KORBA. किसान नेता के रूप में देशभर में प्रसिद्ध और दिल्ली में आयोजित किसान आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले राकेश टिकैत छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। इनके आंदोलन की वजह से ही केंद्र सरकार को कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। 13 फरवरी को कोरबा के बाकीमोंगरा क्षेत्र के गंगानगर में होने वाली सभा में राकेश टिकैत अपनी आवाज बुलंद करेंगे। यहां खदान प्रभावित भू-विस्थापितों ने इस सभा का आयोजन कर उन्हें भी न्योता दिया है।
समस्याओं पर नहीं हो रही सुनवाई
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले कोरबा में कोयला, बाक्साइड अयस्क जैसी खदानों के अलावा बड़ी संख्या में औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं। इसके चलते यहां के किसानों और रहवासियों को जल-जंगल और जमीन जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए जूझना पड़ रहा है। जमीन अधिग्रहण के समय लंबे-चौड़े वादे किए जाते हैं और जमीन छिन जाने के बाद उनके हाथ कुछ नहीं लगता या फिर मिलता भी है तो वो नाकाफी रहता है। कुछ इसी तरह का मामला बाकीमोंगरा क्षेत्र में आया है, जहां खदान में जिनकी जमीन निकली उन्हें विस्थापित तो किया गया, लेकिन उनकी समस्याओं पर सुनवाई नहीं की जा रही है।
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गंगानगर में 13 फरवरी को होगी सभा
गंगानगर में बड़े स्तर पर सभा आयोजन 13 फरवरी को रखा है। इसमें किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बादल सरोज, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला के साथ ही आदिवासी एकता महासभा के राज्य सचिव बाल सिंह और किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पराते, सचिव ऋषि गुप्ता संबोधित करेंगे। उनके साथ ही किसान मोर्चा के प्रमुख राकेश टिकैत भी यहां पहुंचेंगे और अपनी बातें रखेंगे।
ऐसे की जा रही तैयारी
किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर और प्रशांत झा ने बताया कि विस्थापन पीड़ितों की संघर्ष सभा को सफल बनाने 5 वाहन जत्थे घूम रहे हैं। वे नुक्कड़ सभाओं, ग्राम बैठकों और पर्चा वितरण के माध्यम से संघर्ष सभा की जानकारी ग्रामीणों को दे रहे हैं। किसान सभा के कार्यकर्ता गांव-गांव बैठक कर विस्थापित किसानों को संघर्ष सभा के लिए एकजुट कर रहे हैं।