संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस ने केंद्र की नीतियों खासकर गौतम अडाणी को लेकर उनकी पक्षपात वाली नीतियों का आरोप लगाकर पूरे देश में 13 मार्च को राजभवन घेराव वाले प्रदर्शन किए। इसमें बेरोजगारी, मंहगाई जैसे मुद्दे भी शामिल रहे। मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी को लेकर राजस्थान में तो कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने यहां तक विवादित टिप्पणी कर दी कि जब कांग्रेस आए तो अडाणी-अंबानी नहीं आने चाहिए, इन्हें जेल जाना चाहिए, मोदीजी अडाणी जैसे व्यक्ति को ईस्ट इंडिया कंपनी बनाकर लाए हैं। बीजेपी को मारो तो अडाणी अपने आम खत्म हो जाएगा, लेकिन बीते कुछ समय में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की बात करें तो क्या राजस्थान की कांग्रेस की अशोक गेहलोत की सरकार हो या फिर साढ़े तीन साल पहले की मप्र में खुद कांग्रेस के कमलनाथ की सरकार, सभी ने निवेश के लिए दोनों उद्योगपतियों के लिए रेड कार्पेट बिछाया है। सभी सरकारों को इनसे निवेश चाहिए, ताकि उद्योग लगे और रोजगार मिले। ऐसे में भले ही राजनितिक विरोध हो रहा है, लेकिन यह दोनों ही उद्योगपति कांग्रेस हो या बीजेपी सरकार दोनों के लिए अनिवार्य बने हुए हैं।
राजस्थान सरकार ई कार्ट में लेकर घूमी अडाणी को
सात अक्टूबर 2022 को राजस्थान में हुई ग्लोबल समिट के दौरान गौतम अडाणी ना केवल आए, बल्कि खुद सीएम अशोक गेहलोत ने उन्हें दुनिया के दूसरे सबसे अमीर बनने पर बधाई भी दी और फिर ई कार्ट में अपने साथ बैठाकर समिट स्थल पर घुमाया। अडाणी ने भी यहां 65 हजार करोड़ के निवेश की घोषणा की। उधर मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने करीब एक लाख करोड़ के निवेश की घोषणा राजस्थान में करने की बात कही। उन्होंने देश में 5 जी की शुरूआत ही राजस्थान के नाथद्वारा से की। अंबानी और अदाणी दोनों का ही राजस्थान में खासा निवेश है।
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कमलनाथ सरकार के समय अंबानी, अडाणी ने जताई थी निवेश की मंशा
इसी तरह अक्टूबर 2019 में जब मप्र में कमलनाथ सरकार थी, तब मुकेश अंबानी ने कार्यक्रम को वेबकास्ट के जरिए संबोधित किया था और सबसे ज्यादा दस हजार करोड़ के निवेश की घोषणा की थी। खासकर वेयर हाउस सेक्टर में और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाने की बात उन्होंने कही थी। वहीं गौतम अडाणी के ग्रुप ने फूड और लॉजिस्टिक सेक्टर में विस्तार का ऐलान किया था और कहा था कि कंपनी अपने सारे निवेश डेढ़ से दो साल में दोगुना करेगी।
बीजेपी सरकार में भी दोनों उद्योगपतियों पर रहा फोकस
सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में जनवरी 2023 में हुए ग्लोबल समिट के दौरान भी और इसके पहले की समिटों में भी गौतम अदाणी और मुकेश अंबानी दोनों पर सरकार का खासा फोकस रहा है। इस समिट में अडाणी ग्रुप की ओर से 80 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश की घोषणा की गई, पहले से ही ग्रुप यहां 27500 करोड़ का निवेश कर चुका है। इसी तरह रिलायंस ग्रुप द्वारा भी भारी निवेश की घोषणा की गई थी।