक ही लक्ष्य है। पार्टी का कार्यकर्ता अपने विचार के लिए सतर्क रहे और अपने कार्य में लगा रहे हैं। हमको विजय अभियान की जरूरत है। पटेल ने होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी के निवास पर जाकर शहर के प्रबुद्धजनों के साथ बैठक भी की।
इधर सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान शुरू
इंदौर विधानसभा-1 से साल 2008 और 2013 में विधायक रह चुके और 2018 में चुनाव हारे सुदर्शन गुप्ता का विरोध तेज होता जा रहा है। विविध कार्यकर्ताओं ने सोमवार से नया अभियान शुरू किया है और इसमें वार्ड में घर-घर जाकर एक तय फॉर्मेट में लोगों से हस्ताक्षर ले रहे हैं। ये सभी जमाकर पार्टी को पहुंचाए जाएंगे। एक मंडल अध्यक्ष ने द सूत्र को बताया कि गुप्ता ने इतने सालों में विधानसभा एक में पार्टी का नाश कर दिया है, उसकी वजह है उनका अंहकार का स्वभाव, वे कार्यकर्ताओं की बेइज्जती करते हैं, उनका काम तो दूर पानी के लिए भी नहीं पूछते हैं। हम किसे टिकट दें इसके लिए कोई नाम नहीं ले रहे, लेकिन यही कह कह रहे हैं कि गुप्ता को टिकट नहीं मिले, नहीं तो पार्टी फिर हारेगी। भले ही पार्टी खुद पान, चाय की दुकान, चौराहों पर जाकर खुद ही सर्वे कर ले कि पार्टी की क्या हालत है? उनके रहते पार्टी यहां चुनाव नहीं जीत पाएगी। इसके पहले भी गुप्ता के खिलाफ कुछ कार्यकर्ता रैली निकाल चुके हैं और भोपाल जाकर भी पार्टी स्तर पर विरोध जता चुके हैं।
उधर हार्डिया और मधु वर्मा को लेकर भी खींचतान
पार्टी में राउ से मधु वर्मा का टिकट फिर घोषित होने के बाद वहां से भी बगावती सुर उठ रहे हैं और किसी युवा और नए को टिकट देने की बात हो रही थी, लेकिन 71 साल के वर्मा को टिकट मिलने और बीता चुनाव हारने के बाद भी टिकट रिपीट होने से कई नाराज हैं। वहीं महेंद्र हार्डिया 4 बार के विधायक हैं। उनके खिलाफ भी पार्टी के नेता स्थानीय स्तर पर बैठक कर विरोध जता चुके हैं और खून के हस्ताक्षर से पत्र लिखकर भी भेज चुके हैं। वहीं सांवेर से विधायक रह चुके डॉ. राजेश सोनकर को सोनकच्छ से टिकट घोषित हुआ है और वहां भी उन्हें लेकर विरोध हो रहा है। पार्टी से कार्यकर्ता वहां से स्थानीय को ही टिकट देने की मांग कर रहे हैं।