BHOPAL. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव-2023 का समय पास आने के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी भी बढ़ती जा रही है। इन बयानबाजी का मोर्चा सीएम शिवराज सिंह और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने संभाल रखा है। दोनों एक-दूसरे के हर बयान पर काउंटर कर रहे हैं। ताजा मामला 'रेलवे का अमृतकाल' से जुड़ा है। शिवराज सिंह के कांग्रेस पर लगाए आरोपों के अब बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि रेलवे को बेईमान 'डबल इंजन' नहीं, एक 'ईमानदार इंजन' की जरूरत है।
सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर बोला था हमला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने ट्विटर (अब एक्स) हैंडल से वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''रेलवे का अमृतकाल' आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में स्वर्णिम मध्य प्रदेश का निर्माण हो रहा है। मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि "अमृत भारत स्टेशन योजना" में मध्य प्रदेश के 34 रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होने जा रहा है। मैं समस्त प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।' इसी के साथ सीएम शिवराज ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि सरकार-सरकार में फर्क होता है। साल 2009 से 2014 तक जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब प्रदेश को 632 करोड़ रुपए का रेलवे बजट दिया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2023-24 में प्रदेश को 13 हजार 607 करोड़ रुपए का रेलवे बजट मिला है।
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सीएम के ट्वीट का कमलनाथ ने भी सोशल मीडिया पर दिया जवाब
सीएम शिवराज सिंह के आरोप पर कमलनाथ ने भी तगड़ा प्रहार किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर जवाब देते हुए कहा, 'मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं 'रेलवे का अमृतकाल' आ गया है। ऐसे में जनता बीजेपी से सवाल पूछ रही है कि अगर ये झूठ नहीं है तो फिर 'रेलवे के अमृतकाल' में...
- जनता को रिज़र्वेशन क्यों नहीं मिलता?
कमलनाथ ने लिखा कि 'लगता है भाजपाई जुमलाकोश में ‘रेलवे का अमृतकाल’ जोड़ने से पहले, इस पर कोई विचार नहीं किया। रेलवे को बेईमान ‘डबल इंजन’ नहीं, बस एक ईमानदार इंजन की जरूरत है।'
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कमलनाथ और शिवराज का एक दूसरे पर जुबानी हमला क्यों?
वरिष्ठ पत्रकार रविन्द्र दुबे कहते हैं कि मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ये तो चुनाव के नतीजे बताएंगे, लेकिन अपने-अपने दल की ओर से शिवराज और कमलनाथ ही राज्य नेतृत्व का प्रमुख चेहरा हैं। इसलिए बड़े राजनीतिक कैनवास पर देखें तो जनता इन्हीं दोनों नेताओं के वादे और आरोपों को गंभीरता से सुनकर मतदान के लिए अपना मन बना रही है। इसी वजह से शिवराज और कमलनाथ आपस में जुबानी हमला करने का कोई मौका नहीं चूकते।
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विधानसभा-2023 के नवंबर में चुनाव हो सकते हैं
मध्य प्रदेश में अगली सरकार के गठन के लिए नवंबर में चुनाव हो सकते हैं। राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से जिस दल को 116 या उससे अधिक सीटें या विधायकों का समर्थन मिलता है, अगली सरकार वही बनाएगा। इसी के चलते शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार को बचाने और कमलनाथ नए मुख्यमंत्री बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।