RAIPUR. पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने 3 वर्ष में बाघों पर ₹183 करोड़ खर्च किए हैं। इन आरोपों पर 19 मार्च, रविवार को वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के तीसरे कार्यकाल के 4 साल में 229 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। बावजूद बाघों की संख्या 46 से घटकर 19 रह गई थी।
महेश गागड़ा को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए
मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा 183 करोड़ रुपए की राशि अग्नि सुरक्षा, पेट्रोलिंग, टीकाकरण, चारागाह विकास, भवन निर्माण, तालाब गहरीकरण और एनीकट जैसे अन्य विकास कार्यों के लिए खर्च किए जाते हैं। टाइगर रिजर्व में केवल बाघ ही नहीं होते साथ में अन्य जानवर भी रहते हैं। उन्होंने कहा कि गागड़ा वन मंत्री रहते हुए अपने विभाग के बारे में जानकारी नहीं ले पाते थे। ऐसे में उन्हें आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
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पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने भी कांग्रेस को घेरा
बता दें कि प्रदेश के 19 बाघों पर 3 साल में 183.77 करोड़ खर्च हुए हैं। इतनी बड़ी राशि का खर्च होने पर कई सवाल उठते हैं। कई वन्य प्राणी संरक्षण कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए अब विपक्ष भी इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेर रहा है। पहले पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने इस पर कांग्रेस को घेरा। वहीं पिछली सरकार में वन मंत्री रहे महेश गागड़ा भी इतनी बड़ी रकम के खर्च होने पर हैरानी जता रहे हैं और इसे कांग्रेस सरकार का भ्रष्टाचार बता रहे हैं।
चंद्राकर ने ट्वीट कर साधा निशाना
हाल ही में विधानसभा में मंत्री शिवडहरिया ने जवाब दिया था कि प्रदेश में 19 बाघ हैं। इन बाघों पर 3 साल में 183 करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ है। इस पर अजय चंद्राकर ने ट्वीट करते हुए लिखा- छत्तीसगढ़ में 19 बाघों पर 3 वर्ष में 183 करोड़ रुपए खर्च हुए है...लेकिन कांग्रेस सरकार में भ्रष्ट्राचार होता ही नहीं... ये खर्च भी "ईडी" और "आईटी " के इशारे पर हुए होंगे। कांग्रेस शासन में जनता के पैसे का अनियमित खर्च भ्रष्टाचार नहीं माना जाता।
4 साल में जंगली हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत
वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया है कि प्रदेश सरकार ने पिछले 2019 से 2022 (तीन वर्षों) में राज्य भर के कुल 19 बाघों पर 183.77 करोड़ खर्च कर दिए। उन्होंने कहा खर्च की गई इतनी बड़ी रकम के बारे में प्रदेश सरकार स्थिति स्पष्ट करे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 साल में जंगली हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत हुई। इसी तरह 45 हाथी भी सुरक्षा की बदइंतजामी के चलते मारे गए हैं।