BHOPAL. रविवार को देश की नई संसद का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसद संतोष पांडेय, सरोज पांडेय, अरुण साव, सुनील सोनी, गोमती साय और मोहन मंडावी नजर आए। नई संसद के उद्घाटन पर ये सभी तस्वीरों में बेहद उत्साहित दिखे। सभी नए भव्य संसद भवन के हर कोने में पहुंचकर तस्वीरें क्लिक करते दिखे।
रायपुर के सांसद सुनील सोनी ने ये तस्वीरें अपने मोबाइल फोन से क्लिक की जब PM मोदी नए संसद में सभा को संबोधित कर रहे थे। सोनी के साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और बिलासपुर से सांसद अरुण साव भी साथ दिखे।
पांडेय का प्रणाम
संतोष पांडेय ने कहा- 140 करोड़ भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया। भारत के सपूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश गर्व करता है। देश उनका कर्तज्ञ रहेगा। मेरे देश की माटी खुशबू है नए संसद भवन में, लोकतंत्र के मंदिर को प्रणाम करता हूं। हमें फक्र है नरेंद्र माेदी पर जो गुलामी की दास्ता से आगे बढ़कर नए संसद भवन का निर्माण किया गया।
सावरकर को साव का नमन
साव ने आगे कहा- अपने विचारों से नए भारत को गढ़ने में अहम भूमिका निभाने वाले महान क्रांतिकारी,समर्पित समाज सुधारक विनायक दामोदर सावरकर जी की जयंती पर कोटिश: नमन करता हूं, मातृभूमि की रक्षा एवं स्वतंत्रता के लिए किया गया उनका योगदान सदैव प्रेरणादायक रहेगा। नया संसद भवन, यहां होने वाला हर निर्णय भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्णय होगा... एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से बने नए संसद भवन कर्तव्य पथ पर चलने वाला संसद भवन होगा, इस लोकतंत्र के मंदिर के उद्घाटन के अवसर का साक्षी बनना मेरे लिये गर्व की बात है।
नये भारत का नया संसद
सरोज पांडे ने इस मौके पर कहा- नया संसद-भवन भारत की शताब्दियों में पुरानी लोकतांत्रिक यात्रा का गौरवशाली कीर्त्तिस्तंभ है। भारत की विशालता, भव्यता, आधुनिकता को संजोये एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना से बुने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर का साक्षी बनना मेरे लिये गर्व की बात है।
मंडावी को गर्व है
कांकेर सांसद मोहन मंडावी ने कहा- हर भारतीयों की तरह मुझे भी मेरे हिंदुस्तान पर गर्व है। भारत के नवीन संसद भवन के उद्घाटन के ऐतिहासिक पल के साक्षी रहे आज सुबह से ही हवन पूजन और वैदिक मंत्रोचार के बीच प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने नवीन संसद भवन का उद्घाटन किया। यह नवीन संसद भवन 140 करोड़ जनता के स्वाभिमान का प्रतीक है। यह माननीय प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम रहा है।
इसे प्रणाम क्यों कर रहे सांसद
तस्वीर में दिख रहा दंड, सेंगोल है। भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने नेहरू को पीएम बनने के बाद इसे नेहरू को दिया था। ये एक तरह से सत्ता सौंपने का प्रतीक रहा। इस सेरेमनी के बाद ये राजदंड इलाहाबाद संग्रहालय में रख दिया गया। पीएम मोदी भी इससे प्रभावित हुए। उन्होंने इसकी गहन जांच के आदेश दिए। इसके बाद तय किया गया कि इसे नई संसद में स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा। नई संसद के उद्घाटन के मौके पर इसे पूरे विधि-विधान से पीएम मोदी को सौंपा गया। इसे छत्तीसगढ़ के सांसदों ने करीब से जाकर प्रणाम किया। ये तमिल परंपरा में इस्तेमाल किया जाता था, इसे साउथ में ही तब तैयार किया गया था। इसलिए इसकी स्थापना में तमिलनाडु के कई अधिमानों के प्रणेता उपस्थित रहे। उन्होंने बाकायदा इसका अनुष्ठान किया कोलारु पदिगम गाया। सेंगोल को गंगा जल से शुद्ध किया गया और एक पवित्र प्रतीक के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपा गया।