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श्रीनाथ दांगी, RAJGARH. प्रदेश में विधानसभा चुनाव आते ही दावेदारों के बीच गुटबाजी सामने आने लगी है। एक तरफ राजगढ़ जिले में पांचों विधानसभा में दावेदार एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ एक ही परिवार में राजनीतिक विरासत संभालने के लिए कुटुंब की कलह खुलकर सामने आना शुरू हो गई है।
पूर्व विधायक के घर में राजनीतिक सियासत धार्मिक आस्था में बंटी
तीन दिन पहले राजगढ़ में BJP का विधानसभा स्तरीय सम्मेलन हुआ। इसमें दावेदारों का आपस में जमकर पोस्टर वार हुआ है। दावेदारों ने अपने-अपने ग्रुप के हिसाब से जमकर पोस्टर लगाए हैं, वहीं प्रमुख दावेदार हरिचरण तिवारी के घर में राजनीतिक सियासत धार्मिक आस्था के रूप में बंटी हुई दिखाई दे रही। पूर्व विधायक हरिचरण तिवारी भले ही विधानसभा के प्रमुख दावेदार हों, लेकिन वह अब शारीरिक रूप से पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं। इसी के चलते उनके तीन बेटे क्षेत्र में सक्रिय हैं। पहली पत्नी के बेटे आशीष तिवारी और अभिषेक तिवारी क्षेत्र में लंबे समय से दिखाई दे रहे हैं वहीं दूसरी पत्नी के बेटे अंशुल तिवारी सोशल मीडिया के माध्यम से हाई प्रोफाइल राजनीति कर रहे हैं। इसके अलावा पूर्व विधायक के छोटे भाई रमाकांत तिवारी भी कभी-कभी क्षेत्र में दिखाई देते हैं।
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पहले अंशुल तिवारी हनुमान कथा अब आशिष तिवारी शिवकथा के जजमान
बता दें कि दूसरी पत्नी के बेटे अंशुल तिवारी ने राजनीतिक जमीन तलाशने खिलचीपुर में 26 से 29 जून को बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से हनुमान कथा का आयोजन कराया था। जिसमें पारिवारिक कलह को भूलते हुए पूरा परिवार एक मंच पर शामिल होकर मुख्य जजमान की भूमिका में रहा। इससे लग रहा था कि तिवारी के बेटों में मनमुटाव खत्म होने लगा है। अब आशीष तिवारी कुबेरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा से 19 से 23 अगस्त तक शिव कथा का आयोजन करा रहे हैं। वहीं हरिचरण तिवारी चुनावी सियासत के बीच धार्मिक मंच से पूरे जिले के लोगों को घर-घर से अयोध्या और बागेश्वर धाम के दर्शन कराने का संकल्प लेकर मंच से वचन दे चुके हैं। हालांकि, यह वचन पूरा करने के लिए अभी कोई प्रयास शुरू किए गए।
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अंशुल तिवारी का फिर सवा लाख रुद्राक्ष बंटवाने का वीडियो वायरल
तिवारी परिवार द्वारा धार्मिक आयोजन व आस्था से लोगों के बीच पैठ बनाने की कड़ी में शिवकथा के आयोजन से पहले ही वीडियो वायरल होने लगे हैं। इस सियासत के बीच बुधवार को अंशुल तिवारी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह जिले में सवा लाख अभिमंत्रित रुद्राक्ष बंटवाने की बात कह रहे हैं। हालांकि, यह रुद्राक्ष कब बांटे जाएंगे और कैसे, इसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन बताया जा रहा है कि आशीष तिवारी की शिव कथा के पहले उनके छोटे भाई अंशुल तिवारी रुद्राक्ष वितरण का यह आयोजन करने जा रहे हैं। वहीं देर रात आशीष तिवारी के समर्थकों का दूसरा वीडियो वायरल हुआ। जिसमें पंडित मिश्रा राजगढ़ में कथा की तारीख बता रहे हैं। इसी बीच एनाउंस किया जा रहा की कुबेरेश्वेर धाम के रुद्राक्ष का वितरण धाम पर ही होता है, किसी के बहकावे में नहीं आएं और भ्रमित नहीं हों। ऐसे में लोगों के बीच मुख्य चर्चा सामने आ रही कि पिता की राजनीतिक विरासत संभालने दोनों भाई लगे हुए हैं। अब इनकी विधानसभा की दावेदारी कहां से पेश होगी, यह तो आगामी समय में ही तय हो पाएगा।
समझिए- भक्ति कहीं और भाव कहीं
पंडित हरिचरण तिवारी साल 2003 से 2008 तक राजगढ़ से भाजपा के विधायक रहे हैं। इसके बाद इन्हें टिकट का मौका नहीं मिला है। हर साल वह दावेदारी करते हैं। इनके भाई रमाकांत तिवारी दो बार के जनपद पंचायत अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके बाद राजनीतिक समीकरण बनाने इन्होंने बेटे अभिषेक तिवारी को सीसीबी का चेयरमैन बनाना चाहा, लेकिन वह चुनाव भी नहीं हो सके। अब बड़े बेटे आशीष तिवारी राजनीतिक विरासत संभालने तैयार हो रहे, लेकिन इसी बीच अंशुल तिवारी की भी दावेदारी यहां से शुरू हो गई है।