BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में चंद महीनों का वक्त बचा है। बीजेपी और कांग्रेस युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुटी हैं। सत्ताधारी बीजेपी चुनाव से पहले जातिगत समीकरण साधने के लिए मंत्रिमंडल विस्तार करने जा रही है। 4 मंत्री पद खाली हैं। 4 नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे। गौरीशंकर बिसेन और राजेंद्र शुक्ल का नाम फाइनल हो चुका है। वहीं बाकी 2 पद के लिए मंथन जारी है, क्योंकि इन 2 पदों के लिए 4 दावेदार हैं।
बिसेन और राजेंद्र शुक्ल का नाम फाइनल
सीएम शिवराज ने मंगलवार को अचानक राज्यपाल से मुलाकात की थी। इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई थीं। सूत्रों के मुताबिक गौरीशंकर बिसेन को भोपाल में ही रोक लिया गया है। वहीं राजेंद्र शुक्ल मंत्री पद की शपथ लेने के लिए रीवा से निकल चुके हैं। दोनों को शपथ ग्रहण के लिए संदेश भेजा जा चुका है। ऐसी संभावना है कि कल शपथ ग्रहण हो सकता है। इधर, खरगापुर (टीकमगढ़) से बीजेपी विधायक राहुल सिंह लोधी भी बुधवार देर रात भोपाल पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है उन्हे दोपहर में भोपाल पहुंचने की फोन पर रात तक संदेश मिला था। हालांकि उन्होने मंत्रीमंडल की शपथ लेने इनकार किया हैं। बता दे कि राहुल सिंह लोधी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे हैं। बता दे कि पिछड़ा वर्ग से मंत्री बनाए जाने के लिए जालम सिंह पटेल और राहुल सिंह लोधी के नामों के चर्चा है।
ये खबर भी पढ़िए..
बुंदेलखंड में BJP ने रविदास मंदिर का दांव चला तो कांग्रेस ने किया रविदास यूनिवर्सिटी खोलने का वादा
2 पदों के लिए 4 दावेदार
मंत्रिमंडल में 2 खाली पदों के लिए 4 दावेदार हैं। ग्वालियर-चंबल से लाल सिंह आर्य और इमरती देवी में से किसी एक को मंत्री बनाने पर विचार चल रहा है। ग्वालियर-चंबल में SC वोटर्स को साधने की कवायद है। वहीं बुंदेलखंड में लोधी वोटर्स को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी सरकार जालम सिंह या राहुल लोधी में से किसी एक को मंत्री पद देने पर विचार कर रही है।
ये खबर भी पढ़िए..
सना खान केस में कांग्रेस विधायक संजय शर्मा को भी पूछताछ के लिए बुलाया
अक्टूबर के पहले हफ्ते में लग सकती है आचार संहिता
विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने में कुछ दिन ही बाकी हैं। अक्टूबर के पहले हफ्ते में आचार संहिता लग सकती है। 2018 विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 6 अक्टूबर को लगाई गई थी। वहीं 2013 के चुनाव में 8 अक्टूबर को आचार संहिता लगी थी। जो भी नेता मंत्री बनेंगे, उन्हें विशेष कार्य करने के लिए कुछ ही दिन मिलेंगे। आचार संहिता लगने के बाद वे कुछ खास काम नहीं कर सकेंगे।