UJJAIN : कांग्रेस ने 2 और निर्दलीय का एक जनपद पर कब्जा, BJP के हाथ खाली; गुस्से में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने दी गाली

author-image
Nasir Belim Rangrez
एडिट
New Update
UJJAIN : कांग्रेस ने 2 और निर्दलीय का एक जनपद पर कब्जा, BJP के हाथ खाली; गुस्से में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने दी गाली

UJJAIN. उज्जैन में हुए जनपद चुनाव में कांग्रेस ने दो तो एक पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया। बीजेपी ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार हो गई। उज्जैन जनपद में चुनाव के दौरान जमकर हंगामा हुआ। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को गाली तक दे डाली। उन्होंने काफी भड़काऊ शब्दों का प्रयोग किया। उज्जैन जनपद में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी जनपद अध्यक्ष की सीट पर काबिज हो गया था। उज्जैन में जनपद पंचायत के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया हुई। उज्जैन जनपद, खाचरौद और बड़नगर में आज बीजेपी की जमीन खिसकाने वाले परिणाम सामने आए। बहुमत वाली बीजेपी की सभी सीट हाथ से चली जाएंगी ये खुद बीजेपी के दिग्गजों को पता नहीं होगा। उज्जैन और खाचरौद जनपद में बीजेपी के पास 13 वोट और कांग्रेस के पास 12 वोट थे, जबकि बड़नगर में बीजेपी के पास 20 और कांग्रेस के पास 5 वोट थे।




— TheSootr (@TheSootr) July 27, 2022



खाचरौद पर्ची उछालकर हुआ फैसला



खाचरौद पर अगर नजर डाली जाए तो बीजेपी के 8 सदस्य जीते थे जबकि कांग्रेस के 10 सदस्य जीते थे। वहीं 7 निर्दलीय जीते थे जिनमें 5 बीजेपी समर्थित थे तो 2 कांग्रेस समर्थित थे। इस तरह बीजेपी के पास 13 और कांग्रेस के पास 12 वोट थे लेकिन आज जब चुनाव अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के लिए कराया गया तो कांग्रेस के तो सभी 12 सदस्य ने वोटिंग की लेकिन बीजेपी के 13 में से 12 सदस्यों ने वोटिंग पार्टी प्रत्याशी के लिए की और एक सदस्य ने नोटा पर वोट डाला। इस तरह दोनों को बराबर वोटिंग हुई और इस तरह पर्ची उछाल कर चयन किया गया तो कांग्रेस प्रत्याशी के नाम की पर्ची उठी और कांग्रेस का प्रत्याशी विजयी हुआ। इसके बाद बीजेपी के लोगों ने उपाध्यक् चुनाव में वोटिंग नही की ओर कांग्रेस ने उपाध्यक्ष निर्विरोध जीता लिया।



उज्जैन जनपद चुनाव के दौरान हुआ हंगामा



उज्जैन जनपद में बीजेपी के पास 13 वोट के साथ बहुमत था जबकि कांग्रेस के पास 12 वोट के साथ बहुमत से एक वोट कम था लेकिन आज जब जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए चुनाव हुए तो बीजेपी के 9 मतदाता ही वोट डालने पहुंचे। बताया जा रहा है कि 4 सदस्यों को बीजेपी के मंत्री ने क्रॉस वोटिंग के डर से सुरक्षित स्थान पर बैठा दिया और उनके वोट की जगह प्रॉक्सी वोटिंग की मांग की, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया और प्रॉक्सी वोटिंग नहीं होने दी और कांग्रेस ने अपने सभी 12 मतदाताओं से तय समय पर वोटिंग करवा ली। जिसके चलते कांग्रेस में बहुमत ना होने के बावजूद अपना अध्यक्ष बना लिया। चुनाव में हार मिलने से बीजेपी में आक्रोश देखने को मिला खुद उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव जनपद कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों के सामने मतदान का विरोध करने लगे यहां तक कि मंत्री मोहन ने आव देखा ना ताव अधिकारियों को गालियां देना शुरू कर दीं और आक्रोश में आकर तोड़फोड़ और आग लगाने तक की बात कह दी। हालांकि तब तक कांग्रेस के विजय प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेसियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया था और अधिकारियों ने प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया था। नाराज मंत्री मोहन यादव धरने पर बैठ गए और विरोध स्वरूप उपाध्यक्ष चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। आखिरकार कांग्रेस को उपाध्यक्ष निर्विरोध मिल गया।



क्या ओवर कॉन्फिडेंस में हारी बीजेपी ?



दरअसल बीजेपी के कद्दावर नेता प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ यहां पर ओवर कॉन्फिडेंस में खेल हो गया। डॉ. मोहन यादव ने अपने प्रत्याशी को खड़ा करने के चलते पार्टी के ही पूर्व विधायक शिवनारायण जागीरदार के परिवार के सदस्य को जनपद अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने दिया जिसके चलते बीजेपी में आपसी फूट हो गई और जागीरदार के परिवार के सदस्य सहित अन्य तीन जनपद सदस्य पर क्रॉस वोटिंग की शंका बन गई और विधायक ने इसी के चलते 4 प्रॉक्सी वोटिंग की मांग उठाई लेकिन कांग्रेस ने नियमों के अनुसार परिवार के सदस्य को प्रॉक्सी वोटिंग करने का अधिकार होने की बात करते हुए बाहरी व्यक्ति को प्रॉक्सी वोटिंग ना कराने की मांग उठाई थी, जिसमें कांग्रेस के लोगों को सफलता मिली और मंत्री मोहन यादव अपने प्लान में फेल हो गए और घर बैठे बिठाए कांग्रेस को उज्जैन जनपद तोहफे में मिल गई। हालांकि कांग्रेस ने इतनी भर मेहनत जरूर की कि कांग्रेस के समस्त 12 सदस्य एकमत होकर वोट डाल पाए। अध्यक्ष पद पर कब्जा करने का श्रेय तराना विधायक महेश परमार को दिया जा रहा है।



बड़नगर में भी बीजेपी खाली हाथ



बीजेपी को नुकसान खाचरौद और उज्जैन में ही नहीं मिला। देखा जाए तो उज्जैन की बड़नगर तहसील की जनपद में भी बीजेपी की आपसी फूट के चलते हार हो गई है। दरअसल यहां पर कांग्रेस तो दौड़ में नहीं थी लेकिन बीजेपी के ही दो गुट के नेताओं में आपसी राजनीतिक द्वेष का कारण पार्टी का प्रत्याशी बन गया। बीजेपी ने पूर्व विधायक शांतिलाल के समर्थक को पार्टी का प्रत्याशी बनाया था जबकि बड़नगर में ही बीजेपी से पकड़ रखने वाले पंड्या परिवार के समर्थक प्रत्याशी ने निर्दलीय रूप से अध्यक्षता की दावेदारी की थी और आखिरकार यहां पर बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी की हार हो गई और निर्दलीय प्रत्याशी ने चुनाव जीत लिया।


MP News मध्यप्रदेश Ujjain News MP Ujjain कांग्रेस की जीत मध्यप्रदेश की खबरें उज्जैन की खबरें district president election victory of Congress independent win जनपद अध्यक्ष चुनाव निर्दलीय की जीत