शिवम दुबे/नितिन मिश्रा, RAIPUR. नए नवेले कांग्रेसी बने नंद कुमार साय के जाने को बीजेपी के लिए बहुत बड़ा झटका कांग्रेस भले ही मान रही हो, लेकिन यह खबर उन कांग्रेसियों के लिए एक झटका है। अब उनके मोरध्वज पैकरा दामाद ने कहा है कि मेरे ससुर ने जो निर्णय लिया है, वह क्यों लिया और किस लिए लिया...इस पर मुझे टिप्पणी नहीं करनी है। मेरे प्राण संघ परिवार में है। मेरे संस्कार संघ परिवार से हैं। मैं कल भी बीजेपी में रहा हूं...मैं आज भी बीजेपी में हूं और कल भी बीजेपी में ही रहूंगा। द सूत्र की टीम ने नंद कुमार साय के दामाद मोरध्वज पैकरा से खास बातचीत की।
सबसे पहले जान लेते हैं कि मोरध्वज पैकरा हैं कौन?
मोरध्वज पैकरा छत्तीसगढ़ के कसडोल में एक सामान्य परिवार से आते हैं। शुरुआती पढ़ाई रायपुर के विवेकानंद विद्यापीठ से हुई। इसके बाद भिलाई में कोचिंग भी की इसी दौरान साल 2010 में संघ से जुड़े। संघ विचारधारा से जुड़ने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। 2013 में आगे हायर एजुकेशन के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में दाखिल हुए, जहां उन्हे एबीवीपी ने कई जिम्मेदारियां भी सौंपी। इसमें विश्वविद्यालय मंत्री, विश्वविद्यालय अध्यक्ष, जिला संयोजक, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य, बिलासपुर महानगर संगठन, बस्तर विभाग संगठन मंत्री इसके साथ ही कई जिम्मेदारियां निभाई हैं। फिलहाल मोरध्वज जनजातीय मोर्चा में सहप्रभारी की नीति और शोध की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहीं, पिछले कुछ समय से छत्तीसगढ़ की राजनीति में सक्रिय हैं और आदिवासी समाज के लिए काम कर रहे हैं। एक साल पहले यानी 2022 को मोरध्वज पैकरा की शादी नंद कुमार साय की सबसे छोटी बेटी ज्योत्सना पैकरा से हुई।
पढ़िए बातचीत के अंश...
- सवाल- आपके ससुर ने कांग्रेस जॉइन कर ली है, आप कोई टिप्पणी करना चाहेंगे? ये सही किया या गलत?
- सवाल- आप की पृष्ठभूमि संघ की है, आप एबीवीपी के पदाधिकारी हैं। आपकी वनवासी कल्याण आश्रम, जनजातीय समाज के बीच कार्यकर्ता के रूप में भूमिका रही है, अब आपने क्या तय किया है?
- सवाल- आप बीजेपी में ही रहेंगे या नंद कुमार साय जी के साथ कांग्रेस जाएंगे?