कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के चार चाणक्य, जिन्होंने परदे के पीछे रहकर रणनीतिक तरीके से बदल दी बाजी

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के चार चाणक्य, जिन्होंने परदे के पीछे रहकर रणनीतिक तरीके से बदल दी बाजी

Bangalore. कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई दे रही है। कांग्रेस ने बहुमत का जादुई आंकड़ा छू लिया है। वहीं बीजेपी के लिए दक्षिण का यह प्रदेश हाथ से जाना तय हो गया है। कांग्रेस की इस बड़ी जीत में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के अलावा पर्दे के पीछे से कई चेहरे सक्रिय रहे। जिनके मेहनत और विजन से कांग्रेस ने कनार्टक में बाजी पलट दी है। यहां जानते हैं उन चार चाणक्य के बारे में जिन्होंने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई।



एमबी पाटिल



एमबी पाटिल को कर्नाटक कांग्रेस के लिंगायत चेहरों में गिना जाता है। कांग्रेस की धारदार चुनावी रणनीति के पीछे एमबी पाटिल की भूमिका मानी जाती है। कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के एमबी पाटिल चेयरमैन हैं। कांग्रेस ने इस बार स्थानीय मुद्दों के साथ ही डोर-टू-डोर कैंपेन पर ज्यादा जोर दिया। इसके पीछे भी पाटिल का दिमाग माना जाता है। यही वजह है कि चार साल बाद सोनिया गांधी ने कोई चुनावी रैली की। पांच बार के विधायक और कुमारस्वामी सरकार में गृहमंत्री रहे एमबी पाटिल को मिशन शेट्टार भी सौंपा गया था। जगदीश शेट्टार को कांग्रेस में लाने के पीछे उनका योगदान माना जाता है। सिद्धारमैया के करीबी कहे जाने वाले एमबी पाटिल के पिता बीएम पाटिल भी बड़े राजनेता थे।



ये भी पढ़ें...








शशिकांत सेंथिल



2009 कर्नाटक कैडर के आईएएस सेंथिल कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस वॉररूम के प्रभारी की भूमिका में रहे हैं। 2019 में उन्होंने आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दिया और 2020 में कांग्रेस में शामिल हो गए। जुलाई 2022 में ही उन्हें वॉररूम की जिम्मेदारी दी गई। वॉररूम से चुनाव के दौरान एक-एक सीट का आकलन किया गया और बड़े नेताओं को रिपोर्ट भेजी गई। फैक्ट चेक के साथ ही बीजेपी नेताओं के बयानों पर पलटवार के लिए वॉररूम में सेंथिल के नेतृत्व में एक पूरी टीम काम कर रही थी। सेंथिल मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं। कांग्रेस का दामन थामने पर उन्होंने कहा था कि बीजेपी कर्नाटक में हिंदुत्व के नाम पर विभाजनकारी राजनीति कर रही थी, इसलिए उन्होंने आईएएस की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।



​सुनील कानुगोलू



सुनील कानुगोलू डेटा एनालिसिस का एक्सपर्ट हैं। 2022 से ही कानुगोलू कर्नाटक कांग्रेस के रणनीतिकारों में से हैं। कैंपेन, सर्वे और उम्मीदवारों के सेलेक्शन में कानुगोलू ने रणनीति तैयार की। कर्नाटक के बेल्लारी के रहने वाले कानुगोलू ने अमेरिका से एमबीए की पढ़ाई की है। 2009 में वह भारत लौटे थे। प्रशांत किशोर की टीम (सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस) से भी वह जुड़े। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह नरेंद्र मोदी के अभियान से जुड़ी टीम में शामिल थे। 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की रणनीति बनाने में भी कानुगोलू का योगदान रहा। 2022 में अकाली दल के लिए भी वह काम कर चुके हैं। वहीं कर्नाटक के लिए जब प्रशांत किशोर से बात नहीं बनी तो कांग्रेस ने कानुगोलू से संपर्क किया। राज्य में 40 प्रतिशत वाली सरकार, पे-सीएम और रेट कार्ड जैसी मुहिम के पीछे कानुगोलू का दिमाग माना जाता है। घोषणा पत्र में भी उनसे मदद ली गई। कांग्रेस ने उन्हें मध्य प्रदेश का भी प्रभार सौंपा है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने वाली कांग्रेस की 2024 टास्क फोर्स के भी वह सदस्य हैं।



जी परमेश्वर



कर्नाटक में कांग्रेस का घोषणा पत्र बनाने वालों की टीम में जी परमेश्वर अहम चेहरे के रूप में शामिल हैं। इस मेनिफेस्टो की पांच गारंटियां काफी चर्चा में रहीं। हालांकि, पीएफआई के साथ बजरंग दल पर बैन का जिक्र कर इस घोषणा पत्र से कांग्रेस को थोड़ी मुश्किल भी हुई। लेकिन 62 पन्नों के इस घोषणा पत्र की बाकी बातें कांग्रेस के पक्ष में गईं। गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृह लक्ष्मी स्कीम में परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपए प्रति माह की गारंटी दी गई। इसके अलावा अन्न भाग्य के जरिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार के हर सदस्य को 10 किलो चावल प्रति माह की गारंटी दी गई। वहीं युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रैजुएट को 3,000 रुपए मासिक की गारंटी दी। साथ ही डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपए प्रति माह की गारंटी शामिल की गई। परमेश्वर के नेतृत्व में उनकी टीम ने कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए घोषणा पत्र बनाया। 1989 में पहली बार एमएलए बनने वाले परमेश्वर लाइमलाइट से दूर रहते हैं। 2018 में जब कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार बनी तो कुमारस्वामी सीएम और परमेश्वर डेप्युटी सीएम बने। 1999 में उच्च शिक्षा मंत्री और 2015 में सिद्धारमैया सरकार में वह गृहमंत्री भी बने थे। 


karnataka news कर्नाटक न्यूज karnataka assembly result congress majority in karnataka four chanakyas of congress chanakyas of victory in karnataka कर्नाटक विधानसभा परिणाम कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत कांग्रेस के चार चाणक्य कर्नाटक में जीत के चाणक्य