सोमालिया की पुरानी संसद की बिल्डिंग (बाएं) और भारत की नई संसद।
NEW DELHI. भारत की नई संसद बिल्डिंग पर लगातार विवाद जारी है। अब दिग्विजय सिंह ने नई बात कही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर नई संसद की तुलना सोमालिया की रिजेक्टेड बिल्डिंग से कर दी। दिग्विजय ने टीएमसी के सांसद के ट्वीट को रीट्वीट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नई संसद का उद्घाटन किया था। राष्ट्रपति से उद्घाटन ना कराने को लेकर 20 विपक्षी दलों ने कार्यक्रम का विरोध किया था।
तृणमूल सांसद का तीखा तंज
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने ट्वीट किया- गुजरात से मोदी के 'पालतू' आर्किटेक्ट ने सोमालिया की पुरानी संसद की नकल करने के लिए 230 करोड़ चार्ज किए। सोमालिया ने अपनी पुरानी संसद को खारिज कर दिया है। यह नए भारत की प्रेरणा है! गुजरात से मोदी के पालतू वास्तुकार- जो हमेशा "प्रतिस्पर्धी बोली" के जरिए मोदी के मेगा अनुबंध हासिल करते हैं (अहमदाबाद, वाराणसी, दिल्ली की संसद + सेंट्रल विस्टा में) ने हमसे सोमालिया के डिजाइन की नकल करने के लिए 230 करोड़ फीस ली।
सरकार के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को टैग कर लिखा- क्या आप इस पर यकीन कर सकते हैं कि सोमालिया की खारिज की गई संसद बिल्डिंग हमारे पीएम की प्रेरणा है। जवाहर सरकार को पूरे नंबर। कॉपी कैट आर्किटेक्ट से 230 करोड़ की वसूली की जाए।
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">Full marks to you <a href="https://twitter.com/jawharsircar?ref_src=twsrc%5Etfw">@jawharsircar</a>. Can you believe it!! Somalia’s rejected Parliament building is our <a href="https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw">@narendramodi</a> ji’s inspiration!! <a href="https://twitter.com/PMOIndia?ref_src=twsrc%5Etfw">@PMOIndia</a> please recover ₹230 crores from your copy cat Architect. <a href="https://twitter.com/BJP4India?ref_src=twsrc%5Etfw">@BJP4India</a> <a href="https://twitter.com/INCIndia?ref_src=twsrc%5Etfw">@INCIndia</a> <a href="https://t.co/VlaqKqEmvB">https://t.co/VlaqKqEmvB</a></p>— digvijaya singh (@digvijaya_28) <a href="https://twitter.com/digvijaya_28/status/1663713839358308352?ref_src=twsrc%5Etfw">May 31, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
आरजेडी ने भी उठाए थे सवाल
इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल ने भी इसकी डिजाइन को लेकर सवाल उठाए थे। आरजेडी ने नए संसद भवन की तुलना ताबूत से करते हुए पूछा था कि ये क्या है? हालांकि बाद में आरजेडी की ओर से सफाई आई थी कि उनके उस ट्वीट के गलत मायने निकाले गए। ट्वीट के जरिए आरजेडी ने पूछा था कि लोकतंत्र को ताबूत में बंद कर उसके मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है। वहीं, बीजेपी ने इस ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ये ट्वीट आपकी राजनीति के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा।
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पीएम ने 28 मई को किया था उद्घाटन
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें, समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ दिन है। देश आजादी के 75 साल होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है, इस अवसर पर देश को यह नया संसद भवन उपहार में मिला है।
पीएम ने कहा कि यह सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का प्रतिबिंब है। नए रास्तों पर चलकर ही नए कीर्तिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य लेकर नए रास्ते गढ़ रहा है।
नई संसद बनने में 1200 करोड़ खर्च हुए
मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। इस काम के लिए राज्यसभा और लोकसभा ने 5 अगस्त 2019 को आग्रह किया था। इसकी लागत 861 करोड़ रुपये आंकी गई थी। हालांकि बाद में इसके निर्माण की कीमत 1,200 करोड़ तक पहुंच गई। नई संसद को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। चार मंजिला संसद भवन में 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है।