NEW DELHI. आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय पर भी आज दोपहर पार्टी नेता और कार्यकर्ता सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। 26 फरवरी को गिरफ्तार किए गए सिसोदिया को 27 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, दिल्ली पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है। दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त ने सुरक्षा व्यवस्था 26 फरवरी रात को कमान संभाल ली। सभी थानाध्यक्षों समेत पुलिस को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं।
सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था। 9 घंटे की पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने उनको गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई का आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाले में आपराधिक साजिश रची और उन्होंने सबूतों को मिटाने की कोशिश की। सिसोदिया ने रात सीबीआई हेडक्वार्टर में गुजारी।
केजरीवाल बोले- सीबीआई अफसर ही सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बड़ा दावा किया है। केजरीवाल ने कहा कि मुझे बताया गया है कि सीबीआई के ज्यादातर अफसर सिसोदिया की गिरफ्तारी के खिलाफ थे, क्योंकि उनके खिलाफ सबूत नहीं हैं और ये अफसर उनकी इज्जत करते हैं। लेकिन राजनीतिक दबाव इतना ज्यादा था कि उन्हें अपने राजनीतिक बॉस की बात माननी पड़ी। इस बीच संजय सिंह समेत 36 आप नेताओं को दिल्ली पुलिस ने 27 फरवरी को रिहा कर दिया। इन नेताओं को 26 फरवरी को हिरासत में लिया गया था। ये नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी का विरोध करते वक्त हिरासत में लिए गए थे।
I am told that most CBI officers were against Manish’s arrest. All of them have huge respect for him and there is no evidence against him. But the political pressure to arrest him was so high that they had to obey their political masters
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 27, 2023
केजरीवाल ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना
मनीष जी के परिवार से मिलकर आया हूँ, उनकी धर्मपत्नी और माताजी से मिला। उनको भरोसा दिया कि हम सब उनके साथ हैं, मनीष एक सच्चे देशभक्त हैं और देश के लोगों और बच्चों के भविष्य के लिए लड़ रहे हैं। भगवान उनके साथ हैं। pic.twitter.com/p8tOIqns1s
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 26, 2023
आप का प्रदर्शन
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया। वहीं दिल्ली में आप के ऑफिस में पुलिस पहुंची और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
झूठे केस में @msisodia की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ Rajkot में @AAPGujarat के कार्यकर्ताओं का BJP मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन।
मोदी की तानाशाह पुलिस ने गुजरात में भी AAP कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। pic.twitter.com/LtZdNT4BPW
— AAP (@AamAadmiParty) February 27, 2023
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री @msisodia जी की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ भोपाल में @AAPMPOfficial का जोरदार प्रदर्शन। ????
जब-जब ज़ुल्मी ज़ुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से,
चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से। pic.twitter.com/fwN7n52bgW
— AAP (@AamAadmiParty) February 27, 2023
ये है दिल्ली का शराब नीति मामला
मामला दिल्ली सरकार की नई शराब नीति 2021-22 से जुड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 से दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। नई शराब नीति के तहत शराब का कारोबार पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया और दिल्ली सरकार इससे पूरी तरह बाहर आ गई थी। दिल्ली सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी लाने को लेकर माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था। ये भी दावा किया गया था कि इससे सरकार के राजस्व में भी इजाफा होगा. दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी लागू हुई तो नतीजे सरकार के दावों के ठीक उलट आए। 31 जुलाई 2022 को कैबिनेट नोट में सरकार ने माना कि भारी बिक्री के बावजूद रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ। विपक्ष यह सवाल उठा रहा था कि जब आबकारी नीति में भ्रष्टाचार नहीं हुआ था तो पूरी योजना क्यों वापस लेने पर सरकार मजबूर हुई।
आबकारी की नई नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था। 16 विक्रेताओं को पूरी दिल्ली में डिस्ट्रीब्यूशन का जिम्मा दिया गया था। विपक्ष का आरोप था कि इसमें भ्रष्टाचार हो रहा है। नई नीति को कोर्ट में भी चुनौती दी गई। विपक्ष का कहना था कि टेंडर की शर्तों के हिसाब से कॉर्टल यानी दो-तीन कंपनियों को एक करने की मंजूरी नहीं थी। टेंडर के हिसाब से ब्लैक लिस्टेड कंपनी को अनुमति नहीं थी, लेकिन दिल्ली में एक कंपनी को दो जोन में डिस्ट्रीब्यूशन दिया गया। वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि नई आबकारी नीति का मकसद भ्रष्टाचार नहीं था। लोगों को उचित प्रतिस्पर्धा के तहत शराब लोगों को मुहैया करानी थी।
दिल्ली शराब नीति मामले में अब तक ये हुआ
- 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति लागू की थी। दिल्ली में 32 जोन शराब की दुकान खोलने के लिए बनाए गए थे। हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खोलने की मंजूरी थी। दिल्ली में नीति लागू होने के बाद कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। सरकार का तर्क था कि इससे राजस्व में 3,500 करोड़ का फायदा होगा।