BHOPAL. एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए हैं। उन्होंने 30 सितंबर को ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया गया था। दिग्विजय ने कहा था कि वो मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बनेंगे। इसके बाद 1 अक्टूबर को उन्होंने रहीम दास का एक दोहा ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा 'चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बे परवाह, जाके कछु नहीं चाहिए, वे शाहन के शाह'। इस दोहे का अर्थ होता है, जिन्हें कुछ नहीं चाहिए वो राजाओं के राजा हैं क्योंकि उन्हें ना तो किसी चीज की चाह है, ना ही चिंता और मन तो बिल्कुल बेपरवाह है।
चाह गई चिंता मिटी
मनुआ बे परवाह
जाके कछु नहीं चाहिए
वे शाहन के शाह।
-रहीम
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 1, 2022
खड़गे की एंट्री से दिग्विजय को हटना पड़ा था पीछे
यही नहीं खड़गे के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन को लेकर पूर्व एमपी सीएम ने रिएक्ट भी किया था। उन्होंने कहा कि खड़गे जी हमारे वरिष्ठ हैं और मैंने उनसे कहा कि मैं आपका प्रस्तावक बनूंगा। मेरी प्रतिबद्धता कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार के प्रति है। बाद में खड़गे के नामांकन में दिग्विजय सिंह प्रस्तावक के तौर शामिल हुए। अभी कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच है।
‘गांधी-नेहरू परिवार के लिए मैं हमेशा खड़ा रहा’
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने अपनी पूरी कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया और आगे भी करता रहूंगा। मैं हमेशा दलित-आदिवासियों और गरीबों के लिए खड़ा रहा, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ लड़ता रहा और गांधी-नेहरू परिवार के लिए मेरी प्रतिबद्धता। यह तीन चीजें हैं, जिनसे मैंने कभी समझौता नहीं किया। बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, ए. के. एंटनी, अंबिका सोनी और मुकुल वासनिक उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने हैं।